24.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 05:57 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

National News : मेक इन इंडिया पहल : रिकॉर्डतोड़ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने आसान की राह

Advertisement

मेक इन इंडिया पहल की सफलता में रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. जानते हैं इस बारे में...

Audio Book

ऑडियो सुनें

National News : ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ), एफडीआइ नियमों को सरल बनाने और व्यापार करने के माहौल में सुधार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इन सबने ‘मेक इन इंडिया’ की राह को आसान बनाया है. हालांकि इसकी राह में चुनौतियां भी रही हैं. जानते हैं एफडीआई प्रवाह, इस पहल की प्रमुख उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में.

- Advertisement -
  • भारत में एफडीआइ प्रवाह लगातार बढ़ा है. जहां 2014-15 में एफडीआइ 45.14 अरब डॉलर था, वह 2021-22 में रिकॉर्ड 84.83 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
  • अप्रैल 2014 और मार्च 2024 के बीच, भारत में 667.41 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ, जो बीते 24 वर्षों में प्राप्त कुल एफडीआइ का लगभग 67 प्रतिशत है और बीते दशक (2004-2014) की तुलना में 119 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
  • वित्त वर्ष 2023-2024 की अवधि में देश में कुल एफडीआइ प्रवाह 70.95 अरब डॉलर रहा, जबकि इक्विटी प्रवाह 44.42 अरब डॉलर तक पहुंच गया.
  • पिछले दशक (2014-24) के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआइ इक्विटी प्रवाह 165.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो इससे पिछले दशक (2004-14) की तुलना में 69 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस

भारत ने अपने कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के मामले में उल्लेखनीय प्रगति की है. विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर) 2020 के अनुसार, भारत 2014 के 142वें स्थान से चढ़कर 63वें स्थान पर पहुंच गया है. यह रिपोर्ट अक्तूबर 2019 में प्रकाशित हुई थी.

इन्हें भी पढ़ें : मेक इन इंडिया अभियान, जानिए इस अभियान को सफल बनाने के लिए कौन-कौन से महत्वपूर्ण उपाय किये गये हैं

इन्हें भी पढ़ें : मेक इन इंडिया के 10 वर्ष, देश को विनिर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का लक्ष्य

कुछ प्रमुख उपलब्धियां

  • कोविड टीकों के देश में निर्माण के कारण भारत ने न केवल रिकॉर्ड समय में टीकाकरण अभियान को पूरा किया, बल्कि दुनिया के कई विकासशील और अविकसित देशों को निर्यात कर टीकों का प्रमुख निर्यातक भी बन गया.
  • वंदे भारत ट्रेन, जो भारत की पहली स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन है, ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता का ज्वलंत उदाहरण है. अभी तक भारतीय रेलवे में 102 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं (51 ट्रेन) परिचालन में हैं.
  • भारत रक्षा उत्पादन में भी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर रहा है. वर्ष 2023-24 में देश का रक्षा उत्पादन बढ़कर 1.27 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जिसका निर्यात 90 से अधिक देशों में हुआ है.
  • भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र भी तेज वृद्धि दर्ज कर रहा है. वित्त वर्ष 2017 में इस क्षेत्र का उत्पादन जहां 48 अरब डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2023 में 101 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इसमें मोबाइल फोन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, जो कुल इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन का 43 प्रतिशत है. अब 99 प्रतिशत स्मार्टफोन का निर्माण घरेलू स्तर पर ही हो रहा है.
  • भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 437.06 अरब डॉलर मूल्य के माल का निर्यात (मर्केंडाइज एक्सपोर्ट) किया, जो वैश्विक व्यापार में देश की बढ़ती भूमिका दर्शाता है.
  • कपड़ा उद्योग ने देशभर में 14.5 करोड़ नौकरियों का सृजन किया है.
  • भारत सालाना 40 करोड़ खिलौनों का उत्पादन करता है, जिसमें हर सेकंड 10 नये खिलौने बनाये जाते हैं.
  • ब्रिटेन, जर्मनी और नीदरलैंड में निर्यात बढ़ने के साथ भारतीय साइकिलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि मिली है.
  • ‘मेड इन बिहार’ जूते अब रूसी सेना के उपकरणों का हिस्सा हैं.

चुनौतियां भी कम नहीं

अपनी शुरुआत के दस वर्षों में प्रगति पथ पर अग्रसर होने के बावजूद ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के सामने चुनौतियों की कमी नहीं है.

  • परिवहन नेटवर्क, बिजली आपूर्ति और रसद जैसे पर्याप्त बुनियादी ढांचे की कमी इस पहल की प्रमुख चुनौतियों में से एक है.
  • भारत का नियामक वातावरण जटिल रहा है, जिसमें नौकरशाही और लालफीताशाही व्यवसाय के राह में बाधा बनती हैं. इससे अनुपालन लागत बढ़ता है और निवेश में कमी आती है.
  • कुछ विशिष्ट उद्योगों में और तकनीक व प्रबंधन से जड़ी भूमिकाओं के लिए कुशल लोगों की कमी है. इस अंतर को पाटना आवश्यक है.
  • वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारतीय निर्माताओं को कम उत्पादन लागत, उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार, अधिक विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे उपाय करने की आवश्यकता है.
  • बौद्धिक संपदा कानून के प्रभावी तरीके से लागू होने में कमी नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को हतोत्साहित करती है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें