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चैती छठ पूजा का खरना व्रत कल,जानें व्रत के नियम और महत्व

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चैत नवरात्र के बीच आज नहाय खाय के साथ चैत छठ की भी उपासना चल रही है. कोरोना वायरस से फैल रहे संक्रमण को देखते हुए पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया गया है.इसलिए कोई अपने घरों से बाहर न निकल घरों में ही सारे विध करेंगे. चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा के उपासना में कल खरना का दिन होगा. खरना के दिन व्रती के द्वारा पूरे दिन व्रत रखा जाता है और शाम को भोजन ग्रहण किया जाता है. खरना का उपवास बिना अन्न व जल ग्रहण किये ही पूरे दिन किया जाता है. शाम को गुड़ से खीर बनाकर व्रती खाती है. व्रती पूरे शांत माहौल के बीच खरना का प्रसाद ग्रहण करती हैं. उस समय किसी तरह शोर न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है. इस उपवास में नमक, चीनी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इस दिन चावल का पिठ्ठा व घी लगी रोटी भी प्रसाद के रूप में वितरीत की जाती है.

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चैत नवरात्र के बीच आज नहाय खाय के साथ चैत छठ की भी उपासना चल रही है. कोरोना वायरस से फैल रहे संक्रमण को देखते हुए पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया गया है.इसलिए कोई अपने घरों से बाहर न निकल घरों में ही सारे विध करेंगे. चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा के उपासना में कल खरना का दिन होगा. खरना के दिन व्रती के द्वारा पूरे दिन व्रत रखा जाता है और शाम को भोजन ग्रहण किया जाता है. खरना का उपवास बिना अन्न व जल ग्रहण किये ही पूरे दिन किया जाता है. शाम को गुड़ से खीर बनाकर व्रती खाती है. व्रती पूरे शांत माहौल के बीच खरना का प्रसाद ग्रहण करती हैं. उस समय किसी तरह शोर न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है. इस उपवास में नमक, चीनी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इस दिन चावल का पिठ्ठा व घी लगी रोटी भी प्रसाद के रूप में वितरीत की जाती है.

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चैती छठ पूजा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होता है. पूरी शुद्धता के साथ इस व्रत को करने का विधान है. छठ पूजा के चारों दिन घरों में छठी मैया के गीत गाए जाते हैं. महिलाओं के अलावा पुरुष भी इस व्रत को रख सकते हैं. व्रत करने वाली महिलाओं को परवैतिन कहा जाता है. व्रत के चार दिनों में उपवास के साथ कठिन नियम और सयंम में रहना होता है. व्रती तमाम सुख सुविधा छोड‍़ सादगी के साथ इस व्रत को पूरा करती हैं. व्रती को बिना सिलाई किया वस्त्र पहनना चाहिए वहीं सोने के लिए जमीन पर बिस्तर लगाया जाता है. माना जाता है कि छठ का व्रत करने वाली महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है और उनके सकुशल रहने का आशिर्वाद मिलता है. पुरुष भी अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए छठ व्रत रखते हैं.

खरना के अगले दिन शाम में भगवान सुर्य को पहली अर्घ्य दी जाती है और उसके अगले दिन प्रात: काल के अर्घ्य के साथ छठ व्रत का समापन हो जाता हैं.

खरना तिथि : 29 मार्च रविवार, खरना शाम 6.20 से रात्रि 8.55 बजे तक

पहला अर्घ्य : 30 मार्च 2020 सोमवार

दूसरा अर्घ्य : 31 मार्च 2020 मंगलवार

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