21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 07:23 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Dhanteras 2020 Date: कब है नरक चतुर्दशी, जानिए इस दिन ये उपाय करने पर समाप्त होता है अकाल मृत्‍यु का भय

Advertisement

Dhanteras 2020 Date: कल धनतेरस का त्‍योहार है. यह पर्व कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धनतेरस का पर्व हर साल यह दीपावली के 2 दिन पूर्व मनाया जाता है, लेकिन इस बार छोटी दीपावली और धनतेरस का त्‍योहार एक ही दिन यानि 13 नवंबर को मानया जाएगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Dhanteras 2020 Date: कल धनतेरस का त्‍योहार है. यह पर्व कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धनतेरस का पर्व हर साल यह दीपावली के 2 दिन पूर्व मनाया जाता है, लेकिन इस बार छोटी दीपावली और धनतेरस का त्‍योहार एक ही दिन यानि 13 नवंबर को मानया जाएगा. धनतेरस का त्‍योहार पर मुख्‍य रूप से लोग खरीदारी करते हैं. इस दिन भगवान धनवंतरी, कुबेर की पूजा की जाती है. धनतेरस के दिन खरीदारी के अलावा दीपदान का भी विशेष महत्‍व माना जाता है.

- Advertisement -

धनतेरस के दिन जलाएं यम दीप

धनतेरस के दिन अकाल मृत्‍यु का भय दूर करने के लिए विशेष प्रकार से पूजा की जाती है. इस दिन यमदीपदान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है. क्योंकि पूरे साल में यही एक दिन है, जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा सिर्फ दीपदान करके की जाती है. कुछ लोग नरक चतुर्दशी के दिन भी दीपदान करते हैं.

यहां जानें यम दीपदान की सरल विधि

यमदीपदान प्रदोषकाल में करना चाहिए, इसके लिए आटे का एक बड़ा दीपक लें. गेहूं के आटे से बने दीप में तमोगुणी ऊर्जा तरंगें एवं आपत्ति लाने वाली तमोगुणी तरंगें शांत करने की क्षमता रहती है. स्वच्छ रुई लेकर दो लंबी बत्तियां बना लें. उन्हें दीपक में एक-दूसरे पर आड़ी इस प्रकार रखें कि दीपक के बाहर बत्तियों के चार मुंह दिखाई दें. अब उसे तिल के तेल से भर दें और साथ ही उसमें कुछ काले तिल भी डाल दें.

प्रदोषकाल में इस प्रकार तैयार किए गए दीपक का रोली, अक्षत एवं पुष्प से पूजन करें. उसके पश्चात् घर के मुख्य दरवाजे के बाहर थोड़ी-सी खील अथवा गेहूं से ढेरी बनाकर उसके ऊपर दीपक को रख दें. दीपक को रखने से पहले प्रज्वलित कर लें और दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए 4 मुंह के दीपक को खील आदि की ढेरी के ऊपर रख दें. ऊं यमदेवाय नमः कहते हुए दक्षिण दिशा में नमस्कार करें.

स्‍कंदपुराण में लिखा है…

कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे ।

यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति ।।

अर्थात कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी के दिन सायंकाल में घर के बाहर यमदेव के उद्देश्य से दीप रखने से अपमृत्यु का निवारण होता है.

पद्मपुराण में लिखा है…

कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां तु पावके।

यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनश्यति।।

कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को घर से बाहर यमराज के लिए दीप देना चाहिए, इससे दुरमृत्यु का नाश होता है.

यम दीपदान का मंत्र

मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह

त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम

इसका अर्थ है, धनत्रयोदशी पर यह दीप मैं सूर्यपुत्र को अर्थात् यमदेवता को अर्पित करता हूं. मृत्यु के पाश से वे मुझे मुक्त करें और मेरा कल्याण करें.

News Posted by: Radheshyam Kushwaha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें