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धनतेरस आज, शुभ मुहूर्त में करें पूजा व खरीदारी, घर में होगी धनों की वर्षा

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आज धनतेरस है. धनतेरस के मौके पर बाजार की रौनक देखते ही बनती है. लोग खूब खरीदारी के लिए बाहर निकलते हैं. इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की जाती है. आयुर्वेद कॉलेजों व संस्थानों के अलावा वैधशाला व घरों में उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. व्यापारिक प्रतष्ठिानों व घरों में भगवान लक्ष्मी-गणेश की भी […]

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आज धनतेरस है. धनतेरस के मौके पर बाजार की रौनक देखते ही बनती है. लोग खूब खरीदारी के लिए बाहर निकलते हैं. इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की जाती है. आयुर्वेद कॉलेजों व संस्थानों के अलावा वैधशाला व घरों में उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. व्यापारिक प्रतष्ठिानों व घरों में भगवान लक्ष्मी-गणेश की भी पूजा होगी. इस दिन प्रतिमा के अलावा नये सामानों की खरीदारी शुभ है. शनिवार को छोटी दीपावली है. इसी दिन रात में काली पूजा होगी. मां काली की आराधना के लिए अर्द्धरात्री में अमावस्या का होना जरूरी माना गया है.

सोमवार को अन्नकूट व गोवर्धन की पूजा की जायेगी. मंगलवार को यम द्वितीया है. इस दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है व भगवान चित्रगुप्त महाराज की पूजा-अर्चना कर गोधन कूटा जाता है. रविवार को पर्व के तीसरे दिन दीपों का पर्व दीपावली मनायी जायेगी. इस दिन देवी लक्ष्मी व गणेश की पूजा-अर्चना कर सभी की सुख-समृद्धि की कामना की जाती है. इस दिन शाम 5.33 बजे सूर्यास्त के बाद से पूजा-अर्चना की तैयारी शुरू कर दी जायेगी. पूजा-अर्चना के बाद लोग पर्व की खुशी मनायेंगे. इस दिन रात में 09.45 बजे तक अमावस्या है.

धनतेरस पर पीतल के बर्तन खरीदना होता है शुभ

धनतेरस के दिन पीतल, सोना, चांदी आदि खरीदने की परंपरा है. रसोई के लिए भी कुछ न कुछ सामान जरूर लिया जाता है. गाड़ी, घर की डील भी की जाती है. वैसे इस बार शुक्रवार को धनतेरस है तो इस दिन चांदी खरीदने से पैसों का लाभ होगा. इस दिन कुबेर, यम और धन्वंतरि का पूजन होता है. इसके जरिए धन, लंबी उम्र और सेहत की कामना की जाती है. ऐसे में धनतेरस के मौके पर कुछ खास चीजों को खरीदने का विधान है. कहते हैं कि इससे घर में धन वर्षा होती है.

धनरतेरस पर धन वर्षा हो ये पांच चीजें जरूर खरीदें

धन का वरदान पाने के लिए पानी का बरतन खरीदें.

कारोबार में उन्नति के लिए धातु का दीपक खरीदें.

संतान से जुड़ी समस्या हो तो थाली या कटोरी खरीदें.

अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए धातु की घंटी खरीदें.

सुख-शांति के लिए खाना पकाने का बरतन खरीदें.

इन चीजों को भी खरीदना चाहिए

इस दिन बरतन, आभूषण, धनिया, गणेश-लक्ष्मी जी वाला चांदी का सक्किा खरीदें. इसके अलावा वाहन, भूमि भवन , इलेक्ट्रॉनिक आइटम कपड़े घरेलू सामान खरीद सकते हैं. बर्तन खरीदें तो इसे खाली घर न लायें. इसमें अनाज, मिठाई या मेवे भरकर लायें. घर लाकर सामान पर गंगा जल छिड़कें. रोली लगायें और कलावा बांध दें. दीपावली की पूजा में इनको पास रखें.

शुभ मुहूर्त में आज करें खरीदारी

डॉ.एनके बेरा के अनुसार संवत् 2073 कार्तिक शुक्ल पक्ष त्रयोदशी शुक्रवार 28 अक्तूबर 2016 को प्रदोषकाल में शाम 5.39 से 6.56 तक यमदीप दान एवं श्रीकुबेर पूजन का शुभ मुहूर्त है. लाभ का चौघड़िया सुबह 08.10 से 09.35, अमृत का चौघड़िया सुबह 9.36 से 10.31 तक, शुभ का चौघड़िया दोपहर 12.25 से 01.49 तक, वृश्चिक लग्न सुबह 08.18 से 10.35 तक, कुंभ लग्न दोपहर 02.25 से 03.56 तक, वृषभ लग्न शाम सात बजे से आठ 08.56, स्थिर सिंह लग्न रात 01.28 से 03.45 तक. इस दिन रवि अमृत योग, चंद्रमा कन्या राशि, हस्त नक्षत्र, वैधृती योग पूरे दिन रहेगा. इस दिन आप अपनी राशि के अनुसार सामग्री खरीद कर श्रीलक्ष्मी की प्राप्ति कर सकते हैं.

यह होता है. शुभ : लाभ का चौघड़िया, अमृत का चौघड़िया और शुभ का चौघड़िया खरीदारी का अतिउत्तम मुहूर्त माना जाता है.

राशि के अनुसार करें खरीदारी

मेष राशि : कांसा का वर्तन, सोने का सिक्का, तेजपत्ता, वाहन.

वृष : बरतन, हल्दी, चांदी का सिक्का, सोने की आभूषण, नाड़ियल, फ्लैट, प्लॉट.

मिथुन : केशर, सोने का सिक्का, कांसा का वर्तन, जमीन-जायदाद.

कर्क : चांदी का बरतन, चांदी का सिक्का, कर्पूर, कपड़ा, वाहन.

सिंह : स्टील का बरतन, चांदी का सिक्का, शहद, खजूर और फ्लैट.

कन्या : स्टील का बरतन, रत्न, वस्त्र-आभूषण और वाहन.

तुला : चांदी का बरतन, सूती वस्त्र, मिष्‍ट द्रव्य, फल.

वृश्चिक : सोना और तांबे का बरतन, पूजा सामग्री, सोने का सिक्का.

धनु : सोने का सिक्का, जेवर, इत्र, वाहन और जमीन-जायदाद.

मकर : बही खाता, चांदी और स्टील के बरतन और फ्लैट.

कुंभ : सोने का सिक्का, पारा से युक्त वस्तु, इलेक्ट्रॉनिक आइटम.

मीन : तांबे का बरतन, सोने का सिक्का, वस्त्र, आभूषण.

इस दिन यमराज के निमत्ति दीप दान करने से नहीं होती आकस्मिक मृत्यु

विमलेश कुमार, वास्तुशास्त्री

धनतेरस वस्तुत: यमराज से संबंध रखने वाला व्रत है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन यमराज के निमत्ति दीप दान करने से आकस्मिक मृत्यु नहीं होती है. इस दिन सूर्यास्त होने पर घर के बाहर मुख्य द्वार पर मिट्टी के पात्र में अन्न (धान, गेहूं या जौ) रखकर उसके ऊपर दक्षिणाभिमुखी दीप जलाना चाहिए. दीप प्रज्जवलित करते समय ‘मृत्युनापाषहस्तेन कालेन मार्यमा सह त्रयोदश्यां दीपदानात्सूयर्ज: प्रीयतामिति’ मंत्र का जाप करना चाहिए.

दीपावली के अचूक प्रयोग

दक्षिणावर्ती व मोती शंख : सागर मंथन के समय भगवती मां लक्ष्मी और दक्षिणावर्ती शंख की उत्पति हुई थी. इसी कारण शंख को लक्ष्मी का सहोदर भाई कहा जाता है. भगवान विष्‍णु की आज्ञा से सभी तीर्थ दक्षिणावर्ती और मोती शंख में निवास करते हैं. जिनके घरों में दक्षिणावर्ती व मोती शंख का जोड़ा होता है, वहां दरिद्रता, असफलता और हानि दूर हो जाती है. दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर घर के सदस्यों, वस्तुओं व कमरों में, बीमार व्यक्ति पर छिड़कने से पाप ग्रहों के प्रभाव, वास्तु जन्म दोष, दुर्भाग्य, शाप और ताप सभी बाधाएं नष्ट हो जाती हैं. इस शंख में दूध भर कर घर के कोई भी प्रतष्ठिति स्फटीक श्रीयंत्र शिवलिंग पर श्रद्धा पूर्वक चढ़ाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.

गोल्डेन कुबेर प्रतिमा व पोटली : यदि कोई व्यक्ति पिछले सात पीढ़ियों से धनाभाव, दरद्रिता व अपयश से पीड़ित है, तो धनतेरस के दिन अष्ट धातु का गोल्डेन कुबेर की प्रतिमा पूजा स्थान में स्थापित करें. साथ ही कुबेर भंडारी पोटली भी रखे़. इससे अपार धन, ऐश्वर्य, संपदा, भवन, आभूषण आदि की प्राप्ति निश्चित होती है. जहां पर इस पोटली में चैतन्य कुबेर यंत्र के साथ मोती शंख स्थापित होगा उस स्थान पर कुबेर का खजाना स्वयं चलकर आ जाता है. कुबेर पोटली लाल रंग की पोटली होती है. इसमें एक अष्ट धातु का कुबेर यंत्र, अष्टधातु श्रीयंत्र, लघु नारियल, दुर्लभ एकाक्षी नारियल, कमलगट्टे का कुछ दाना, 11 धन दायक चित्ती कौड़ी, 11 चमत्कारी गोमती चक्र, लक्ष्मी गणेश का सक्किा, दुर्लभ काली लाल गुंजा के कुछ दाने, मोती शंख में पीला अरवा चावल होता है.

हत्थाजोड़ी और सियार सिंघी : इन दोनों ही चीजों में मां चामुंडे का वास होता है. अभिमंत्रित हत्थाजोड़ी और सियार सिंघी में अपार शक्ति होती है. इसे धनतेरस या दीपावली के दिन पाना विशेष लाभ देता है. इस दिन चार्ज एवं अभिमंत्रित किया हुआ ये दोनों जिन्‍हें प्राप्त हो जाता है वे भाग्यशाली होते हैं. इन्हें दीपावली की रात में चांदी अथवा मेटल की डिब्बी में 11 लौंग और दो इलाइची तथा थोड़े कपूर के साथ दीपावली पूजन के साथ इनका भी पूजन करके रखना चाहिए. इससे दुश्मन भी मित्र बन जाते हैं. पदोन्नति का लाभ होता है.

श्री संपूर्ण वास्तु यंत्र : यह 24 कैरेट गोल्ड प्लेटींग के बने होते हैं. मान्यता है कि श्री संपूर्ण यंत्र सभी यंत्रों में श्रेष्ठ है. इस यंत्र को त्रिलोक्य मोहन अर्थात तीनों लोकों को मोहने वाला कहा गया है. इस यंत्र के नित्य दर्शन करने वाला व्यक्ति लक्ष्मी को तो मोह ही लेता है, साथ ही अपने संपर्क में आने वालों को भी वषीभूत कर लेता है. यह सर्वरक्षा कारक, सर्वव्याधि निवारक, सर्वकष्ट निवारक होने के कारण बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है. इस यंत्र में 13 यंत्रों की शक्तियां समाहित हैं. यह वास्तु दोष को भी दूर करता है. साथ ही नवग्रहों के बुरे प्रभावों को भी कम करता है. व्यवसाय, कार्यालय व उद्योग में श्री संपूर्ण व्यापार वृद्धि यंत्र, भीषण शत्रुता, कोर्ट-कचहरी और तंत्र प्रयोग से छुटकारा पाने के लिए श्री संपूर्ण बगलामुखी यंत्र काफी कारगर होता है.

दीपों से करें मां को प्रसन्न

यदि आप वर्ष भर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद चाहते हैं तो एक प्रयोग करें. दीपावली की मध्य रात्रि को 11 घी के दीपक जलाकर निवास के मध्य भाग में रंगोली बनाकर उसके मध्य में रखें. रंगोली के मध्य में मध्य रोली से ‘श्रीं’ लिखें. इसके बाद 108 बार श्रीं का मानसिक रूप से उच्चारण कर मां लक्ष्मी से अपने घर में निवास का निवेदन करें. ध्यान रखें 11 दीपों में से 10 दीप गोलाकार में रखें व एक दीप मध्य में रखें. दीपावली के रात्रि से 30 दिन तक मोती शंख बजाने से घर के समस्त वास्तु दोष दूर हो जाते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप दीपावली पर दीप घर में अथवा बाहर जलायें, तो आपके दीपक का लौ उत्तर अथवा पूर्व में होना चाहिए.

यदि घर में दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर जलती है तो धन और पुत्र की वृद्धि होती है. दीपावली की रात्रि में ‘ऊं नमो धनदायै स्वाहा’ मंत्र बोलकर 10 देसी घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा से व्यापार में वृद्धि होती है. दीपावली के दिन एक नया झाडू खरीद लायें. पूजा से पहले उससे थोड़ी सी सफाई करें. फिर उसे एक तरफ रख दें. अगले दिन से उसका प्रयोग करें. दरिद्रता भागेगी और लक्ष्मी का आगमन होगा. कोई आर्थिक संकट की स्थिति चल रही हो तो दीपावली के दिन एक मिट्टी के बर्तन में शहद भर लें तथा उसे ढंककर किसी सुनसान स्थान में गाड़कर आ जायें संकट टल जायेगा.

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