24.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 05:06 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Kolkata Doctor Case : 51 साल पहले ऑन ड्यूटी नर्स अरुणा शानबाग हुई थी वहशीपन का शिकार, कोलकाता में दोहराया, क्या बदला हमने?

Advertisement

Kolkata Doctor Case : कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जब नौ अगस्त की रात को एक जूनियर डाॅक्टर के साथ हैवानियत हुई, तो पूरे देश में डाॅक्टर्स की सुरक्षा का मुद्दा गरमाया हुआ है. लेकिन दरअसल यह डाॅक्टर की सुरक्षा का मसला नहीं है, बल्कि यह एक महिला की सुरक्षा का मामला है. देश में तमाम कानूनों के बावजूद इस तरह की दरिंदगी होती रहती है. मुंबई के केजीएम अस्पताल में 51 साल पहले ऑन ड्‌यूटी नर्स अरुणा शानबाग के साथ अस्पताल के सफाई कर्मचारी ने बलात्कार किया था

Audio Book

ऑडियो सुनें

Kolkata Doctor Case : 1973 मुंबई का केजीएम अस्पताल एक ऑन ड्यूटी नर्स अरुणा शानबाग, उम्र 25 वर्ष के साथ अस्पताल के ही एक सफाईकर्मी ने हैवानियत की. उसके साथ दुष्कर्म किया वह भी उसके गले में लोहे का चेन बांधकर जिससे उसका पूरा शरीर पैरालाइज हो गया और 42 वर्षों तक कोमा में रहने के बाद 2015 को उसकी मौत हुई. उस वक्त भी संवेदना जताई गई, महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठा.

नौ अगस्त 2024 कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक ऑन ड्‌यूटी जूनियर डाॅक्टर के साथ दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई. उसकी साथ मारपीट की गई,गले की हड्डी तोड़ी गई और प्राइवेट पार्ट को डैमेज किया गया. मतलब स्त्री के शरीर के साथ हर तरह की हैवानियत की गई. 36 घंटे से लगातार ड्‌यूटी कर रही कोलकाता की जूनियर डाॅक्टर को उसके भाई ने रात को 2:30 बजे मैसेज किया था, जिसे उसने रीड करके छोड़ दिया और शायद सो गई. उसके बाद जो कुछ हुआ, उसकी कल्पना उसके परिवार वालों ने नहीं की थी. एक बार फिर महिला सुरक्षा का मुद्दा चर्चा में है, क्योंकि महिला डाॅक्टर थी, इसलिए देश भर के डाॅक्टर सुरक्षा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

सवालों के घेरे में महिला सुरक्षा

बड़ा सवाल यह है कि 1973 से 2024 तक में महिला सुरक्षा को लेकर कितना बदला हमारा देश? आज भी महिलाएं बलात्कार का शिकार होती हैं और हैवानियत झेलती हैं, यानी 51 साल  में महिला सुरक्षा का कुल जमा हासिल है ‘जीरो’. अर्थव्यवस्था भले ही देश की चार ट्रिलियन की होने जा रही हो, लेकिन हम अपनी बेटियों को क्या दे रहे हैं? यह सवाल देश की  राज्य सरकारों और केंद्र की सरकार से बेटियां पूछ रही हैं?  यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि यह उदाहरण आधुनिक भारत का है, त्रेता या द्वापर युग से उदाहरण नहीं लिए गए हैं. 

कोलकाता की जूनियर डाॅक्टर के साथ हुए रेप के बाद देश भर के डाॅक्टर गुस्से में हैं और विरोध प्रदर्शन का सिलसिला देशव्यापी हो गया है. डाॅक्टर्स की सुरक्षा बढ़ाए जाने की बात हो रही है और केंद्रीय कानून की बात भी हो रही है. लेकिन यहां भी बड़ा सवाल यह है कि क्या कानून बन जाने से सुरक्षा मिल जाएगी. हम सबको याद है कि 2012 में जब निर्भया केस हुआ, तो उसके बाद जस्टिस वर्मा की कमेटी ने महिलाओं को सुरक्षा देन के लिए कई सिफारिशें कीं, जिनमें से कुछ कानून भी बने.

Also Read : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के पीछे राजनीति, मदरसा और मौलवी : तसलीमा नसरीन

Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ एक्ट बिल पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा- यह जुल्म है, क्या राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल होगा गैर हिंदू?

Kolkata Explainer01 1
रेप की सजा में हुए बड़े बदलाव

परिणाम क्या हुआ?

देश में महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने की कोशिश में सरकारों ने रेप के खिलाफ कानून बनाए हैं और उसके क्रियान्वयन को लेकर गंभीर भी है, बावजूद इसके देश में हर घंटे बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं. एनसीआरबी के आंकड़े जो उपलब्ध हैं वे 2022 के हैं, उसके अनुसार देश में एक दिन में बलात्कार के दर्ज मामले 86 हैं, नवीनतम आंकड़ों की जानकारी नहीं हैं, क्योंकि एनसीआरबी ने उसके बाद कोई डेटा जारी नहीं किया है. 2012 के बाद भी देश में कुछ बड़ी घटनाएं हुईं हैं –

1. कठुआ रेप केस-जनवरी 2018 में एक आठ वर्षीय बच्ची के साथ रसाना गांव में सात लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया, जिसमें एक नाबालिग भी शामिल था.

 2. शक्ति मिल्स रेप केस-2013 में एक 22 वर्षीय फोटो जर्नलिस्ट के साथ शक्ति मिल्स में पांच लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया,जबकि वह अपने एक सहयोगी के साथ ड्‌यूटी पर थी.

