13.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 02:55 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

अद्‌भुत रचनाकार थीं अमृता, सौ से अधिक किताबें लिखीं, पाकिस्तान में रहता था उनका खास दोस्त…

Advertisement

अमृता प्रीतम एक ऐसी साहित्यकार हैं जिन्होंने अपने जीवन में कुल सौ पुस्तकें लिखीं और उनकी रचनाओं का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ. उन्होंने मुख्यत: पंजाबी में ही रचनाएं कीं, लेकिन वे हिंदी में भी लिखती थीं. उन्हें 1956 में साहित्य अकादमी पुस्कार से नवाजा गया. 1969 में पद्मश्री,1982 में साहित्य का सर्वोच्च पुरस्कार ज्ञानपीठ […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

अमृता प्रीतम एक ऐसी साहित्यकार हैं जिन्होंने अपने जीवन में कुल सौ पुस्तकें लिखीं और उनकी रचनाओं का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ. उन्होंने मुख्यत: पंजाबी में ही रचनाएं कीं, लेकिन वे हिंदी में भी लिखती थीं. उन्हें 1956 में साहित्य अकादमी पुस्कार से नवाजा गया. 1969 में पद्मश्री,1982 में साहित्य का सर्वोच्च पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार और 2004 में उन्हें देश का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार पद्मविभूषण भी मिल चुका है. उन्होंने ना सिर्फ स्त्री मन को अभिव्यक्ति दी बल्कि भारत-पाकिस्तान विभाजन के दर्द को भी बखूबी अपनी रचनाओं में उकेरा. उन्हें अपनी पंजाबी कविता ‘अज्ज आखाँ वारिस शाह नूँ’ के लिए बहुत प्रसिद्धि मिली.

- Advertisement -

इस कविता में भारत विभाजन के समय पंजाब में हुई भयानक घटनाओं का अत्यंत दुखद वर्णन है और यह भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में सराही गयी. अमृता प्रीतम का जन्म 31 अगस्त 1919 को गुजरांवाला पंजाब में हुआ था. उनका बचपन लाहौर में बीता. अमृता ने काफी कम उम्र से ही लिखना प्रारंभ कर दिया था और उनकी रचनाएं पत्रिकाओं और अखबारों में छपती थीं. अमृता की शादी प्रीतम सिंह से हुई थी जिसके कारण उनका नाम अमृता प्रीतम हुआ. लेकिन उनकी पति से नहीं बनी और उनके जीवन में साहिर का प्रवेश हुआ. अमृता प्रीतम ने साहिर के लिए कई कविताएं लिखीं, लेकिन इनका साथ भी हमेशा का नहीं हो सका.

साहिर के जीवन में कोई और आ गयी और अमृता फिर अकेली हो गयीं. लेकिन फिर इमरोज (इंदरजीत सिंह) जो पेशे से चित्रकार थे अमृता के दोस्त बने और आजीवन उनके साथ रहे. लगभग 40 साल इनका साथ रहा. इमरोज ने अभूतपूर्व तरीके से अपना प्रेम निभाया, हालांकि उन्हें यह मालूम था कि अमृता के मन में साहिर बसते थे. अमृता के जीवन में साहिर और इमरोज का बहुत खास स्थान है और अपनी आत्मकथा- ‘रसीदी टिकट’ में उन्होंने बेबाकी से इसका जिक्र किया है. अमृता के जीवन में एक और आदमी बहुत खास था, वह था उनका पाकिस्तानी दोस्त अफरोज. अमृता प्रीतम ने अपनी आत्मकथा में उनका जिक्र किया है. अमृता ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि उनका यह खास दोस्त था, जिसने साहिर के जाने के बाद उन्हें मानसिक सहारा दिया. एक बहुत ही अच्छा दोस्त.

भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद अफरोज पाकिस्तान चले गये, लेकिन खतों का सिलसिला नहीं रूका. जब अमृता के बच्चे बीमार होते तो वे दुआओं से भरे खत भेजते थे, जिन्हें पढ़कर उन्हें बहुत तसल्ली मिलती थी. अमृता एक ऐसी शख्सीयत थीं, जिन्होंने कभी कुछ छिपाया नहीं और ईमानदारी से अपने जीवन को जीया. उनकी रचनाओं में भी यह ईमानदारी दिखती है.

अमृता की चर्चित कृतियां उपन्यास- पांच बरस लंबी सड़क, पिंजर, अदालत, कोरे कागज़, उन्चास दिन, सागर और सीपियां

आत्मकथा-रसीदी टिकट कहानी संग्रह- कहानियाँ जो कहानियाँ नहीं हैं, कहानियों के आँगन मेंसंस्मरण- कच्चा आंगन, एक थी सारा

उपन्यास- डॉक्टर देव,पिंजर,आह्लणा , आशू, इक सिनोही,बुलावा,बंद दरवाज़ा प्रमुख हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें