24.1 C
Ranchi
Friday, March 14, 2025 | 11:37 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बढ़ेगी भारत की सैन्यशक्ति

Advertisement

संजय भारद्वाज प्रोफेसर, जेएनयू drsbhardwaj@gmail.com राजनीतिक दृष्टिकोण से एकध्रुवीय और सैन्य-आर्थिक दृष्टिकोण से बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में भारत-रूस के बीच अत्याधुनिक मिसाइल सौदा भारत की भू-रणनीतिक महत्ता को उजागर करता है. पिछले कुछ वर्षों से अमेरिका व रूस के बीच संबंधाें में राष्ट्रपति चुनाव में छेड़छाड़ व हैक करने के मुद्दे को लेकर कड़वाहट बढ़ी […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

संजय भारद्वाज
प्रोफेसर, जेएनयू
drsbhardwaj@gmail.com
राजनीतिक दृष्टिकोण से एकध्रुवीय और सैन्य-आर्थिक दृष्टिकोण से बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में भारत-रूस के बीच अत्याधुनिक मिसाइल सौदा भारत की भू-रणनीतिक महत्ता को उजागर करता है. पिछले कुछ वर्षों से अमेरिका व रूस के बीच संबंधाें में राष्ट्रपति चुनाव में छेड़छाड़ व हैक करने के मुद्दे को लेकर कड़वाहट बढ़ी है.
रूस, ईरान और उत्तर कोरिया को अमेरिका अपना विरोधी समझता है. वहां इन देशों के साथ किया जानेवाला कोई भी समझौता अमेरिकी हितों के खिलाफ समझा जायेगा और अमेरिका सीएएटीएसए (काउंटर अमेरिकन्स एडवर्सरीज थ्रू सैंक्संस एक्ट) के तहत उस देश पर प्रतिबंध लगायेगा.
इन संभावनाओं के बीच भारत ने लगभग पांच बिलियन डॉलर की अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल की सौदेबाजी की है. यह प्रभावशाली मिसाइल भारत के सुरक्षा हितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है. भारत के उत्तरी-पश्चिमी देश पाकिस्तान व चीन सैन्य-असुरक्षा बढ़ा रहे हैं.
डोकलाम विवाद को भारत के लिए एक चेतावनी स्वरूप देखा गया तथा 2015 के भारत-रूस डिफेंस डील को अति-आवश्यक समझकर यह डील हुई है. कुल 400 किमी तक धरातल से हवा में मार करनेवाली यह मिसाइल 600 किमी तक दुश्मन को निशाना बना सकती है. गौरतलब है कि चीन पहले ही रूस से यह मिसाइल खरीद चुका है.
भारत और रूस के बीच यह 19वीं सालाना शिखर बैठक थी. सोची में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक छोटी सी मुलाकात बहुत अहम साबित हुई है. गौरतलब है कि रूस भारत के लिए सैन्य हथियारों का पहला निर्यातक है, जबकि अमेरिका दूसरे स्थान पर है.
हालांकि भारत-रूस का द्विपक्षीय व्यापार लगभग 10 बिलियन डॉलर का है, जबकि अमेरिका-भारत का द्विपक्षीय व्यापार 100 बिलियन डॉलर का है.
भारत कुछ वर्षों से अमेरिकी भू-रणनीतिक हितों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है. अमेरिकी नीति भारत और चीन को संतुलित करने व भारत की इंडोपैसेफिक क्षेत्र में ज्यादा भूमिका की बात करती है. साथ ही साथ भारत-अफगानिस्तान में भी विकास व सुरक्षा में भागीदार बनाने का इच्छुक है.
भारत की इस महत्ता को देखते हुए अमेरिका इस रूस-भारत सैन्य-समझौते पर प्रतिबंध हेतु छूट की मंशा रखता है. अमेरिकी रक्षा सचिव जेम्स मैटिस ने सीनेट की डिफेंस कमेटी को भारत को छूट की सिफारिश की है. हालांकि, इस प्रक्रिया में अभी काफी समय लगेगा.
भारत-रूस के बीच ऐतिहासिक संबंध रहे हैं तथा इनके रिश्ते 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय खरे उतरे थे. साल 1971 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पाकिस्तान-चीन-अमेरिकी खतरों के बीच भारत व सोवियत रूस के बीच सुरक्षा संधि हुई. यह ऐतिहासिक मित्रता 1990 की एक ध्रुवीय विश्व व्यवस्था में शिथिल होने लगी. रूस तभी अमेरिका से संतुलन बनाने के लिए चीन के साथ सैन्य और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाना शुरू किया.
इस पहल से रूस, चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) एक बहुआयामी संगठन के रूप में उभरे. अब रूस एक सैन्य-शक्ति के रूप में चीन और चीन के मित्र राष्ट्रों से सैनिक व आर्थिक साझेदारी बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में रूस व पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य-अभ्यास को भारत ने संदेह की दृष्टि से देखा.
भारत और रूस के बीच हुए 20 सूत्रीय समझौते इस दूरी को कम करने की दिशा में कारगर कदम हैं. इसमें भारत व रूस के बीच परमाणु ऊर्जाशक्ति, पर्यावरण तथा ‘पीपुल टू पीपुल कांटैक्ट’ पर भी सहमति हुई.
अंतरिक्ष से संबंधी तकनीक का समझौता भी हुआ है. आण्विक परियोजना को भी सहयोग देने के लिए रूस सहमत है. इसके साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं, जिनसे आगे आनेवाले दिनों में भारत और मजबूती हासिल करेगा.
इसी कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण समझौता आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हेतु हुआ. भारत ने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया है तथा पाकिस्तान को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए निरुत्साहित करने का आह्वान किया. जाहिर है, सैन्य मजबूती ही आतंकवाद से लड़ने में बड़ी सहायक सिद्ध हो सकती है.
भारत और रूस के बीच हुए सैन्य समझौते से भारत की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और भारत भी क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय पटल पर अहम भूमिका निभाने में काफी सक्षम होगा.
रूस व अमेरिका के साथ संतुलित रिश्ते भारत को चीन व पाकिस्तान से बढ़ते खतरों से राहत देगी. यही इस समझौते की सबसे खास बात हो सकती है, क्योंकि जिस तरह से चीन-पाकिस्तान गलबहियां कर रहे हैं, उससे हर हाल में भारत को अपने स्तर पर आगाह रहना चाहिए और साथ ही सैन्य क्षमता के रूप में मजबूत होना चाहिए. हालांकि, कुछ समझौते अमेरिका को पचने लायक नहीं हैं, लेकिन उसके पास दक्षिण एशिया और एिशया में भारत के अलावा कोई और विकल्प भी नहीं है. इसलिए भी अमेरिका कुछ कह नहीं रहा है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
होम वीडियो
News Snaps
News Reels आप का शहर