24.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 06:57 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Ashadha Amavasya 2024: कब है आषाढ़ मास की अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस तिथि का धार्मिक महत्व

Advertisement

Ashadha Amavasya 2024: हिंदू धर्म में आषाढ़ अमावस्या का दिन महत्वपूर्ण होता है, जब श्रद्धालु गंगा स्नान कर भगवान सूर्य, विष्णु, और शिव की पूजा करते हैं. इस दिन पितरों की प्रसन्नता के लिए वस्त्र, अन्न और धन का दान किया जाता है. यह पितृ दोष से मुक्ति और आशीर्वाद प्राप्ति में सहायक माना जाता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे पितृ तर्पण, गंगा स्नान और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के माध्यम से मनाया जाता है. अमावस्या तिथि पितरों के लिए समर्पित है. इस दिन की पूजा से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है. आज घर में समृद्धि और शांति का वातावरण बना रहता है. गंगा स्नान करने और दान देकर व्यक्ति अपने पापों का प्रायश्चित करता है और पुण्य की प्राप्ति करता है.आषाढ़ अमावस्या धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण दिन है जो व्यक्ति को अपने पितरों के प्रति समर्पित बनाता है. इस दिन का उचित अवलोकन और ध्यान रखने से व्यक्ति का जीवन धन्य और समृद्धि से भरा रहता है.

- Advertisement -

कब है अमावस्या तिथि का डेट और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 5 जुलाई 2024 को सुबह 4 बजकर 57 मिनट पर मनाई जाएगी और इसका समापन अगले दिन, यानी 6 जुलाई 2024 को सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर होगा. इस शुभ अवसर का हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. आषाढ़ अमावस्या को पितृ तर्पण, गंगा स्नान और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित विशेष प्रार्थनाओं के साथ मनाया जाता है. इस दिन पितृ तर्पण करने से उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनकी कृपा से परिवार पर आशीर्वाद बरसता है. गंगा स्नान को शुद्धिकरण और इसे अपने पापों का प्रायश्चित माना जाता है. साथ ही, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा से समृद्धि, प्रसन्नता और आध्यात्मिक संगति प्राप्त होती है. आषाढ़ अमावस्या का उपासना न केवल धार्मिक कर्तव्य माना जाता है, बल्कि यह परंपरागत रूप से परिवारीय बंधनों को मजबूती देता है और आत्मिक कल्याण को बढ़ावा देता है. यह एक अवसर है जब समुदाय अपने पूर्वजों को सम्मान देने, दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने और धार्मिक जीवन के प्रति नवीन संकल्प लेने के लिए एकत्र होता है.

Also Read: Rahu Nakshatra Gochar 2024: शनि के नक्षत्र में राहु का दुर्लभ संयोग, इन लोगों की बदलेगी तकदीर, ये राशियां पाएंगी नए कार्य और बड़ी जिम्मेदारियां…

अमावस्या के दिन पूजा विधि

अमावस्या का दिन विशेष माना जाता है, जब श्रद्धालु भगवान विष्णु और अपने पितरों को समर्पित होते हैं. इस अवसर पर सुबह उठकर लोग देवी-देवताओं के ध्यान में लगते हैं और गंगा स्नान का आयोजन करते हैं. यदि यह संभव नहीं हो, तो घर के नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान किया जा सकता है. इसके बाद, सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं और भगवान विष्णु की उपासना में विशेष ध्यान देते हैं. अमावस्या की तिथि पर पितरों के लिए तर्पण करना और उनके प्रति समर्पित व्रत रखना भी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस अवसर पर श्रद्धालु लोग गरीब व्यक्तियों में अन्न, धन, और वस्त्र का दान करके शुभ फल की प्राप्ति के लिए प्रयास करते हैं. इस पुण्यकाल में दान देने से उन्हें सम्पत्ति और संतोष की प्राप्ति होती है और उनका जीवन धार्मिकता और समृद्धि से परिपूर्ण होता है. अमावस्या के यह धार्मिक अनुष्ठान उनकी आत्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है और समाज में एकता और समरसता को बढ़ावा देता है.

स्नान-दान का महत्व

हिंदू धर्म में पर्व और व्रतों के दौरान दान का महत्व अत्यंत उच्च माना जाता है. इसी दृष्टिकोण से आषाढ़ अमावस्या के अवसर पर विशेष रूप से वस्त्रों का दान करने का प्राचीन परंपरागत महत्व है. धार्मिक प्रेमियों के अनुसार, यह दान पितृ प्रसन्नता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उनकी आत्मा को शांति प्राप्ति का माध्यम बनता है. आषाढ़ अमावस्या के दिन भूमि दान भी एक मान्यता से संबंधित कार्य है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भूमि का दान करने से व्यक्ति को पितृ देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. यह कर्म करने से समाज में सामूहिक सुख-शांति और अन्तर्निहित धार्मिकता का प्रदर्शन होता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें