17.3 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 08:40 pm
17.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

दुनिया में बढ़ रही भारत की साख

Advertisement

कोरोना महामारी के पहले से ही अमेरिका ने चीन के विरोध में व्यापार युद्ध छेड़ रखा था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आयात शुल्क बढ़ाते हुए चीन से आयातों पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया था. कोरोना महामारी के बाद अमेरिका चीन द्वारा इस वायरस को फैलाने और जान-बूझ कर उसके खतरों को दुनिया से छिपाने के बारे में कई आरोप भी लगा रहा है

Audio Book

ऑडियो सुनें

डॉ अश्विनी महाजनएसोसिएट प्रोफेसर, डीयू

- Advertisement -

ashwanimahajan@rediffmail.com

हाल ही में चीन के सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चीन की अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष की तुलना में 2020 वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 8.1 प्रतिशत सिकुड़ गयी है. बीते तीन दशकों में यह गिरावट पहली बार देखी गयी है. एक तरफ कोरोना महामारी के कारण चीन को अपने उत्पादन केंद्रों को बंद करना पड़ा, तो दूसरी ओर दुनियाभर में चीनी माल की खपत में भी भारी कमी आयी है. चीन में लॉकडाउन के खुलने के बाद भी मांग में उठाव दिखायी नहीं दे रहा है. चीनी माल के विदेशी ग्राहकों ने या तो ऑर्डर को स्थगित कर दिया है या निरस्त कर दिया है. नये और पिछले ऑर्डर के भी भुगतान नहीं आ पा रहे हैं. कहा जा सकता है कि पिछली तिमाही में जो गिरावट चीन की अर्थव्यवस्था में आयी है, उसमें अगली तिमाही में भी सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही है.

कोरोना महामारी के पहले से ही अमेरिका ने चीन के विरोध में व्यापार युद्ध छेड़ रखा था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आयात शुल्क बढ़ाते हुए चीन से आयातों पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया था. कोरोना महामारी के बाद अमेरिका चीन द्वारा इस वायरस को फैलाने और जान-बूझ कर उसके खतरों को दुनिया से छिपाने के बारे में कई आरोप भी लगा रहा है. अमेरिका ने इस बारे में तहकीकात भी शुरू कर दी है. स्वाभाविक है कि ऐसे में चीन से अमेरिका को निर्यात प्रभावित होंगे. उधर, संकट के इस समय में दुनिया के अधिकांश देश आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए अभी भी चीन पर निर्भर हैं. मेडिकल उपकरण, टेस्ट किट, मास्क, सैनिटाइजर समेत कई चीजों का आयात चीन से हो रहा है, लेकिन सामान की खराब गुणवत्ता के चलते वे देश चीन से नाराज हैं. कई देशों से चीन की खेपों को वापस भी भेजा जा चुका है.

कई देश मान रहे हैं कि कोरोना प्रकोप के पीछे चीन जिम्मेदार है. चीन से खामियाजा वसूलने की भी बात चल रही है. पिछले 20 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी वस्तुओं की भरमार बढ़ती जा रही थी. चीन की सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियां बड़ी मात्रा में अलग-अलग देशों में निवेश कर रही हैं. चीन के प्रति बढ़ते अविश्वास के चलते दुनिया के कई देश उससे आर्थिक संबंधों के बारे में पुनर्विचार करने लगे हैं. अमेरिका ने तो यहां तक कह दिया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण दुर्घटनावश हुआ है अथवा षड्यंत्रपूर्ण तरीके से, इसकी जांच होगी और दोषी पाये जाने पर चीन को उसके परिणाम भुगतने होंगे. दुनियाभर में कंपनियों की दुर्दशा और उनके शेयरों की कीमतें घटने के कारण चीन की सरकारी और निजी कंपनियां उनके अधिग्रहण की फिराक में हैं. उनके इस अनुचित प्रयास को रोकने के लिए कई देशों ने अपने विदेशी निवेश नियमों में बदलाव कर ऐसे निवेश को अमान्य किया है. हाल ही में भारत ने भी अपने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों में बदलाव कर चीन समेत उन सभी देशों से आनेवाले निवेश के लिए सरकारी अनुमति प्राप्त करना जरूरी कर दिया है, जिनकी सीमा भारत से जुड़ी है.

लगभग 1000 कंपनियां चीन से विमुख होकर अपना उत्पादन चीन से स्थानांतरित कर भारत में प्रवेश करने के लिए इच्छुक हैं और केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और अन्य आधिकारिक संस्थानों से वार्ता कर रही हैं. इनमें से 300 कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल उपकरणों और वस्त्रों के उत्पादन से जुड़ी हैं. ये कंपनियां भारत को सर्वाधिक उपयुक्त गंतव्य मान रही हैं. अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया आज चीन पर अत्यधिक निर्भर है.

इन कंपनियों को इस हेतु भारत में वातावरण अनुकूल दिख रहा है. पिछले कुछ वर्षों में भारत ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की दृष्टि से लगातार आगे बढ़ा है. भारत वैश्विक रैंकिंग में 142वें स्थान से अब 63वें स्थान पर पहुंच गया है. निवेशकों को आकर्षित करने हेतु नयी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स मात्र 15 प्रतिशत कर दिया गया है. माना जा सकता है कि निवेश की दृष्टि से भारत के प्रतिद्वंदी देशों की तुलना में यह कॉरपोरेट टैक्स दर न्यूनतम है. यही नहीं, वर्तमान में कार्यरत कंपनियों के लिए यह कॉरपोरेट टैक्स की दर 22 प्रतिशत है, जो पूरे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की तुलना में सबसे कम है. कॉरपोरेट टैक्स दरों में इस बदलाव से एक तरफ नये निवेशक यहां आने के लिए प्रोत्साहित होंगे और पहले से कार्यरत कॉरपोरेट भारत से कहीं और जाने के लिए हतोत्साहित होंगे, क्योंकि इससे कम टैक्स वाला कोई देश नहीं है, जहां वे स्थानांतरित हो सकें.

भारतीय नेतृत्व द्वारा दुनिया में देश की साख बढ़ानेवाले कदमों से भारत का नाम काफी सम्मान से लिया जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति से लेकर खाड़ी देशों तक भारतीय कूटनीति का लोहा माना जा रहा है. चीनी वायरस से उत्पन्न संकट से जब दुनिया के बड़े और अमीर देश असहाय से दिख रहे हैं, वहीं भारत समझदारी, सख्ती और नागरिक सहयोग से इस संकट से निबट रहा है. जरूरत के समय अमेरिका, इंग्लैंड, ब्राजील समेत कई देशों को दवाई उपलब्ध कराना, दुनियाभर में फंसे भारतीयों को ही नहीं, विदेशी नागरिकों को वापस लाना, जैसे कई काम हैं, जिन्हें भारत अपने सीमित संसाधनों से सफलतापूर्वक संपन्न कर पाया है. भारत की बढ़ती साख का परिणाम है कि अमेरिका के इतिहास में पहली बार कई भारतीय दवाओं को बड़ी संख्या में रिकॉर्ड तोड़ अनुमति मिली है. दवाओं की आपूर्ति द्वारा भारत ने दुनिया का दिल जीत लिया है. इस अनुकूल वातावरण का लाभ उठाते हुए भारत अपनी भूमि पर दवाइयों, मेडिकल उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, केमिकल्स समेत अन्य कई उत्पादों के उत्पादन में बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है.चीनी वायरस भारत के लिए संकट और चुनौती कम, लेकिन अवसर ज्यादा लेकर आया है. मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग (एमएसएमइ) मंत्री नितिन गडकरी ने सही ही कहा है कि इस स्थिति को परोक्ष रूप से वरदान के रूप में देखा जाना चाहिए.

(ये लेखक के निजी विचार हैं.)

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें