15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 03:28 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

चीन की चुनौती

Advertisement

हालांकि वास्तविक नियंत्रण रेखा के संबंध में भारत और चीन के बीच समझौता है, पर चीन लगातार यथास्थिति को भंग करने की कोशिश करता रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

भारत और भारतीय सेना के लिए चीन एक प्रमुख रक्षा चुनौती है. देश के रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कहा है कि चीन की यह चुनौती दोनों देशों के बीच अनिर्धारित सीमा तथा चीन के उभार के कारण हैं. उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा अस्थायी सीमा के रूप में है. भारत और पाकिस्तान की सीमा का एक हिस्सा इसी तरह का है, जिसे नियंत्रण रेखा की संज्ञा दी जाती है. ऐसी रेखाएं सीमा विवादों के हल नहीं होने कारण स्थापित की गयी हैं. पचास के दशक में तिब्बत पर कब्जे के कारण चीन हमारा नया पड़ोसी बना और उससे पहले भारत विभाजन के परिणामस्वरूप पाकिस्तान अस्तित्व में आया. इन दोनों के साथ सीमा विवाद भी हैं और युद्ध भी हो चुके हैं. हालांकि वास्तविक नियंत्रण रेखा के संबंध में भारत और चीन के बीच समझौता है, पर चीन लगातार सैन्य घुसपैठ और जमावड़े के सहारे यथास्थिति को भंग करने की कोशिश करता रहा है.

- Advertisement -

साल 2017 में दोक्लाम और 2020 में गलवान की घटनाएं उसके विस्तारवादी रवैये के उल्लेखनीय उदाहरण हैं. गलवान की झड़प के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच कई चरणों की बातचीत हो चुकी है, पर चीन अपने सैन्य जमावड़े को हटाने के लिए तैयार नहीं हो रहा है. कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिर कहा था कि जब तक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल नहीं होगी, तब तक तनाव बना रहेगा. रक्षा प्रमुख जनरल चौहान ने कहा है कि विवादित स्थानों पर यथास्थिति बदलने के चीनी सेना के प्रयासों का प्रतिकार जारी रहेगा. उन्होंने आगाह किया है कि जैसा विवादित सीमाओं के साथ हमेशा होता है, विरोधी नये तथ्य और तर्क गढ़ने का प्रयास करता है, हमारे पड़ोसी भी कर सकते हैं. उन्होंने आह्वान किया है कि विद्वानों, रणनीतिकारों, छात्रों, लोगों- सभी को ऐसी कोशिशों के बरक्स खड़ा होना होगा. हमारे दोनों आक्रामक पड़ोसी एक-दूसरे के बड़े करीब भी हैं और एक-दूसरे की गलतियों को भी सही ठहराने का प्रयत्न करते हैं. इतना ही नहीं, वे भारत के आंतरिक मामलों में अनावश्यक टिप्पणी करने के साथ-साथ हमारी राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता पर भी चोट करते हैं. हाल में चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा तथा वहां की परियोजनाओं पर चीन ने निराधार सवाल उठाया था. चीन और पाकिस्तान से संवाद के लिए भारत हमेशा तैयार रहता है, लेकिन जब तक दोनों देश मुख्य मुद्दों पर ईमानदारी एवं पारदर्शिता नहीं बरतेंगे, संबंध बेहतर नहीं हो सकेंगे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें