14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Budh Pradosh Vrat 2024: कार्तिक माह का अंतिम प्रदोष व्रत आज, नोट कर लें शुभ मुहूर्त और महत्व

Advertisement

Budh Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण उपवास है, जिसे हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है। आज 13 नवंबर 2024 को बुध प्रदोष व्रत रखा जाएगा, जानें इसका महत्व

Audio Book

ऑडियो सुनें

Budh Pradosh Vrat 2024:  भगवान शिव के अनुयायी प्रत्येक माह में दो बार प्रदोष व्रत का पालन करते हैं.यह व्रत माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर आयोजित किया जाता है और यह भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है.इस वर्ष 13 नवंबर को प्रदोष व्रत का आयोजन किया जा रहा है.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन उपवास और शिव परिवार की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, जो जीवन में सुख और समृद्धि का संचार करती है.

- Advertisement -

बुध प्रदोष व्रत के लिए पूजा का समय

13 नवंबर को प्रदोष पूजा का समय शाम 5 बजकर 28 मिनट से 8 बजकर 7 मिनट तक निर्धारित किया गया है, जो कुल 2 घंटे 39 मिनट का है.इस दिन प्रदोष काल का समय भी इसी अवधि में है, अर्थात् 5 बजकर 28 मिनट से 8 बजकर 7 मिनट तक.

प्रदोष व्रत  पूजा सामग्री लिस्ट

चंदन, अक्षत, फल, फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, कलावा, कपूर, दीपक, अबीर, गुलाल आदि

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन प्रातः जल्दी उठें.स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें.पूजा स्थल से पुराने फूलों को हटा कर मंदिर को साफ करें.शिवलिंग पर जल अर्पित करें.मंदिर में दीपक जलाएं.शिव-गौरी और गणेशजी की विधिपूर्वक पूजा करें.शिवजी की आरती करें और संध्या पूजा की तैयारी करें, यदि संभव हो तो शाम को पुनः स्नान करें.इसके बाद शिव मंदिर जाएं या घर पर भी शिवलिंग पर जल, बिल्वपत्र, मदार, फल, फूल, भांग और चंदन अर्पित करें.शिवजी के मंत्रों का जाप करें.इसके बाद शिवजी की आरती करें.अंत में पूजा के दौरान हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें.

बुध प्रदोष व्रत का महत्व

मान्यता है कि त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत करने से प्रदोष काल में विधिपूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है.  इस दिन विशेष पूजा करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है और आपके घर में सुख-समृद्धि के अवसर बनते हैं. इसके अतिरिक्त, बुध की स्थिति आपकी कुंडली में और अधिक सुदृढ़ होती है और इसके सकारात्मक प्रभाव में वृद्धि होती है. आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. बुध प्रदोष तिथि का व्रत शिक्षा और ज्ञान की प्राप्ति के लिए किया जाता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें