26.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 07:20 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Mars Transit 2020 : मंगल इस दिन रहा राशि परिवर्तन,जानिए मंगल क्यों है क्रूर ग्रह

Advertisement

Mars Transit 2020 : 22 मार्च 2020 दिन रविवार को दिन में 3 बजकर 06 मिनट पर मंगल ,राशि परिवर्तन कर रहा है. मंगल, शक्ति, साहस, प्रतियोगता, उत्तेजना, षडयन्त्र, क्रोध, शत्रु, विपक्ष विवाद, शस्त्र, व अनेक घातक रोगों का कारक ग्रह भी है. हिन्दू धर्म के अनुसार मंगल ग्रह को मंगल देव का प्रतिनिधित्व माना जाता है, जो एक युद्ध के देवता है. संस्कृत में इन्हें भौम अर्थात भूमि का पुत्र कहा गया है.22 मार्च 2020 को भौम अर्थात मंगल का परिवर्तन अपनी उच्च राशि मकर में होगा. शनि देव की राशि मकर में भौम उच्चत्व को प्राप्त करते है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Mars Transit 2020 : 22 मार्च 2020 दिन रविवार को दिन में 3 बजकर 06 मिनट पर मंगल ,राशि परिवर्तन कर रहा है. मंगल, शक्ति, साहस, प्रतियोगता, उत्तेजना, षडयन्त्र, क्रोध, शत्रु, विपक्ष विवाद, शस्त्र, व अनेक घातक रोगों का कारक ग्रह भी है. हिन्दू धर्म के अनुसार मंगल ग्रह को मंगल देव का प्रतिनिधित्व माना जाता है, जो एक युद्ध के देवता है. संस्कृत में इन्हें भौम अर्थात भूमि का पुत्र कहा गया है.22 मार्च 2020 को भौम अर्थात मंगल का परिवर्तन अपनी उच्च राशि मकर में होगा. शनि देव की राशि मकर में भौम उच्चत्व को प्राप्त करते है.

आइये जानते हैं मंगल के बारे में कुछ खास बातें-

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगल एक क्रूर ग्रह है.मानव जीवन के लिए यह बड़ा प्रभावकारी ग्रह माना जाता है .इसके हमारी जन्म कुंडली में स्थित सभी 12 भावों में इसका प्रभाव अलग- अलग होता है.आइये जानते हैं मंगल अपने प्रभावों से कहां पर मंगल यानि शुभ होता है और कहां इसे अमंगल माना जाता है.

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह मेष राशि एवं वृश्चिक राशि का स्वामी होता है. मंगल मकर राशि में उच्च भाव में तथा कर्क राशि में नीच भाव में कहलाता है.सूर्य, चंद्र एवं बृहस्पति इसके मित्रग्रह या शुभकारक ग्रह कहलाते हैं एवं बुध इसका विरोधी ग्रह कहलाता है. शुक्र एवं शनि ग्रह मंगल से प्रभावित नहीं होता है.

मंगल से संबंधित वस्तुएं हैं- रक्त वर्ण, पीतल धातु, मूंगा, आदि। इसका तत्त्व अग्नि होता है एवं यह दक्षिण दिशा और ग्रीष्म काल से संबंधित है.

ज्योतिषशास्त्र में मंगल ग्रह का महत्व :

वैदिक ज्योतिष मंगल को काफी महत्व देता है .मंगल ग्रह शारीरिक ऊर्जा,आत्मविश्वास और अहंकार, ताकत, क्रोध, आवेग, वीरता और साहसिक प्रकृति का प्रतिनिधित्व करता है.मंगल लड़ाई, युद्ध और सैनिकों के साथ भी जुड़ा हुआ है.गरुड़ पुराण के अनुसार मनुष्य के शरीर में नेत्र मंगल ग्रह का स्थान है.ज्योतिष मानते हैं कि यदि किसी जातक का मंगल अच्छा हो तो वह स्वभाव से निडर और साहसी होगा तथा युद्ध में वह विजयश्री प्राप्त करेगा. लेकिन यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में मंगल अशुभ कक्षा में बैठा हो तो जातक को कई क्षेत्रों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

मांगलिक दोष और वैवाहिक जीवन :

मांगलिक दोष मनुष्य जीवन के वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है.मंगल दोष किसी भी व्यक्ति के विवाह में देरी अथवा अनेकों प्रकार की रुकावटों का कारण होता है.ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में बैठा हो तो यह स्थिति कुंडली में मांगलिक दोष का कारण बनती है. इसके प्रभावों को कम करने के लिए जातक को ज्योतिष से सलाह लेकर मंगल दोष के उपाय करने चाहिए.

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मनुष्य जीवन पर मंगल का प्रभाव :

जन्म कुंडली में लग्न भाव में मंगल ग्रह जातक को पराक्रमी, साहसी और निडर बनाता है. मंगल के प्रभाव से व्यक्ति किसी प्रकार के दबाव में रहकर कार्य नहीं करता है.शारीरिक रूप से व्यक्ति ताकतवर होता है.वह स्वभाव क्रोधी होता है.ऐसे जातकों की सेना, पुलिस, इंजीनियरिंग क्षेत्र में रुचि होती है. मंगल का लग्न भाव होना मंगल दोष भी बनाता है.मांगलिक व्यक्ति निडरता से अपने निर्णय लेता है. वह ऊर्जावान रहता है. वह विपरीत परिस्थितियों में भी चुनौतियों को स्वीकार करता है और जीत भी हासिल करता है.

मंगल के दुष्प्रभाव – यदि मंगल ग्रह कुंडली में कमज़ोर हो तो यह मांगलिक जातक के लिए समस्या पैदा करता है.इसके प्रभाव से व्यक्ति को किसी दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है. उनके पारिवारिक जीवन में भी समस्याएं आती हैं.

रोग – कुंडली में मंगल पीड़ित हो तो व्यक्ति को विषजनित, रक्त संबंधी रोग, कुष्ठ, ख़ुजली, रक्तचाप, अल्सर, ट्यूमर, कैंसर, फोड़े-फुंसी, ज्वार आदि रोक होने की संभावना रहती है।

उपाय – मंगल ग्रह की शांति के लिए मंगलवार का व्रत करें और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.

खगोल विज्ञान में मंगल ग्रह

खगोल विज्ञान के अनुसार, मंगल ग्रह में आयरन ऑक्साइड की मात्रा सर्वाधिक है और इसलिए इसे लाल ग्रह कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह में जीवन की संभावना देखी है.

मंगल ग्रह का धार्मिक व पौराणिक महत्व :

हिन्दू धर्म के अनुसार मंगल ग्रह को मंगल देव का प्रतिनिधित्व माना जाता है, जो एक युद्ध के देवता है.संस्कृत में इन्हें भौम अर्थात भूमि का पुत्र कहा गया है. शास्त्रों में मंगल देव के स्वरूप का वर्णन करते हुए उनकी चार भुजाएँ बतायी गई हैं। वह अपने एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे हाथ में गदा, तीसरे हाथ में कमल तथा चौथे हाथ में शूल लिए हुए हैं और भेड़ उनकी सवारी है.इसके साथ ही मंगल ग्रह का संबंध हनुमान जी भी है. मंगलवार के जातक हनुमान जी का व्रत करते हैं.हनुमान जी अपने भक्तों पर कृपा करते हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें