29.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 02:20 pm
29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मनुष्य का सामर्थ्य

Advertisement

बहुत से लोग किसी भी काम को करने के पहले खोज करते हैं कि समय तो ठीक है न. वे पंचांग देखकर निश्चय करते हैं कि यह अच्छा समय है. इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि यदि पंचांग, शुभ समय देखकर सब काम किया जाता

Audio Book

ऑडियो सुनें

बहुत से लोग किसी भी काम को करने के पहले खोज करते हैं कि समय तो ठीक है न. वे पंचांग देखकर निश्चय करते हैं कि यह अच्छा समय है. इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि यदि पंचांग, शुभ समय देखकर सब काम किया जाता, तो कोई बड़ी घटना नहीं घटती. वे लोग ठीक शुभ समय चुनकर काम करते.

जैसे कोई चिकित्सक एक उपाय के हिसाब से रोगी को कुछ कहते हैं, यह अलग बात है. यदि वे इस बात को इस ढंग से कहें कि यह तो कोई रोग ही नहीं है, इसको मैं ठीक कर दूंगा. इस प्रकार उनका यह कहना ठीक नहीं होगा. यदि ठीक होता, तो लोग कभी भी नहीं मरते. अजर-अमर होकर चिरकाल तक पृथ्वी पर जीवित रहते. मनुष्य का सामर्थ्य बहुत ही सीमित है, तब भी इस सीमित परिवेश के भीतर जो जितना जानता है, उसको लेकर कह सकता है कि मैं अपनी अल्प बुद्धि से जितना जानता हूं, समझता हूं, तदनुसार काम करता हूं, कोई गारंटी देने लायक मेरी विद्या-बुद्धि नहीं है.

यही है स्पष्ट स्वीकारोक्ति. मैं पहले ही कह चुका हूं कि जागतिक ज्ञान जिस प्रकार का भी हो या जितना भी अधिक हो, किसी को इसका पूर्ण ज्ञान नहीं रहता, रह नहीं सकता. खंड विद्या और खंड मन के द्वारा जो आह्वान किया जाता है, वह भी चिरकाल तक नहीं रहता. ज्ञान तो एक ही है और वह है ईश्वर विषयक ज्ञान. ईश्वर को जानने का जो प्रयास है, वही सही ज्ञान है.

बाकी ज्ञान, ज्ञान नहीं है. कारण, वह आज है, कल नहीं रहेगा और जितना रह जायेगा, वह भी पूर्ण नहीं है. जागतिक ज्ञान के बारे में दो बातें याद रखनी होगी. एक बात हुई, जो ज्ञान है वह पूर्ण नहीं, अत्यंत अपूर्ण रहता है. और दूसरा यह कि इस अपूर्ण ज्ञान को भी कोई चिरकाल तक रख नहीं सकता. पत्रिका में क्या लिखा है, उसे लेकर माथापच्ची करने की कोई आवश्यकता नहीं और न किसी से परामर्श लेने की आवश्यकता है. ‘शुभस्य शीघ्रम.’ दूसरा है- ‘अशुभस्य कालहरणम्.’ यदि कोई अशुभ काम, खराब काम करने की इच्छा मन में उठे, तो देरी करते जाओ, कालहरण करो. समय को कट जाने दो, विलंब करो.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें