12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

संयुक्त राष्ट्र में सुधार

भारत समेत और भी कई देश लंबे समय से यह कहते रहे हैं कि सुरक्षा परिषद वास्तविक अर्थों में दुनिया का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा. भारत के अलावा जापान, ब्राजील और जर्मनी भी स्थायी सदस्यता चाहते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र की 78 वीं महासभा में बदलती वैश्विक व्यवस्था की ओर ध्यान दिलाया है. उन्होंने कहा है कि वे दिन अब पूरे हो चुके हैं जब कुछ ही देश मिलकर एजेंडा तय किया करते थे. जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की चर्चाओं में तो नियमों और चार्टर की चर्चा होती है, लेकिन अभी भी कुछ ही देश मिलकर एजेंडा तय करते रहे हैं. उन्होंने जी-20 में भारत की अध्यक्षता को एक उदाहरण के तौर पर पेश किया और कहा कि वहां विविधता को स्थान दिया गया. जयशंकर ने जी-20 में अफ्रीकी संघ को सदस्यता दिलाने के भारत के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए जो कि कहीं पुराना संगठन है. भारतीय विदेश मंत्री ने ध्यान दिलाया कि दुनिया अभी भी बहुत बंटी हुई है और इस विविधता को स्थान दिया जाना चाहिए.

विदेश मंत्री ने जिस मूल प्रश्न की ओर ध्यान दिलाया है वह एक सच्चाई है. दुनिया के ज्यादातर वैश्विक संगठनों में विविधता का अभाव रहा है. इनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सबसे महत्वपूर्ण है. संयुक्त राष्ट्र का गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1945 में हुआ. उसी वर्ष इसके महत्वपूर्ण अंग सुरक्षा परिषद का भी गठन हुआ. इसका दायित्व अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाये रखना है. परिषद में पांच स्थायी सदस्य हैं – चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका. इनके अलावा दो-दो साल के लिये 10 अस्थायी सदस्य भी निर्वाचित होते हैं. भारत आठ बार अस्थायी सदस्य रह चुका है. दुनिया में कहीं भी शांति के लिए किसी खतरे के उत्पन्न होने पर परिषद की बैठक बुलायी जा सकती है.

मगर, स्थायी सदस्यों के पास वीटो का अधिकार होता है. इसका इस्तेमाल कर वह किसी भी प्रस्ताव को रोक सकते हैं. भारत समेत और भी कई देश लंबे समय से कहते रहे हैं कि सुरक्षा परिषद वास्तविक अर्थों में दुनिया का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा. भारत के अलावा जापान, ब्राजील और जर्मनी भी स्थायी सदस्यता चाहते हैं. अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरीबियाई देशों का भी इसमें कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. भारत ने जी-20 की दिल्ली शिखर बैठक के सफल आयोजन से एक संदेश दिया है, जिसे सारी दुनिया पहचान रही है. संयुक्त राष्ट्र समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को अपनी विश्वसनीयता बरकरार रखने के लिए, बदलते वैश्विक समीकरण को स्वीकार कर सुधार की ओर कदम बढ़ाना चाहिए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें