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Lebanon Crisis: लेबनान 15 साल में ईसाई बहुसंख्यक से कैसे बन गया मुस्लिम देश, चौंकाने वाले हैं राज 

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Lebanon Crisis: 50 साल से खलील जिब्रान जैसे अहिंसावादी दार्शनिक के लेबनान में क्यों बिछ रही लाशें, चील-कौवे क्यों मना रहे जश्न.

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Lebanon Crisis: लेबनान की सड़कें लाशों से पटी हैं. चील-कौवे जश्न मना रहे हैं. महान दार्शनिक खलील जिब्रान की जमीन पर ही उनके अहिंसावादी दर्शन के चीथड़े उड़ रहे हैं. लेबनान को पवित्र भूमि बनाने के पागलपन में हिजबुल्लाह महान ग्रंथ ‘द प्रोफेट’ की प्रेरणा भूमि को अपवित्र कर रहा है. मिखाल नईमी की महान पुस्तक ‘किताब-ए-मिरदाद’ की रचना भूमि लहूलुहान है. 

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Lebanon Crisis: क्या लड़ाई हमारा भगवान सबसे महान की है?

इजरायल के हमले में हिजबुल्लाह कमांडर के मारे जाने के बाद यह सवाल गहरा रहा है कि आखिर लड़ाई कहां तक जाएगी? क्योंकि हिजबुल्लाह के आतंकवादियों के साथ ही लेबनान के बेगुनाह लोग भी मारे जा रहे हैं. परंतु असली सवाल तो यह है कि बेगुनाह इंसानों के कत्ल की यह लड़ाई आखिर किस बात की है?

सामने तो बात इतनी सी आ रही है कि लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्ला फिलीस्तीन का समर्थन करता है, इसलिए इजरायल से उसकी दुश्मनी है. इजरायल के पक्ष से कहा जा रहा है कि हिजबुल्लाह हमारी सीमा में हमले कर रहा है, इसलिए उसे सबक सीखाने की यह कवायद है. पर बात इतनी सी नहीं है. 

दबी जुबान से सभी यह स्वीकार करते हैं कि दोनों ओर से लड़ाई के कारणों के बारे में दिए जा रहे तर्क केवल दिखावटी हैं. असल लड़ाई तो अपने-अपने धर्म की श्रेष्ठता साबित करने की और अपने देश को उस धर्म की पवित्रभूमि के नाते रक्षा की है. इनमें इजरायल यहूदी धर्म का और हिजबुल्लाह इस्लाम के मूल्यों के लिए संघर्ष का दावा करता है. दुनिया का मालिक तो एक है. फिर भी हमारा भगवान सबसे महान की लड़ाई में इंसान कब तक पिसता रहेगा?

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Lebanon crisis: लेबनान 15 साल में ईसाई बहुसंख्यक से कैसे बन गया मुस्लिम देश, चौंकाने वाले हैं राज  3

Lebanon Crisis: लेबनान का वह गृहयुद्ध, जिसने ईसाई बहुसंख्यक देश को बना दिया ईसाई अल्पसंख्यक 

लेबनान की सत्ता पर किस धर्म का वर्चस्व हो, इसे लेकर पिछले 100 साल से संघर्ष होता रहा है. 1920 में लेबनान में लगभग 75-80 प्रतिशत ईसाई यहां थे. परंतु फ्रांस से आजादी के बाद लेबनान की आबादी संरचना में बदलाव होने लगा. 

फिलीस्तीन और सीरिया से बड़ी संख्या में यहां शरणार्थी आने लगे. फिर संपूर्ण अरब-राष्ट्रवाद का जोर लेबनान में बढ़ने लगा. सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर ईसाई, सुन्नी मुसलमानों और शियाओं में आपसी संघर्ष होने लगा. 

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Lebanon crisis: लेबनान 15 साल में ईसाई बहुसंख्यक से कैसे बन गया मुस्लिम देश, चौंकाने वाले हैं राज  4

1975 से लेकर 1990 तक चले गृहयुद्ध ने लेबनान को पूरी तरह बदलकर रख दिया. यह गृहयुद्ध लेबनान की सत्ता पर ईसाई और मुस्लिम वर्चस्व को लेकर थी, इस गृहयुद्ध में एक लाख ईसाई मारे गए और लगभग 10 लाख ईसाई पलायन कर गए.

1975 में जब लेबनान में गृहयुद्ध में प्रारंभ हुआ, उस समय वहां की आबादी के 50 प्रतिशत ईसाई और लगभग 37 प्रतिशत मुस्लिम धर्मावलंबी थे. 1990 में जब गृहयुद्ध समाप्त हुआ, उस समय 47 प्रतिशत ईसाई और 53 प्रतिशत मुसलमान थे. 2010 आते-आते ईसाइयों की संख्या 40 प्रतिशत पर आ गई. एक अनुमान के मुताबिक लेबनान में ईसाइयों की वर्तमान तादाद 15 प्रतिशत से अधिक नहीं है.

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