15.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 09:53 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

काशी में चिताओं के भस्म से खेली गयी होली, ‘खेलें मसाने में होली दिगंबर’ गाने पर झूमे शिवभक्त

Advertisement

चिताओं के ताजा भस्मों से होली खेलने की है पुरानी परंपरा

Audio Book

ऑडियो सुनें

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी, जहां होली काफी अद्भुत अंदाज में मनाई जाती है. गुरुवार को जहां रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ पूरे परिवार के साथ काशी भ्रमण पर निकले और काशी के लोगों ने भोलेनाथ के साथ धूमधाम से होली खेली वहीं इसके अगले दिन बनारस में चिताओं के भस्म को रंग और गुलाल की भांति एक दूसरे पर फेंककर शिवभक्तों ने होली खेली. काशी को मोक्ष की नगरी माना गया है और ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान शिव स्वयं तारक मंत्र देते हैं, इसलिए यहां पर मृत्यु को भी उत्सव माना जाता है. कहा जाता है इस उत्सव में साल में एक बार बाबा विश्वनाथ खुद शामिल होते हैं और उनके भक्त खुद को शिव का गण मान इस दिन चिताभस्म से होली खेलते हैं. शुक्रवार को काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर भक्तों ने चिताभस्म से होली खेली और पुरानी परंपरा को कायम रखा. घाट पर जली हुई चिताओं के ताजा भस्मों को जमा कर उससे होली खेली गयी.

- Advertisement -

बनारस का महाश्मशान मणिकर्णिका घाट शुक्रवार को रोजाना की तरह हो रहे दाहकर्म के दौरान शोक में नहीं डूबा था बल्कि आज दाहकर्म के लिए जुटे लोगों पर भी शिव की होली का उल्लास छाया हुआ था. ‘खेलें मसाने में होली दिगंबर’ जैसे कई लोकप्रिय होली गीतों पर शिवभक्त झूमते दिखे. पूरा श्मशान स्थल चिता भस्म की धुंध में घिरा दिखा. पहले बाबा महाश्मशाननाथ और माता मसान काली की मध्याह्न आरती की गई और बाबा व माता को चिता भस्म अर्पित की गई, उसके बाद मंदिर से लेकर श्मशान तक हर कोना चिता भस्म से भर गया. पहले यह परंपरा केवल संन्यासियों और औघड़ों के द्वारा ही निभाई जाती थी लेकिन अब काफी संख्या में गृहस्तों की भी भीड़ इसमें देखने को मिलती है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें