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कोरोना का खतरा टला नहीं है

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वायरस अब भी हमारे आसपास मौजूद है. लापरवाही बरतने पर कोरोना संक्रमण दोबारा तेजी से फैल सकता है. नियमों में छूट का बेजा इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.

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कोरोना के नये संक्रमण ओमिक्रोन के मामले सामने आने से दुनियाभर में चिंता की लहर दौड़ गयी है. हाल ही में जीवन पटरी पर आता लग रहा था कि ओमिक्रोन वेरिएंट ने दुनियाभर में दहशत फैला दी है. अब तक 38 देशों में इसका संक्रमण पहुंच गया है. दक्षिण अफ्रीका में नवंबर में इस वेरिएंट का पहला मामला सामने आया था. इसके अलावा बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग और इस्राइल में भी इसका संक्रमण हुआ. दक्षिण अफ्रीका में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं. इस वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी असरदार साबित होगी, इस पर अभी डॉक्टर कुछ ठोस कहने की स्थिति में नहीं है.

विशेषज्ञ स्पष्ट कर चुके हैं कि अभी इसके असर के बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है. प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार यह सही है कि यह फैलता ज्यादा तेजी से है, लेकिन पिछले डेल्टा वेरिएंट की तरह घातक नहीं है. अलबत्ता, इसे लेकर दहशत अधिक है. यही वजह है कि विभिन्न देश कोरोना से बचाव संबंधी नियमों में सख्ती कर रहे हैं और यात्रा प्रतिबंध लगाये जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ कंसर्न यानी चिंता का विषय बताते हुए इसका नाम ओमिक्रोन रखा है. संगठन ने इसे इसलिए चिंता का विषय कहा है कि इसमें संक्रमण का खतरा ज्यादा हो सकता है. हालांकि, अभी इस बात के ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं.

यह वेरिएंट कैसे पनपा होगा, इसका भी समुचित जवाब नहीं है. अनुमान है कि यह वेरिएंट ऐसे मरीज में विकसित हुआ होगा, जिसकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होगी और वह लंबे समय तक संक्रमित रहा होगा. फिर दूसरे लोगों में फैल गया, लेकिन इस बार संक्रमण से मुकाबले को हम ज्यादा तैयार हैं. बड़ी संख्या में लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुका है. हाल में देश ने एक बार फिर एक दिन में वैक्सीन के एक करोड़ से ज्यादा खुराक देने का रिकॉर्ड बनाया है. देश में अब तक छह बार ऐसा हुआ है, जब एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा टीके लगे हों.

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया है कि हर घर दस्तक अभियान जोरों से चल रहा है. इससे टीकाकरण का दायरा बढ़ाने में मदद मिली है. साथ ही, भारत में कुल टीकाकृत लोगों की संख्या 127 करोड़ के पार हो गयी है. इनमें से 80 करोड़ लोग पहला और 47 करोड़ लोग दोनों डोज ले चुके हैं. वैक्सीनेशन के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और बिहार अव्वल हैं. अब तक ओमिक्रोन संक्रमण के केवल पांच मामले देश में पाये गये हैं.

ओमिक्रॉन से बचाव को लेकर भी हमारे पास वही तरीके हैं, जो अन्य वेरिएंट के लिए हैं यानी वैक्सीन, मास्क और दूरी बनाये रखना. संक्रमित लोगों के जितना कम से कम संपर्क में आप आयेंगे, वायरस का फैलाव उतना ही कम होगा. साथ ही, वैक्सीन लेने से नये म्यूटेशन के मौके भी सीमित हो जायेंगे.

भारत में ओमिक्रॉन के अब तक 21 मामले मिले हैं. अकेले रविवार को 17 मामले सामने आये. इनमें से नौ केस जयपुर में, सात केस पुणे में और एक केस दिल्ली में मिला है. महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पुणे में मिले सात ओमिक्रोम संक्रमित में से चार लोग विदेश यात्रा से लौटे हैं, जबकि तीन लोग इनके संपर्क आने से संक्रिमत हुए. दिल्ली में मिला संक्रमित व्यक्ति तंजानिया से भारत आया है. जयपुर में जो नौ लोग संक्रमित मिले हैं, उनमें से चार लोग दक्षिण अफ्रीका से लौटे हैं और पांच उनके संपर्क में आये उनके रिश्तेदार हैं.

इससे पहले शनिवार को मुंबई गौर गुजरात में एक-एक संक्रमित मिला था. मुंबई में मिला संक्रमित दक्षिण अफ्रीका से लौटा था. शनिवार से पहले कर्नाटक में दो मरीजों में नये वैरिएंट की पुष्टि हुई थी. भारत में ओमिक्रोन से संक्रमित होनेवाले एक डॉक्टर ने विस्तार से इसके लक्षणों के बारे में बताया है. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने ओमिक्रोन को लेकर फैले डर को दूर करने की कोशिश की है.

उन्होंने कहा कि जब उन्हें अपने ओमिक्रोन से संक्रमित होने का पता चला, तो सबसे पहले खुद को शांत रखने की कोशिश की. उनकी पत्नी और बच्चे भी क्वारंटाइन हो गये. डॉक्टर ने बताया कि वे बिल्कुल ठीक हैं, पर एहतियात के तौर पर अभी एक अस्पताल में आइसोलेशन में हैं. अपने लक्षणों के बारे में उन्होंने बताया कि उन्हें शरीर दर्द, ठंड लगने और बुखार की शिकायत हुई थी, लेकिन अब तक उन्हें सांस से जुड़ी कोई समस्या नहीं है.

उनका अधिकतम बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट तक गया है, लेकिन जुकाम और कफ जैसी परेशानियां नहीं झेलनी पड़ी हैं. डॉक्टर ने बताया कि बुखार आने के बाद उन्हें आरटी-पीसीआर टेस्ट में कोरोना संक्रमित होने की बात पता चल चुकी थी. वे तीन दिन होम आइसोलेशन में भी रहे, लेकिन जब हालत नहीं सुधरी, तो वे एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गये. उनके एचआरसीटी स्कैन में भी फेफड़ों पर ज्यादा प्रभाव नहीं दिख रहा है. यह बदलाव उतना ही है, जितना आम कोरोना मरीजों में 3-4 दिन के अंदर दिखता है.

लेकिन देश में ऐसे सिरफिरे डॉक्टर भी हैं, जो दहशत में आकर आत्मघाती कदम उठा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक डॉक्टर ने अपने पूरे परिवार को बेरहमी से मार डाला और खुद लापता है. उस डॉक्टर ने एक नोट में लिखा है कि कोविड के नये वैरिएंट ओमिक्रोन के आने के बाद अब और लाशें नहीं गिननी हैं. यह सबको मार डालेगा. माना जा रहा है कि वह डॉक्टर कोविड को लेकर इस कदर तनाव में था कि उसे लगता था कि अब जीवन नहीं बचेगा.

आशंका है कि वह तीनों को मार कर खुद आत्महत्या करने के प्रयास में है. अब आप ही बताएं कि समाज को ऐसे सिरफिरे क्या संदेश दे रहे हैं. देश-दुनिया ने कोरोना महामारी का विकराल रूप देखा है और हम सब उससे पार पाने में सफल रहे हैं. जीवन की गाड़ी फिर पटरी पर आ गयी है. यह सच है कि महामारी के कमजोर पड़ने और यात्रा प्रतिबंधों में ढील के बाद बाजारों से लेकर पर्यटक स्थलों तक भारी भीड़ उमड़ पड़ी है.

जो दृश्य सामने आये हैं, वे चिंतित करते हैं. लोग कोरोना नियमों पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं. लोगों ने मान लिया है कि कोरोना खत्म हो गया है और उन्होंने मॉस्क भी उतार फेंका है. देखने में आया है कि छूट के साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की आवाजाही बढ़ी है और अधिक संख्या में भीड़ एकत्र हो रही है, जबकि हम सभी को अब भी बचाव के प्रति अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है. लापरवाही बरतने पर कोरोना संक्रमण दोबारा तेजी से फैल सकता है. नियमों में छूट का बेजा इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. कोरोना का प्रभाव कम जरूर हुआ है, लेकिन अभी यह खत्म नहीं हुआ है. जो लोग छूट गये हैं, वे टीका जरूर लगवा लें.

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