16.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 12:23 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

स्वास्थ्य पर ध्यान

Advertisement

बीते कुछ महीने से भारत दुनिया के बहुत सारे देशों के साथ कोरोना वायरस के भयावह संक्रमण का सामना कर रहा है. इस महामारी से निबटने की कोशिशें जारी हैं और कुछ उल्लेखनीय सफलताओं के बावजूद चुनौतियां बरकरार हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपनी स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों और खूबियों की समीक्षा कर बेहतरी की ओर अग्रसर हों, ताकि भविष्य में ऐसी किसी आपदा का सामना करने में हम सक्षम हो सकें.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बीते कुछ महीने से भारत दुनिया के बहुत सारे देशों के साथ कोरोना वायरस के भयावह संक्रमण का सामना कर रहा है. इस महामारी से निबटने की कोशिशें जारी हैं और कुछ उल्लेखनीय सफलताओं के बावजूद चुनौतियां बरकरार हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपनी स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों और खूबियों की समीक्षा कर बेहतरी की ओर अग्रसर हों, ताकि भविष्य में ऐसी किसी आपदा का सामना करने में हम सक्षम हो सकें.

- Advertisement -

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की हालिया रिपोर्ट (2017-18) को देखें, तो पता चलता है कि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा अस्पतालों में इलाज के खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं है. लगभग दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गयी आयुष्मान भारत योजना से पचास करोड़ गरीब भारतीयों को पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा की सुविधा उपलब्ध हुई है. इसके अलावा टीकाकरण, कुपोषण हटाने, पेयजल मुहैया कराने आदि जैसी पहलें भी हुई हैं, जिनसे दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम मिलने की आशा है.

केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा पर खर्च बढ़ाने तथा अधिक बजट आवंटन को लेकर भी प्रतिबद्ध है. राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर या केंद्र सरकार के सहयोग से अलग-अलग योजनाओं को अमली जामा पहनाने की कोशिश कर रही हैं. हम कोरोना संकट के दौर में देख रहे हैं कि अस्पतालों और स्वास्थ्यकर्मियों की बड़ी कमी है. उल्लेखनीय है कि भारत उन देशों में शामिल है, जो स्वास्थ्य पर बहुत कम खर्च करते हैं. आबादी के अनुपात में स्वास्थ्य केंद्रों और कर्मियों की संख्या भी देश में निर्धारित अंतरराष्ट्रीय मानकों से बहुत कम है.

समुचित निवेश की कमी के कारण संसाधनों का भी घोर अभाव है. ग्रामीण क्षेत्रों, दूर-दराज के इलाकों तथा शहरों की गरीब बस्तियों में स्थिति बहुत चिंताजनक है. निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च उठा पाना सबके बस में नहीं है. इस कारण मामूली समस्या भी बड़ी बीमारी बन जाती है तथा ऐसी बीमारियों से भी बहुत सी जानें चली जाती हैं, जो सामान्य उपचार से ठीक हो सकती हैं. स्वच्छता के लिए चला अभियान देशव्यापी आंदोलन बन चुका है. कोरोना संकट ने भी सामान्य व्यवहार में सुधार की बड़ी जरूरत को रेखांकित किया है.

सांख्यिकी कार्यालय की रिपोर्ट ने भी इस पहलू पर जोर दिया है. महामारी ने हमें अनेक सबक दिये हैं, जैसे- कहां और क्यों हालात ज्यादा खराब हुए या हो रहे हैं, कौन सी बीमारियां संक्रमण से और अधिक घातक हो सकती हैं और बुनियादी स्तर पर क्या तैयारियां जरूरी हैं. जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आह्वान किया है कि इस आपदा को अवसर में बदलकर हम देश की अर्थव्यवस्था को नये सिरे से विकसित कर सकते हैं, उसी तरह स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार के लिए हमारे पास मौका है. सामान्य स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर अत्याधुनिक शोध व अनुसंधान के संस्थान स्थापित करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को साकार करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें