समाज में बुरी प्रवृत्तियां रोकने के लिए बचपन में ही मार्गदर्शन करना जरूरी है़ अच्छा मार्गदर्शन और जिंदगी के बारे में देखने का तरीका अच्छा हो, तो देश का भविष्य मजबूत और बलशाली रहेगा.
नशा, विषमता, सामाजिक दुष्कर्म, अंधश्रद्धा, पिछड़ापन, गुनहगारी प्रवृत्तियां रोकने के लिए बचपन में ही अच्छा-बुरा, नैतिक-अनैतिक के बारे में मार्गदर्शन मिलना जरूरी है़ बचपन में मिले सुसंस्कार जिंदगी का आधार होते हैं. लालन-पालन करनेवाले मां-बाप द्वारा बच्चे का अच्छी दिशा और मार्ग बताना भारत के और बच्चों के भविष्य लिए अच्छा होगा!
दत्तात्रेय फडतरे, पुणे, महाराष्ट्र