16.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 12:55 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

रेयान की घटना के बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर मशहूर कवि प्रसून जोशी ने लिखी यह कविता…

Advertisement

गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में आठ सितंबर को कक्षा दो के एक छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या कर दी गयी. इस घटना ने पूरे मानव समाज को झकझोर कर रख दिया है. क्या इंसान अब इस कदर हैवान हो गया है कि वह छोटे-छोटे बच्चों को अपना शिकार बना रहा है? यह सवाल समाज […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में आठ सितंबर को कक्षा दो के एक छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या कर दी गयी. इस घटना ने पूरे मानव समाज को झकझोर कर रख दिया है. क्या इंसान अब इस कदर हैवान हो गया है कि वह छोटे-छोटे बच्चों को अपना शिकार बना रहा है? यह सवाल समाज के सामने है. किसी भी सभ्य समाज के माथे पर यह एक ऐसा कलंक है, जो मिटाये नहीं मिटेगा और जिसका प्रायश्चित बस इतना है कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो. इस घटना से आहत होकर भारतीय सिनेजगत के मशहूर गीतकार, पटकथा लेखक और मशहूर कवि प्रसून जोशी ने 12 सितंबर को एक कविता अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट की थी. इस कविता में उनकी पीड़ा फूट पड़ी है और उन्होंने समाज के सामने बच्चों की सुरक्षा से संबंधित कुछ सवाल खड़े किये हैं, तो पढ़िए उनकी यह हृदयस्पर्शी कविता-

जब बचपन तुम्हारी गोद में आने से कतराने लगे,
जब मां की कोख से झांकती जिंदगी,
बाहर आने से घबराने लगे,
समझो कुछ गलत है .
जब तलवारें फूलों पर जो आजमाने लगें,
जब मासूम आंखों में खौफ नजर आने लगे,
समझो कुछ गलत है
जब ओस की बूंदों को हथेलियों पे नहीं,
हथियारों की नोंक पर थमना हो,
जब नन्हें-नन्हें तलुवों को आग से गुज़रना हो,
समझो कुछ ग़लत है
जब किलकारियां सहम जायें
जब तोतली बोलियां ख़ामोश हो जायें
समझो कुछ गलत है
कुछ नहीं बहुत कुछ गलत है
क्योंकि जोर से बारिश होनी चाहिए थी
पूरी दुनिया में
हर जगह टपकने चाहिये थे आंसू
रोना चाहिए था ऊपरवाले को
आसमान से
फूट-फूट कर
शर्म से झुकनी चाहिए थीं इंसानी सभ्यता की गर्दनें
शोक नहीं सोच का वक्त है
मातम नहीं सवालों का वक्त है .
अगर इसके बाद भी सर उठा कर खड़ा हो सकता है इंसान
तो समझो कुछ गलत है .

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें