15.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 10:24 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बेगम जान के निर्देशक ने कहा, भावनाएं आहत होना अब हमारे देश का राष्ट्रीय मनोरंजन हो गया

Advertisement

कोलकाता : राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता श्रीजीत मुखर्जी ने कहा है कि भारत भावनाएं आहत होने वालों का देश बन गया है और भावनाएं आहत होना अब यहां का राष्ट्रीय मनोरंजन बन चुका है. बेगम जान फिल्म के निर्देशक मुखर्जी ने टाटा स्टील कोलकाता साहित्यिक सम्मेलन में कल शाम कहा, “ यह एक राष्ट्रीय […]

Audio Book

ऑडियो सुनें


कोलकाता :
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता श्रीजीत मुखर्जी ने कहा है कि भारत भावनाएं आहत होने वालों का देश बन गया है और भावनाएं आहत होना अब यहां का राष्ट्रीय मनोरंजन बन चुका है. बेगम जान फिल्म के निर्देशक मुखर्जी ने टाटा स्टील कोलकाता साहित्यिक सम्मेलन में कल शाम कहा, “ यह एक राष्ट्रीय मनोरंजन हो गया है, ‘आप क्या कर रहे हैं इससे मैं आहत हो रहा हूं- इस तरह की चीजें हो गई हैं,’ अगर मैं कुछ खास तरह के काम करता हूं तो मेरी याचिका होगी कि हमें न जलाएं…हमारा सिर न काटें.”

- Advertisement -

मुखर्जी ने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हुए प्रदर्शनों और आंदोलनों का हवाला अप्रत्यक्ष तौर पर देते हुए कहा, “ अगर आप हमें ट्रोल करते हैं तो ठीक है….हमारे घरों के सामने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन भी हो सकता है.” साहित्यिक कृतियों पर आधारित फिल्म बनाने पर निर्देशक ने कहा, “ मैं मानता हूं कि कई ऐसी फिल्में बनी हैं जो किताबों से बेहतर थीं.

मैं उनमें से कुछ का नाम ले सकता हूं जैसे मेघे ढाका तारा और सप्तपदी. मेरा मानना है कि इस तरह के मामलों में फिल्मी बिरादरी खुद को अलग कर लेती है.” उन्होंने कहा कि अगर आप किसी कहानी पर काम कर रहे हैं तो आपको इसके भाव से जुड़े रहना चाहिए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें