16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मांगा था आटा, मिला डाटा

Advertisement

डॉ. सुरेश कांत वरिष्ठ व्यंग्यकार नेताओं में कुछ विशेषताएं तो जन्मजात होती हैं और कुछ उन्होंने समय के साथ-साथ विकसित कर ली हैं. वैसे ही, जैसे मच्छरों ने. संयोग से दोनों में और भी बहुत-सी समानताएं हैं. दोनों प्रारंभ से ही मनुष्य के साथ हैं, दोनों परजीवी हैं, दोनों मनुष्य का खून चूसते हैं और […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

डॉ. सुरेश कांत

- Advertisement -

वरिष्ठ व्यंग्यकार

नेताओं में कुछ विशेषताएं तो जन्मजात होती हैं और कुछ उन्होंने समय के साथ-साथ विकसित कर ली हैं. वैसे ही, जैसे मच्छरों ने. संयोग से दोनों में और भी बहुत-सी समानताएं हैं. दोनों प्रारंभ से ही मनुष्य के साथ हैं, दोनों परजीवी हैं, दोनों मनुष्य का खून चूसते हैं और दोनों ही घातक बीमारियां फैलाते हैं. मच्छर के काटने से पैदा होनेवाली डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का जितना आतंक है, नेताओं के काटने से पैदा होनेवाली महंगाई और भ्रष्टाचार जैसी बीमारियों का उससे कम आतंक नहीं हैं. डेंगू से बचते हैं, तो महंगाई लील लेती है और भ्रष्टाचार से सामंजस्य बिठाते हैं, तो चिकनगुनिया की भेंट चढ़ जाते हैं. नस्लशास्त्रियों को पता लगाना चाहिए कि कहीं नेता उसी तरह मच्छरों से तो विकसित नहीं हुए, जैसे मनुष्य बंदरों से.

नेताओं की एक स्वयं विकसित विशेषता यह है कि वे कुछ का कुछ सुनते हैं. हालांकि, जनता की धारणा इससे ठीक उलट है. उसका मानना है कि नेता सुनते नहीं हैं. लेकिन फिर सवाल उठता है कि अगर नेताओं को सुनता नहीं, तो वे संसद या विधानसभा में अपने वेतन-भत्ते और अन्य सुख-सुविधाएं बढ़ाये जाने का प्रस्ताव आते ही उसे फौरन स्वीकार कैसे कर लेते हैं? इसलिए कुछ लोगों ने यह धारणा व्यक्त की कि नेता हालांकि, आम तौर पर सुनते नहीं, पर जरूरत पड़ने पर सुन भी लेते हैं, बशर्ते, जरूरत जनता की नहीं, नेताओं की अपनी हो.

कुछ लोगों ने यह प्रश्न भी उठाया कि नेता अगर जनता की सुनते नहीं, तो फिर जनता उन्हें वोट क्यों देती? जनता की त्राहि-त्राहि सुन कर ही तो हवाई किले बांधते हैं, जिन्हें देख कर जनता यह सोच कर उन्हें चुन लेती है कि ऐसे ही किले वे जमीन पर भी बांधेंगे, जिनमें वह आराम से रह पायेगी. लेकिन चुने जाने के बाद जब जनता को हवाई किले जमीन पर नहीं दिखते, तो उसे महसूस होता है कि नेता उसकी नहीं सुनते, जिससे उनके बारे में यह आशंका पैदा होती है कि उन्हें शायद सुनाई ही नहीं देता.

लेकिन बंदे ने हाल ही में पता लगाया है कि नेता सुनते तो हैं, पर कुछ का कुछ सुनते हैं. बंदे को यह बोध प्रधानमंत्री के चित्र के साथ रिलायंस के ‘जियो’ डाटा नेटवर्क के लांच के अवसर पर हुआ. और वह इस तरह, कि जनता ने मांगा तो था आटा, पर मिला उसे डाटा.

नेता ने आटे की जगह डाटा सुना, तभी न उसे आटा न देकर डाटा दिया. अब जनता को यह शिकायत नहीं होनी चाहिए कि पेट तो आटे से भरता है, डाटा से नहीं. क्योंकि किसी-किसी का पेट डाटा से मिलनेवाले आटे से ही भरता है. प्रधानमंत्री का उसके प्रति भी कुछ फर्ज बनता है. फर्ज ही नहीं, कर्ज भी, जिसे उतारना पहला फर्ज है.

और जो लोग यह कह कर अपने डिजिटल प्रधानमंत्री की बदनामी करते फिर रहे हैं कि यह ‘जियो’ भी आखिरकार चाइनीज ही निकला, उनके लिए बता दूं कि हो सकता है कि अभी यह चीन से आया हो, पर है यह ठेठ हिंदुस्तानी ही और हिंदुस्तान में भी बिहार का. ‘जिया हो बिहार के लाला, जिया तू हजार साला’ नामक फिल्मी गाना प्रमाण है इस बात का कि यह ‘जियो’, जिसे गाने में स्थानीयता की मांग के चलते ‘जिया’ कह कर संबोधित किया गया है, बिहार के किसी लाला की ईजाद है, जिसे हजारों साल हो गये हैं.

तो इतने साल पहले, संभवत: फाहियान या ह्वेन त्सांग जैसे किसी चीनी यात्री के साथ भारत से चीन गये और अब प्रधानमंत्री के गहन प्रयासों से वापस आये इस डाटा की भूख जगाएं और आटे को भूल जाएं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें