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Chanakya Niti: इन परिस्थितियों में छोड़ देना चाहिए अपनों का साथ, जानें क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य…

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र जैसे कई विषयों के विशेषज्ञ थे. चाणक्य ने आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन, नौकरीपेशा, व्यापार, मित्रता और दुश्मनी आदि पर बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था, जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते है.

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र जैसे कई विषयों के विशेषज्ञ थे. आचार्य चाणक्य ने आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन, नौकरीपेशा, व्यापार, मित्रता और दुश्मनी आदि पर बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था, जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते है. चाणक्य नीतियों को अपनाकर लोग आज भी अपना जीवन सरल बनाते हैं. आचार्य ने पत्नी, भाई-बहन, गुरु और धर्म को काफी महत्वपूर्ण बताया है. हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में इनका त्याग करने की भी सलाह दी है. आइए जानते है चाणक्य नीति…

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आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुरु का स्थान माता-पिता के बराबर होता है. गुरु शिष्य को सही रास्ता दिखाता है और उस पर चलने के लिए हमेशा प्रेरित करता है. अगर गुरु ज्ञानहीन है और शिष्य को सही शिक्षा नहीं देता है, तो ऐसे गुरु का त्याग कर देना चाहिए.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, धर्म व्यक्ति को अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है. नीति शास्त्र के अनुसार, जिस धर्म में दया का उपदेश न हो और वह व्यक्ति से मानवता खत्म कर दे और उसे बर्बादी के रास्ते पर ले जाए, ऐसे धर्म का त्याग करना ही उचित होता है.

चाणक्य के अनुसार, पति-पत्नी का रिश्ता दुख-सुख में साथ निभाने का होता है. जिस घर में पति-पत्नी शांतिपूर्वक रहते हैं, वह घर स्वर्ग समान होता है. जहां पत्नी क्रोधी और पति का साथ नहीं देने वाली होती है, उस व्यक्ति का जीवन नर्क के समान होता है. इस स्थिति में पत्नी का त्याग करना ही बेहतर होता है.

चाणक्य के अनुसार, मुश्किल समय में भाई-बहन भी सहारा होते हैं. लेकिन भाई-बहन आपके प्रति स्नेह भाव नहीं रखते हैं, तो उन्हें त्यागना ही बेहतर होता है.

चाणक्य के अनुसार, जहां अकाल पड़ा हो यानी लोग अन्न के लिए तरस जाते हैं. ऐसे स्थान को जल्द से जल्द छोड़ देने में ही भलाई होती है. ऐसे स्थान पर लंबे समय तक रुकना संभव नहीं होता है.

चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई आपके साथ अपराधी किस्म का व्यक्ति हो, तो ऐसे व्यक्ति का साथ छोड़कर चले जाना चाहिए. क्योंकि इससे आपके मान-सम्मान पर प्रभाव पड़ेगा.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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