27.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 02:11 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

छोड़ो कल की चिंता

Advertisement

दुनिया का प्रत्येक जीव अपने जीवन से प्यार करता है. मरना कोई नहीं चाहता, अपना प्राण सबको प्रिय होने के कारण मृत्यु का भय देखते ही वह भाग खड़ा होता है. लेकिन मृत्यु तो अटल सत्य है, उससे अब कौन भाग सकता है. एक राजा था. उसको ज्योतिषी ने बताया कि अमुख तिथि को तुम्हारी […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

दुनिया का प्रत्येक जीव अपने जीवन से प्यार करता है. मरना कोई नहीं चाहता, अपना प्राण सबको प्रिय होने के कारण मृत्यु का भय देखते ही वह भाग खड़ा होता है. लेकिन मृत्यु तो अटल सत्य है, उससे अब कौन भाग सकता है. एक राजा था. उसको ज्योतिषी ने बताया कि अमुख तिथि को तुम्हारी मृत्यु हो जायेगी. वह मृत्यु से घबरा कर भागने के लिए तैयार हो गया.

राजा ने सोचा की मृत्यु तो राजमहल में होगी, इसलिए वह राजमहल को छोड़ कर भागना चाहा. उसने एक बहुत तेज घोड़ा मंगवाया और मृत्यु के दिन उस घोड़े पर बैठ कर भागने लगा. वह काफी दूर निकल आया. दोपहर हो गयी. थक जाने के कारण उसने सोचा कि वृक्ष के नीचे थोड़ा आराम कर लूं. वह वृक्ष के नीचे आराम करने लगा. इसी बीच वृक्ष के ऊपर से आवाज आयी, ‘राजा तुम आ गये. मुझे तुम्हारी बहुत चिंता थी कि तुम्हारी मृत्यु इस वृक्ष के नीचे लिखी है और तुम राजमहल में बैठे हो. तुम्हारा बहुत धन्यवाद है कि तुम सही जगह पर पहुंच गये हो और राजा वहीं मर गया. यह कथा बताती है कि जीवन से मोह प्रत्येक व्यक्ति को होता है. प्रत्येक व्यक्ति मृत्यु से भागना चाहता है, लेकिन सच्चाई यह है कि आज तक उससे कोई नहीं भाग सका है.

प्रत्येक व्यक्ति जानता है कि जिसका जन्म होता है, उसकी मृत्यु भी होती है. पशु-पक्षी, पेड़-पौधे सब मरते हैं. लेकिन कुछ लोग हैं, जो जीवन भर आनंद से जीते हैं और कुछ लोग प्रत्येक क्षण मर-मर कर जीते हैं. मृत्यु के भय से केवल मनुष्य ही नहीं पेड़-पौधे भी कांपने लगते हैं. मनोवैज्ञानिक तो यह कहते हैं कि लकड़ी काटनेवाला लकड़हारा को देख कर वृक्ष के पत्ते भी मुरझा जाते हैं. लेकिन, मनुष्य मृत्यु से थोड़ा अधिक डरता है.

अन्य जीव-जंतु डरते अवश्य हैं, मगर मनुष्य की तरह वह जीवन भर गल कर नहीं मरते; क्योंकि वे अपनी बुद्धि से परेशान नहीं रहते. कल-परसों क्या होनेवाला है, वे उसकी परवाह नहीं करते. मनुष्य की परेशानी का कारण है- उसका अधिक विवेकशील हो जाना. जिस कारण उसकी सारी ऊर्जाशक्ति चिंता करने, भयाक्रांत होने और जो दुख कभी आनेवाला नहीं है, उस दुख के स्वागत में फूल लेकर दरवाजे पर खड़ा रहने में बीत जाती है.

– आचार्य सुदर्शन

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें