ट्रंप की आत्मघाती नीति

आखिर ट्रंप को अमेरिका कहां से कमजोर या समस्याओं से ग्रस्त नजर आता हैं, यह बात समझ के परे है. आज इस वैश्वीकरण के दौर में जब सभी राष्ट्र अपने देश के दरवाजे एक-दूसरे के लिए खोल रहे हैं, ऐसे में अमेरिका का कट्टरपंथी इसलाम के नाम पर कुछ मुसलिम देशों के नागरिकों का अमेरिका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2017 6:15 AM
आखिर ट्रंप को अमेरिका कहां से कमजोर या समस्याओं से ग्रस्त नजर आता हैं, यह बात समझ के परे है. आज इस वैश्वीकरण के दौर में जब सभी राष्ट्र अपने देश के दरवाजे एक-दूसरे के लिए खोल रहे हैं, ऐसे में अमेरिका का कट्टरपंथी इसलाम के नाम पर कुछ मुसलिम देशों के नागरिकों का अमेरिका में प्रवेश बंद करना खुद उसके लिए आने वाले समय में परेशानी का सबब बन सकता है.
गूगल के सीइओ सुंदर पिचाई ने भी ट्रंप के इस कदम की आलोचना की और कहा कि इस से अन्य देश के प्रतिभा-संपन्न युवा अमेरिका के विकास में अपना योगदान नहीं दे पाएंगे. ट्रंप की राष्ट्रवादी हुंकार आतंकवाद पर क्या असर डालेगी, इसका तो पता नहीं, लेकिन अब देखना यह है कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसका क्या असर होता है?
पूजा, दिल्ली

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