जनहित के मुद्दे पर अलग, वेतनवृद्धि में साथ

झारखंड के विधायिका का यह अजूबा खेल है. जनहित के मुद्दे पर यहां विभिन्न पार्टियां व विधायक एक नहीं हो पाते, वहीं अपनी वेतनवृद्धि के समय साथ हो जाते हैं. इसमें न किसी तरह का विरोध किया जाता है और न ही आलोचना. विधानसभा में एकाध विधायक कोछोड़ दिया जाय, तो सभी के सुर यहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2017 6:15 AM
झारखंड के विधायिका का यह अजूबा खेल है. जनहित के मुद्दे पर यहां विभिन्न पार्टियां व विधायक एक नहीं हो पाते, वहीं अपनी वेतनवृद्धि के समय साथ हो जाते हैं. इसमें न किसी तरह का विरोध किया जाता है और न ही आलोचना. विधानसभा में एकाध विधायक कोछोड़ दिया जाय, तो सभी के सुर यहां मिले होते हैं. इनकी इन्हीं गतिविधियों के कारण पूरे देश में राज्य की एक अलग पहचान बनी है.
कोई काम हो या नहीं, साल दो साल में इनकी वेतनवृद्धि जरूर हो जाती है. दूसरी ओर राज्य में मुश्किलों से घिरे पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, होमगार्ड, अनुबंधिंत कर्मियों का मानदेय नहीं बढ़ाया जा रहा. मांगों पर आंदोलन के बाद भी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगती.
विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा, बोकारो

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