3. जीशा रेप एंड मर्डर केस-2016 में केरल में कानून की एक छात्रा के साथ उसके अपने घर में हैवानियत हुई और फिर उसकी हत्या कर दी गई.

4. हाथरस रेप कांड -2020 में यूपी के हाथरस में एक दलित लड़की के साथ रेप हुआ और हैवानियत इतनी थी इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गई.

5. हैदराबाद रेप केस -2019 में एक वेटनरी डाॅक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ और फिर उसकी हत्या करके शव को जला दिया गया.

New Criminal Laws में भी महिलाओं को दी गई है सुरक्षा

भारतीय न्याय संहिता देश में एक जुलाई से लागू हो गया है. इस संहिता में एक नया चैप्टर जोड़ा गया है जिसे नाम दिया गया है -क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड. इस चैप्टर में यौन अपराधों की चर्चा है, साथ ही इस संहिता में 18 साल से कम उम्र की महिलाओं के साथ अगर बलात्कार होता है तो उसकी सजा में बदलाव का प्रावधान किया गया है. नाबालिग महिला से सामूहिक बलात्कार से संबंधित प्रावधान को इस संहिता में POCSO एक्ट के अनुरूप बनाया जाएगा. साथ ही इस संहिता में यह प्रावधान भी है कि अगर 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार होता है तो दोषी को आजीवन कारावास या मृत्युदंड दिया जाए. संहिता में यह व्यवस्था भी की गई है कि बलात्कार पीड़ितों की जांच करने वाले चिकित्सकों को सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपनी होगी. न्याय संहिता में रेप को रोकने के काफी कठोर कानून बनाए गए है. गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की कैद होगी या फिर आजीवन कारावास की सजा होगी. इसमें 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप का नया कानून भी शामिल है. 

दर्ज केस की तुलना में सजा काफी कम

इतना कुछ होने के बाद भी देश में रेप की घटनाएं जिस तरह से सामने आती हैं, उस अनुपात में सजा काफी कम लोगों को होती है. 2022 में रेप के 33 हजार से अधिक मामले सामने आए, लेकिन सजा उनमें से 27 से 28 प्रतिशत लोगों को हुई. इसके जो कारण सामने आते हैं, उसमें देश का सामाजिक बनावट सबसे प्रमुख है. पीड़ित महिला बदनामी के डर से पीछे हट जाती है, कई बार आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति होता है, जिसकी वजह से जांच प्रभावित होता है. साक्ष्य और गवाह का अभाव भी आरोपियों को सजा से बचा लेता है. कोलकाता की डाॅक्टर के मामले में भी कुछ इसी तरह के खुलासे हो रहे हैं. संजय राय जो कि आरोपी है, वह किस तरह अस्पताल के उस एरिया में प्रवेश करता है, जो सिर्फ डाॅक्टर्स के लिए सुरक्षित थी, यह बड़ा सवाल है.  सीसीटीवी फुटेज में जो सच दिख रहा है उसके अनुसार वह 11 बजे रात को इमरजेंसी वार्ड में आता है, फिर कुछ देर बाद चला जाता है. फिर देर रात वह नशे में धुत दिखाई देता है. चार बजे सुबह उसे अस्पताल के बाहर जाते हुए देखा जाता है. डाॅक्टर की शिफ्ट अमूमन 10-12 घंटे की हो सकती थी, लेकिन पीड़ित डाॅक्टर 36 घंटे से ड्‌यूटी पर थी.

देश को हिला देने वाले मामले

मथुरा रेप केस : मथुरा नाम की आदिवासी किशोरी के साथ पुलिस कस्टडी में 1972 में रेप हुआ. यह केस काफी चर्चित इसलिए भी हुआ क्योंकि रेप के कानूनों में इस घटना के बाद काफी परिवर्तन हुआ. 1974 में जिला न्यायालय ने उसे शारीरिक संबंध की आदी बताते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया था और कहा गया था कि शारीरिक संबंध बनाए गए हैं, कोई बलात्कार नहीं हुआ है. बाद में काफी विरोध प्रदर्शन हुआ और सरकार को बलात्कार के कानूनों में बदलाव करना पड़ा.

अरुणा शानबाग : मुंबई के केजीएम अस्पताल में ऑन ड्‌यूटी नर्स के साथ अस्पताल के सफाई कर्मी ने रेप किया. इस घटना के बाद अरुणा शानबाग 42 साल तक कोमा में रही थीं. उनके गले में लोहे की चेन बांधकर दरिंगदगी की गई थी, जिससे पूरा शरीर पैरालाइज हो गया था.

दिल्ली गैंगरेप : 2012 में एक लड़की के साथ दिल्ली में इस तरह की हैवानियत हुई कि देश में बलात्कार के कानूनों पर एक बार फिर पुनर्विचार हुआ और मौत की सजा का प्रावधान इसमें जुड़ा.

कठुआ रेप केस: कठुआ रेप केस में पीड़िता मात्र आठ साल की थी. इस घटना ने इतना तूल पकड़ा कि 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप होने पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया.

Also Read : World News : US Congress Election : जानिए कब होंगे हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और सीनेट के चुनाव

किस रेप केस के बाद देश में बलात्कार से संबंधित कानून बदले गए?

1972 का मथुरा रेप केस. मथुरा एक आदिवासी दलित लड़की थी.

जस्टिस वर्मा की कमेटी कब गठित हुई?

2012 के दिल्ली गैंगरेप के बाद जस्टिस वर्मा की कमेटी गठित हुई, जिसने बलात्कार के लिए मौत की सजा की सिफारिश की.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें