24.1 C
Ranchi
Saturday, February 15, 2025 | 12:55 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

स्वच्छता में उपलब्धियां

Advertisement

बीते पांच सालों से चल रहा स्वच्छ भारत अभियान अब एक आंदोलन का रूप ले चुका है. अपने आसपास की सफाई सुनिश्चित करना सामाजिक व्यवहार का हिस्सा बन रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बीते पांच सालों से चल रहा स्वच्छ भारत अभियान अब एक आंदोलन का रूप ले चुका है. अपने आसपास की सफाई सुनिश्चित करना सामाजिक व्यवहार का हिस्सा बन रहा है.

कोरोना संक्रमण ने स्वच्छता के महत्व को फिर रेखांकित किया है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का यह कथन बिल्कुल सही है कि अगर स्वच्छ भारत अभियान की उपलब्धियां नहीं होतीं, तो संक्रमण का प्रभाव कहीं बहुत अधिक हो सकता था. यह तथ्य इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कोविड-19 का असर अभी मुख्य रूप से शहरों क्षेत्रों तक सीमित है. बीते पांच सालों से चल रहा स्वच्छ भारत अभियान अब एक आंदोलन का रूप ले चुका है और इसमें बड़ी संख्या में नागरिक स्वैच्छिक रूप से योगदान दे रहे हैं. अपने आसपास की सफाई सुनिश्चित करना सामाजिक व्यवहार का हिस्सा बन रहा है. इसका एक अहम संकेत साफ-सुथरे शहरों की ताजा सूची से मिलता है, जिसमें 1435 शहरों को उपलब्धि के आधार पर श्रेणीबद्ध किया गया है. इसमें छह शहरों- नवी मुंबई, राजकोट, सूरत, मैसूर, इंदौर और अंबिकापुर- को पंचसितारा श्रेणी में रखा गया है, जबकि 65 शहर तीन सितारा और 70 शहर एक सितारा वर्ग में हैं.

जनवरी, 2018 से ऐसी सूची बनाने का सिलसिला शुरू हुआ है और इसमें अपने आकलन के लिए शहर स्वयं ही आवेदन करते हैं. सूची के निर्धारण में जल निकासी, जल निकाय, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, भवन निर्माण व विध्वंस के कचरे का निष्पादन आदि विभिन्न बिंदुओं का संज्ञान लिया जाता है. हालांकि इस सूची का मुख्य जोर ठोस कचरे के प्रबंधन पर होता है, पर स्वच्छता के लिए बनाये मानकों पर खरे उतरने का आग्रह भी इसमें शामिल है. श्रेणीबद्ध सूची शहरों का उत्साह बढ़ाने के साथ उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को भी प्रोत्साहित करती है. शहरीकरण की तेज गति, स्थानीय निकायों व प्रशासन की लापरवाही, भ्रष्टाचार, संसाधनों की कमी तथा उनका समुचित प्रबंधन न होना आदि कारणों ने शहरों को कचरे के ढेर में बदल दिया था तथा प्रदूषण के साथ इस समस्या ने शहरी जीवन को नारकीय बनाना शुरू कर दिया था.

गरीब और निम्न आय वर्ग के इलाकों में तो स्थिति अधिक चिंताजनक हो गयी थी. स्वच्छ भारत अभियान ने इस परिदृश्य को बहुत हद तक बदल दिया है. यह समझा जाना चाहिए कि मौजूदा उपलब्धियों से संतोष करना ठीक नहीं होगा. अभी भी अधिकतर शहर कचरा प्रबंधन में बहुत पीछे हैं और इस वजह से वे सूची में ऊपरी पायदानों पर नहीं पहुंच सके हैं. लेकिन यह अहम पहलू है कि बहुत सारे शहर मानकों पर खरे उतरने की कोशिश में लगातार लगे हुए हैं और वे अपनी उपलब्धियों की समीक्षा के लिए आवेदन करते हैं. स्वच्छ भारत अभियान का विस्तार अब ग्रामीण भारत में भी होना है. शहरों के अनुभव इसमें बहुत सहायक हो सकते हैं. शहरी प्रशासन को प्रदूषण नियंत्रण पर भी समुचित ध्यान देना चाहिए और इसमें लॉकडाउन से मिले लाभ का उपयोग भी होना चाहिए. आगामी दिनों में आर्थिक समस्याओं से जूझने के क्रम में स्वच्छता के मसले पर समझौता नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा अब तक की उपलब्धियां बेमतलब हो जायेंगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें