16.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

अंतरिक्ष की उड़ान

Advertisement

भारत के अंतरिक्ष अभियानों की सराहना इनके कम खर्चीले होने की वजह से भी होती है. ऐसे में भारत चांद पर इंसान भेजकर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

भारत ने इस साल जुलाई में चंद्रयान-3 की सफलता से अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में एक बड़ी छलांग लगायी. इसके बाद सितंबर में इसरो ने आदित्य एल-1 अभियान के तहत सूर्य के अध्ययन के लिए अपना एक यान भेजा. इसरो के अभियान गगनयान की भी तैयारी जोर-शोर से चल रही है जिसके तहत भारत अपनी जमीन से, अपने अंतरिक्ष यान से, अपने दो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष भेजेगा. संभावना है कि इसे वर्ष 2025 में प्रक्षेपित किया जा सकेगा. भारत ने अब दो और बड़े लक्ष्य तय किये हैं- 2035 तक अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और 2040 तक चंद्रमा पर मानव को भेजने का अभियान.

- Advertisement -

चांद पर मानव के पहले कदम 20 जुलाई 1969 को पड़े थे, जब अमेरिका के अपोलो-11 यान से पहले नील आर्मस्ट्रांग, और उनके बाद एडविन ऑल्ड्रिन चंद्रमा पर उतरे. इसके बाद छह और ऐसे अभियान हुए जिनमें पांच सफल रहे. अब तक कुल 12 इंसान चांद पर जा चुके हैं. लेकिन, नासा ने 1972 के बाद अपोलो अभियान खत्म कर दिया, जिसकी मुख्य वजह अभियानों पर हो रहा अत्यधिक खर्च था. भारत के अंतरिक्ष अभियानों की सराहना इनके कम खर्चीले होने की वजह से भी होती है. ऐसे में भारत चांद पर इंसान भेजकर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक और बड़ा लक्ष्य 2035 तक ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ बनाने का रखा है.

अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित एक तरह की लेबोरेट्री जैसा होता है. वहां रहकर अंतरिक्ष यात्रियों को गुरुत्वाकर्षण के बाहर रहने का अनुभव मिलता है, और आगामी अभियानों की तैयारियों के लिए मदद मिलती है. इनकी शुरुआत पिछली सदी में अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ के बीच छिड़े शीत युद्ध के दौर में हुई थी. वर्ष 1971 से अभी तक ऐसे 12 अंतरिक्ष स्टेशन बनाये जा चुके हैं. इनमें सबसे बड़ा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन है जिसे अमेरिका, रूस, कनाडा, जापान और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी मिलकर चलाते हैं. लेकिन समझा जाता है कि खर्चों और मतभेदों के कारण इसे 2030 तक खत्म कर दिया जायेगा.

इसके अलावा चीन ने अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाया हुआ है. अंतरिक्ष अभियानों में खर्च जरूर होता है, लेकिन इसके कई लाभ हैं. एक तो देश की छवि मजबूत होती है. फिर देश में विज्ञान की संस्कृति विकसित होती है. साथ ही, दूसरे देशों के उपग्रहों के प्रक्षेपण जैसे कामों से कमाई भी होती है. ऐसे में भारत को पूरे संकल्प और विश्वास के साथ अंतरिक्ष अभियानों का सिलसिला जारी रखना चाहिए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें