12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

अजरबैजान में आखिर क्यों साथ आए भारत- चीन? इस टैक्स पर मचा बवाल

COP29 : अजरबैजान की राजधानी बाकू में विकसित और विकासशील देशों के बीच तकरार जारी है, इसकी वजह है कार्बन टैक्स. कार्बन टैक्स वह शुल्क है जो यूरोपीय संघ उन देशों से वसूलना चाहता है, जो लोहा, स्टील और एल्युमीनियम जैसे प्रोडक्ट बनाते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

COP29 : बाकू(अजरबैजान) में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन COP29 में विकसित और विकासशील देश फिर एक बार आमने- सामने खड़े दिख रहे हैं. सम्मेलन के पहले दिन ही विकसित और विकासशील देशों में यूरोपीय संघ के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) को लेकर जमकर तकरार हुई. विकासशील देशों विशेषकर चीन और भारत ने सम्मेलन के एजेंडा में एकतरफा व्यापार उपायों को शामिल करने का विरोध किया. एकतरफा व्यापार उपायों में यूरोपीय संघ का कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) शामिल है.

कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म क्या है?

कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) एक तरह का नियम या व्यवस्था है, जो यूरोपीय संघ में आयात पर कार्बन टैक्स लगाता है. यह यूरोपीय संघ द्वारा लगाया जाने वाला एक टैक्स है, जो उन प्रोडक्ट पर लगाया जाएगा, जिसके निर्माण में बहुत ज्यादा ऊर्जा की खपत होती है. इन प्रोडक्ट में लोहा, स्टील, सीमेंट, उर्वरक, और एल्युमीनियम शामिल हैं जो विकासशील देशों से आयात होते हैं. ऐसे प्रोडक्ट के आयात पर कार्बन पाॅल्यूशन फी देना होगा. यह टैक्स इन उत्पादों के उत्पादन के दौरान हुए उत्सर्जन पर आधारित होगा. यह मैकेनिज्म विकासशील देशों की यूरोप के साथ व्यापार खर्च को अत्यधिक महंगा बना सकता है.

चीन ने सीबीएएम पर क्या दी प्रतिक्रिया 

चीन की ओर से इस प्रस्ताव पर यह कहा गया कि यह नीति न केवल विकासशील देशों के खिलाफ है, बल्कि इसके जरिए विकसित देश सिर्फ अपना हित साधना चाह रहे हैं. चीन क्लाइमेट हब के निदेशक ली शुओ ने कहा- BASIC समूह का यह प्रस्ताव कई विकासशील देशों के औद्योगिक हितों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. यह नीति यूरोप और अमेरिका जैसे देशों के उन औद्योगिक उपायों का हिस्सा है जिनमें वे अपने घरेलू बाजार को सस्ती हरित उत्पादों जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों और सोलर पैनल से भरने के प्रयास में लगे हैं.

CBAM का भारत पर असर 

भारत से यूरोपीय संघ को निर्यात किए जाने वाले स्टील, लोहा और एल्युमीनियम पर अतिरिक्त टैक्स लगाये जाने के साथ ही इन उत्पादों को निर्यात के लिए कई सर्टिफिकेशन यानी जांच की जरूरत होगी. जीरो कार्बन एनालिटिक्स के हिसाब से भारत से यूरोप को निर्यात किए गए कार्बन-गहन उत्पादों पर 25% अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 0.05% बोझ पैदा करेगा. 

Also Read :विवेक रामास्वामी को डोनाल्ड ट्रंप ने दी ये अहम जिम्मेदारी, एच-1बी वीजा पर उनके एजेंडे से भारतीयों को होगा नुकसान

विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें

ऊर्जा थिंक टैंक एम्बर की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के भारी उद्योगों के एमिशन को 2030 तक 17% कम कर सकते हैं. रिन्यूबल एनर्जी के जरिए भारत के भारी उद्योगों के अनुमानित कार्बन एमिशन का 17% रिन्यूबल एनर्जी-आधारित विद्युतीकरण से 2030 तक टाला जा सकता है. 

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने CBAM को ‘एकतरफा और मनमाना’ बताते हुए कहा था कि यह भारतीय उद्योगों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन को प्रभावित कर सकता है. यही वजह है कि भारत ने सीबीएएम के खिलाफ अपनी चिंता को व्यक्त किया है.  इस नियम का उद्देश्य अगर सिर्फ कार्बन उत्सर्जन को कम करना और वैश्विक कल्याण होता तो विकसित देश और विकासशील देश आमने-सामने नहीं होते. CBAM जैसी नीतियों के जरिए विकसित देश विकासशील देशों को कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार ठहरा कर अपना हित साधना चाह रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि कार्बन उत्सर्जन के लिए विकसित देश ही ज्यादा जिम्मेदार हैं.

Also read : रिटायरमेंट से पहले बुलडोजर एक्शन पर डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनाया फैसला, ‘पत्नी, पति की संपत्ति नहीं’ के फैसले में भी थे शामिल

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें