24.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 06:36 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

उद्यमों को सहायता

Advertisement

देश के इतिहास में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गयी है, जिसके तहत रेहड़ी-पटरी या ठेला लगाकर अपनी जीविका चलानेवाले लोग बैंकों से कर्ज हासिल कर सकेंगे.

Audio Book

ऑडियो सुनें

लंबे लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था में भारी संकुचन हुआ है. इसका सबसे ज्यादा असर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर पड़ा है. आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीस लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत पैकेज के विवरण में छोटे और मझोले उद्यमों के लिए समुचित पूंजी मुहैया कराने के साथ उनकी परिभाषाओं में भी जरूरी बदलाव का उल्लेख था. उन उपायों पर केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लगने से इस क्षेत्र के लिए 70 हजार करोड़ की राशि उपलब्ध हो सकेगी.

- Advertisement -

उल्लेखनीय है कि कुल घरेलू उत्पादन में इस क्षेत्र का हिस्सा करीब 30 फीसदी है और इसमें 12 करोड़ के आसपास लोग कार्यरत हैं. देश के निर्यात में छोटे और मझोले उद्यम लगभग 45 फीसदी का योगदान देते हैं. लॉकडाउन में यह क्षेत्र के बंदी के कगार के पर पहुंचने के कारण उत्पादन में भारी कमी आयी है तथा बेरोजगारी बढ़ने से मांग में भी गिरावट आयी है. यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि असंगठित क्षेत्र के बड़ा भाग इन्हीं उद्यमों का है. अब जब पूंजी की कमी दूर होगी, तो उत्पादन और रोजगार भी बढ़ेगा. इस तरह से मांग में भी बढ़ोतरी होगी तथा आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगेंगी.

इस क्षेत्र के कारोबारियों की समस्याओं के समाधान को आसान बनाने के लिए सरकार ने चैंपियंस नामक वेब पोर्टल की शुरुआत भी की है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों हुआ है. तकनीक के इस दौर में सुगमता से सूचनाओं और जानकारियों को हासिल करना तथा शिकायतों का त्वरित निवारण जरूरी है. आम तौर पर अभी तक उन छोटे कारोबारियों के लिए बैंकों से कर्ज लेना लगभग असंभव होता था, जिनके पास गारंटी के लिए कोई परिसंपत्ति नहीं होती थी, लेकिन ऐसे कारोबारी अब आसानी से कर्ज लेकर अपने उद्यम को आगे बढ़ा सकते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने उचित ही कहा है कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गयी है, जिसके तहत रेहड़ी-पटरी या ठेला लगाकर अपनी जीविका चलानेवाले लोग बैंकों से कर्ज हासिल कर सकेंगे. प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना से 50 लाख से अधिक ऐसे लोग फायदा उठा सकेंगे. बदलती आर्थिक परिस्थितियों में सुदूर देहात से लेकर कस्बों तक और शहरों से लेकर महानगरों तक उद्यमिता को बढ़ावा देने की दरकार है ताकि आत्मनिर्भरता के संकल्प को साकार किया जा सके तथा हर स्तर पर कारोबार, रोजगार और आमदनी के मौके बनाये जा सकें.

हमारे देश में न तो कारोबार करने की इच्छाशक्ति की कमी है और न ही श्रम की उपलब्धता में कोई समस्या है. सरकार की हालिया पहलों से समुचित संसाधन, विशेषकर पूंजी, जुटाने की अड़चनें बहुत हद तक दूर हो जायेंगी. आमदनी में बढ़त के साथ ही उपभोक्ताओं की मांग भी बढ़ेगी. इन पहलों को अब अमल में लाने की कवायद पर ध्यान दिया जाना चाहिए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें