17.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 12:28 am
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Kundali Dosh: कुंडली में सप्तम भाव-सप्तमेश के पीड़ित होने पर शादी में देरी और वैवाहिक जीवन होता है कष्टकारी

Advertisement

Kundali Dosh: अगर लड़का-लड़की का विवाह नहीं हो पा रहा है, या वैवाहिक जीवन में परेशानी है तो इसका कारण ग्रह-नक्षत्रों का योग और कुंडली दोष हो सकता है. ज्योतिष में कुंडली के कुछ ऐसे योग बताए गए हैं, जिनसे विवाह में देरी और वैवाहिक जीवन में कलह होती है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Kundali Dosh: अगर कोई लड़का-लड़की सुयोग्य है, लेकिन उसकी शादी नहीं हो पा रही है तो इसका मतलब कुंडली दोष भी हो सकता हैं. ज्योतिष में कुंडली के कुछ ऐसे योग बताए गए हैं, जिनसे विवाह में देरी होती है. बहुत कोशिशों के बाद भी विवाह जल्दी नहीं हो पाता है. यदि उनका विवाह हो भी जाता है तो वैवाहिक जीवन बहुत कष्टकारी होता है. ज्योतिष शास्त्र में इसका कारण सप्तम भाव और सप्तमेश का पीड़ित होना बताया गया है. ज्योतिषाचार्य व टैरो कार्ड रीडर और वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ रितु तिवारी ने बताया कि कई बार सप्तमेश एवं सप्तम भाव पीड़ित नहीं रहता है, फिर भी कई लोगों का विवाह नहीं होता है या बहुत देर होता है इसका कारण है सप्तम भाव एवं सप्तमेश की कमजोर स्थिति, जिसका ज्योतिषीय उपाय भी है.

विवाह में देरी होने का ज्योतिषीय कारण

सप्तम भाव का स्वामी यदि बिल्कुल कमजोर है और सप्तम भाव पर किसी दूसरे ग्रह की दृष्टि नहीं है, जिसके कारण सप्तम भाव को बल मिले या किसी की दृष्टि भी है तो वह भी बिल्कुल कमजोर है. तब ऐसी स्थिति में सप्तम भाव को किसी प्रकार का बल प्राप्त नहीं होता, जिसके कारण कई लोगों में कोई कमी ना होने के कारण भी विवाह में बहुत विलंब हो जाता है या विवाह नहीं हो पाता.

कुंडली के सप्तम भाव में बुध और शुक्र दोनों हो तो विवाह की बातें होती रहती हैं, लेकिन विवाह काफी समय के बाद होता है. यदि सप्तम भाव में शनि और गुरु हो तो शादी देर होती है. अगर सप्तम में त्रिक भाव का स्वामी हो, कोई शुभ ग्रह योगकारक नहीं हो तो विवाह में देरी होती है.

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सप्तमेश शुक्र है और वह बिल्कुल कमजोर हैं. सप्तम भाव में बुध विराजमान है परंतु वह भी बिल्कुल कामजोर है. दूसरे किसी ग्रह की सप्तम पर दृष्टि नहीं है, जिसके कारण ऐसे व्यक्ति की विवाह नहीं होती है. उस व्यक्ति की ज्यादा उम्र होने के बाद भी विवाह नहीं हो पाती है.

विवाह में देरी होने की वजह

यदि सप्तमेश बिल्कुल कमजोर हो जाए या सप्तम भाव पर किसी ग्रह की दृष्टि ना हो या यदि किसी की दृष्टि हो भी तो वह भी बिल्कुल कमजोर हो, तब सप्तमेश का रत्न धारण करना आवश्यक है, उसके बिना वैवाहिक जीवन का सुख प्राप्त करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है.

सप्तम में त्रिक भाव का स्वामी हो, कोई शुभ ग्रह योगकारक नहीं हो तो विवाह में देरी होती है. अगर सूर्य, मंगल या बुध लग्न या लग्न के स्वामी पर दृष्टि डालते हों और गुरु बारहवें भाव में बैठा हो तो व्यक्ति में आध्यात्मिकता अधिक होने से विवाह में देरी होती है. वहीं लग्न (प्रथम) भाव में, सप्तम भाव में और बारहवें भाव में गुरु या शुभ ग्रह योग कारक न हो और चंद्रमा कमजोर हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं.

कुंडली के सप्तम भाव में बुध और शुक्र दोनों हो तो विवाह की बातें होती रहती हैं, लेकिन विवाह काफी समय के बाद होता है. वहीं चौथा भाव या लग्न भाव में मंगल हो और सप्तम भाव में शनि हो तो व्यक्ति की रुचि शादी में नहीं होती है. अगर सप्तम भाव में शनि और गुरु हो तो शादी देर होती है. यदि चंद्र से सप्तम में गुरु हो तो शादी देर से होती है. चंद्र की राशि कर्क से गुरु सप्तम हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं.

महिला की कुंडली में सप्तमेश या सप्तम भाव शनि से पीड़ित हो तो विवाह देर से होता है. अगर राहु की दशा में शादी हो या राहु सप्तम भाव को पीड़ित कर रहा हो तो शादी होकर टूट सकती है. वहीं चौथा भाव या लग्न भाव में मंगल हो और सप्तम भाव में शनि हो तो व्यक्ति की रुचि शादी में नहीं होती है.

Also Read: Astrology: कुंडली में कमजोर बुध करते हैं बिजनेस और करियर तबाह, जानें इन 5 संकेतों से आने वाली मुसीबतें
जल्दी विवाह के लिए कर सकते हैं ये उपाय

  • शिवजी के साथ ही माता पार्वती की भी पूजा करें. माता पार्वती की पूजा खासतौर पर लड़कियों को करनी चाहिए.

  • माता पार्वती की पूजा में सुहाग का सामान चढ़ाएं. इससे विवाह से जुड़ी बाधाएं दूर हो सकती हैं.

  • रोज सुबह गणेशजी और रिद्धि-सिद्धि की पूजा करें, इनकी पूजा करने से घर-परिवार से जुड़ी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.

  • भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा एक साथ करें. विवाह संबंधी मनोकामनाओं के इनकी पूजा खासतौर पर गुरुवार को जरूर करें.

  • विवाह में गुरु, शनि और मंगल के कारण ज्यादा बाधाएं आती हैं, इसीलिए इन ग्रहों के उपाय करते रहना चाहिए.

ज्योतिष संबंधित चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किए जाएंगे

ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन की हर परेशानी दूर की जा सकती है. ये उपाय करियर, नौकरी, व्यापार, पारिवारिक कलह सहित कई अन्य कार्यों में भी सफलता दिलाते हैं. नीचे दिए गए विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए आप एक बार ज्योतिषीय सलाह जरूर ले सकते है. यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें