27.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 01:17 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

HomeOpinionवह आंदोलन ही क्या, जो बच्चों का भविष्य बिगाड़ दे

वह आंदोलन ही क्या, जो बच्चों का भविष्य बिगाड़ दे

आज समाज के हर वर्ग के लोग अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा देना चाह रहे हैं. किसी भी कीमत पर. चाहे विद्यालय सरकारी हो या प्राइवेट. उन्हें खर्च की परवाह नहीं है. हो भी क्यों नहीं. उनके पास आज विकल्प है. ऐसी स्थिति में सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को भी अपनी हठधर्मिता नहीं, उन्हें समाज में अपनी उपयोगिता सिद्ध करनी चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि उनके स्कूलों के बच्चे देश-दुनिया में ज्ञान की बदौलत अपना परचम लहरा रहे हैं.

लेकिन पता नहीं, आज के शिक्षक क्या सोच रहे हैं. अपने विद्यालय के बच्चों के ही भविष्य खराब कर रहे हैं. शिक्षक ही मैट्रिक व इंटर के बच्चों की कॉपी का मूल्यांकन कार्य रोके, कितनी शर्म की बात है. उन्हें इस बात का भी ख्याल नहीं रहा कि समय से बच्चों का रिजल्ट नहीं निकला, तो दूसरे राज्यों के अच्छे कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में नामांकन नहीं हो सकेगा. फिर बिहार में न ही कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में उतनी सीटें हैं, जहां ये बच्चे पढ़ सकते हैं.

नामांकन समय से नहीं हुआ तो उनका साल खराब हो जायेगा. ऐसा नहीं है इन बच्चों में शिक्षकों के बच्चे शामिल नहीं हैं, बड़ी संख्या में उनके बच्चे भी होंगे. ऐसे में शिक्षकों का वेतनमान ज्यादा जरूरी है या बच्चों का भविष्य ज्यादा जरूरी है, यह सोचना चाहिए. समय-समय पर सरकार पैसा बढ़ा भी रही है. फिर भी शिक्षकों का ऐसा आंदोलन किसके हित में है, समाज के, बच्चों के या फिर शिक्षक के अपने. यह समाज को बताना होगा. अन्यथा शिक्षक -छात्र का संबंध ही नहीं रहा, तो उन्हें सम्मान कहां मिलेगा. वैसे शिक्षकों को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस तरह से शिक्षा का निजीकरण हो रहा है, छात्र-छात्रएं व अभिभावक अपना विकल्प तलाशेंगे ही.

रिंकी कुमारी, सरदलपट्टी, सीतामढ़ी

Also Read:

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, टेक & ऑटो, क्रिकेट राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां.

अन्य खबरें

ऐप पर पढें