13.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 02:48 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जलवायु संकट के जिम्मेदार

Advertisement

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बड़े देशों ने विकास के जिस मॉडल को अपनाया वह अपने आप में विरोधाभासी था, इसकी सोच ये थी पहले तो अपने देश को विकसित कर लो और फिर पर्यावरण की चिंता करो.

Audio Book

ऑडियो सुनें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण को लेकर विकसित और विकासशील देशों की एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोपने की पुरानी बहस में एक बार फिर से भारत का पक्ष मजबूती से रखा है. पर्यावरण दिवस पर एक महत्वपूर्ण भाषण में उन्होंने कहा कि दुनिया के चंद विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत, आज गरीब और विकासशील देश चुका रहे हैं. उन्होंने कहा कि बड़े देशों ने विकास के जिस मॉडल को अपनाया वह अपने आप में विरोधाभासी था, इसकी सोच ये थी- पहले तो अपने देश को विकसित कर लो और फिर पर्यावरण की चिंता करो.

- Advertisement -

उन्होंने कहा कि इससे उन देशों ने तो अपने विकास का लक्ष्य हासिल कर लिया, मगर दुनिया के पर्यावरण को उसकी कीमत चुकानी पड़ी. जलवायु को बचाने की बहस में पश्चिमी देश भारत और चीन जैसी बड़ी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव बनाते रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में धरती के तापमान को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार कार्बन डाइऑक्साइड गैसों के उत्सर्जन के मामले में चीन पहले नंबर पर आता है. उसके बाद अमेरिका है और फिर भारत.

मगर प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के हिसाब से भारत का उत्सर्जन विश्व के औसत उत्सर्जन से कम है. हर देश ने धरती के तापमान को बढ़ाने वाली ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने का संकल्प लिया हुआ है. भारत ने वर्ष 2070 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है, यानी वह स्थिति जब देश में ऊर्जा के सभी स्रोत ऐसे हो जायेंगे, जिनसे कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन पूरी तरह बंद हो जायेगा.

हालांकि, वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र के पेरिस समझौते में धरती के तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये वर्ष 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य रखा गया था. पिछले वर्ष ग्लासगो में जलवायु सम्मेलन में भारत ने एक बार फिर से वर्ष 2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को दोहराया.

जलवायु परिवर्तन पर जारी बहस में हाल के दशकों में चीन और भारत जैसे देशों को घेरने की कोशिश होती रही है कि तेजी से विकास करने की होड़ में वो कहीं पर्यावरण को तो नुकसान नहीं पहुंचा रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में इसी संदर्भ में न्याय का प्रश्न उठाते हुए कहा कि दशकों तक विकसित देशों के विकास के मॉडल पर एतराज करने के लिए कोई मौजूद नहीं था. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पर्यावरण पर उतनी ही गंभीरता से ध्यान दे रहा है जितना विकास से जुड़े अन्य मुद्दों पर.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें