26.4 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 04:13 pm
26.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

अर्थव्यवस्था पर ग्रहण

Advertisement

रोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने की कोशिशों से भारत समेत पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था के संकटग्रस्त होने की स्थिति पैदा हो गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 25 मार्च से लागू 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान हमारी अर्थव्यवस्था में सात-आठ लाख करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन है. इस अवधि में […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

रोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने की कोशिशों से भारत समेत पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था के संकटग्रस्त होने की स्थिति पैदा हो गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 25 मार्च से लागू 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान हमारी अर्थव्यवस्था में सात-आठ लाख करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन है. इस अवधि में लगभग 70 फीसदी आर्थिक गतिविधियां ठप हैं. अब इस लॉकडाउन के तीन मई तक बढ़ाये जाने से नुकसान में बढ़ोतरी भी स्वाभाविक है. कोरोना महामारी ने ऐसे समय में दस्तक दी है, जब अर्थव्यवस्था में गिरावट के दौर से निकलने के संकेत मिलने लगे थे. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार की हलचलों के कारण वृद्धि दर में कई तिमाहियों से कमी आ रही थी और उसे रोकने के लिए सरकार द्वारा बीते वित्त वर्ष में बजट पेश करने के बाद से ही सुधार के अनेक उपाय किये गये थे. इन उपायों से होनेवाला सुधार अभी दिखना ही शुरू हुआ था कि कोविड-19 वायरस ने अपना साया पसारना शुरू कर दिया.

- Advertisement -

चूंकि यह महामारी पड़ोसी देशों से लेकर सुदूर स्थित महादेशों तक फैली हुई है, सो बाहरी कारकों से मिलनेवाले फायदे भी घाटे में बदल गये. एक तरफ तो महामारी रोकने के लिए कठोर कदम उठाने पड़े हैं, वहीं दूसरी तरफ इस पर नियंत्रण पाने के लिए तथा आर्थिक गतिविधियों के बंद होने से प्रभावित बड़ी आबादी को राहत पहुंचाने के प्रयासों में बड़ी धनराशि का निवेश भी करना पड़ रहा है. इस परेशानी का सबसे मुश्किल पहलू यह है कि संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन और मिलने-जुलने से परहेज के अलावा कोई और ठोस विकल्प भी हमारे सामने नहीं है. ऐसे उपायों की वजह से ही अनेक देशों से हमारे यहां हालात बेहतर हैं, जबकि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के देश व्यापक संक्रमण और बड़ी संख्या में मौतों के भयानक संकट का सामना कर रहे हैं. जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक संबोधन में रेखांकित किया है कि जान है, तो जहान है.

यदि जिंदगियां बची रहेंगी, तो कुछ महीनों या सालों की मेहनत से हम फिर अपनी अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना सकते हैं. लेकिन इसका यह भी मतलब नहीं है कि हम इस पहलू को पूरी तरह से नजरअंदाज करें. विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दर शून्य से लेकर दो-तीन फीसदी रह सकती है. इसका मतलब यह है कि अगर हम आगामी कुछ हफ्तों में या दो-चार महीनों में संक्रमण की चिंता से मुक्त भी हो जाते हैं, तब भी अर्थव्यवस्था को सामान्य बनाने में लंबा समय लग सकता है. अन्य महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति में होने तथा निवेश और निर्यात के मोर्चे में निराशा बढ़ने से देश को ही अपनी लगन, मेहनत और संयम के सहारे आगे की राह तय करनी पड़ेगी. सरकार और समाज के स्तर पर बड़ी तैयारी की जरूरत है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें