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अनुसंधान को बढ़ावा

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का तीव्र विस्तार हो रहा है. देश में इनके विकास को गति देने के लिए इस मिशन को लागू किया जा रहा है. इसके लिए केंद्रीय बजट में 10,300 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

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Research and Development : देश में शोध एवं अनुसंधान तथा स्थानीय स्तर पर विकसित तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहन देने के क्रम में भारत सरकार एक अनुसंधान कोष की स्थापना कर रही है. एक लाख करोड़ रुपये के इस कोष से रक्षा, ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में सक्रिय निजी कंपनियों को लंबे समय के लिए सस्ती दरों एवं आसान शर्तों पर पूंजी उपलब्ध करायी जायेगी ताकि वे स्वदेशी तकनीकों को अपनायें. इन तीन क्षेत्रों में विभिन्न सुधारों तथा कार्यक्रम के उत्साहजनक परिणाम हमारे सामने हैं. हमारे रक्षा निर्यात में तेज बढ़ोतरी हो रही है.

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स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में हम अग्रणी देशों में हैं. देश में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की बड़ी खपत घरेलू बाजार में भी हो रही है तथा उनकी अंतरराष्ट्रीय मांग भी बढ़ रही है. इस कोष की घोषणा वर्तमान वित्त वर्ष के अंतरिम बजट में की गयी थी. इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेखांकित किया है कि विदेशों में विकसित तकनीकों को कंपनियां इसलिए अपनाना पसंद करती हैं क्योंकि परीक्षणों और उपयोग में उनकी परख हो चुकी होती है. भारतीय शोध संस्थानों द्वारा विकसित तकनीकों को लेकर उनमें वैसा उत्साह नहीं होता है. लंबे समय के सस्ते या बिना ब्याज के पूंजी मुहैया होने पर कंपनियों का जोखिम बहुत कम हो जायेगा और वे अपने उत्पादों के लिए स्थानीय तकनीक को अपनाने लगेंगे. अन्वेषण, शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देना केंद्र सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में है. हाल ही में सरकार ने ‘इंडिया एआइ मिशन’ को मंजूरी दी है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का तीव्र विस्तार हो रहा है. देश में इनके विकास को गति देने के लिए इस मिशन को लागू किया जा रहा है. इसके लिए केंद्रीय बजट में 10,300 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. पिछले वर्ष जनवरी में ‘नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन’ को शुरू किया गया था, जिसके लिए पांच वर्षों में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

इसी तरह 6जी और क्वांटम अनुसंधान के लिए भी महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चल रहे हैं. पिछले वर्ष ‘अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ की स्थापना भी की गयी. देशभर के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, शोध संस्थानों तथा प्रयोगशालाओं में अनुसंधान को बढ़ावा देना और इसके लिए एक संस्कृति विकसित करना फाउंडेशन का उद्देश्य है. वर्ष 2008 में बनाये गये ‘साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड’ को इसी फाउंडेशन में समाहित कर दिया गया है. देशभर की प्रयोगशालाओं में हो रहे अनुसंधानों का एक व्यापक डाटाबेस भी बनाया जा रहा है. भारत को 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने में अनुसंधान कोष एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकता है.

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