24.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 08:12 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

एक बेटी सबको दो भगवान!

Advertisement

II मिथिलेश कु. राय II युवा रचनाकार सुमेर भैया की माई भगवान से दुआ मांग रही थीं कि कम-से-कम एक बेटी सबको दो. नहीं तो बुढ़ापा बड़ा सूना हो जाता है. सिर्फ दो-तीन बेटे दे देते हो, तो बड़े होकर वे अलग-अलग परिवार में बंट जाते हैं और बूढ़ा-बूढ़ी अलग-थलग पड़ जाते हैं. बहू तबीयत […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

II मिथिलेश कु. राय II
युवा रचनाकार
सुमेर भैया की माई भगवान से दुआ मांग रही थीं कि कम-से-कम एक बेटी सबको दो. नहीं तो बुढ़ापा बड़ा सूना हो जाता है. सिर्फ दो-तीन बेटे दे देते हो, तो बड़े होकर वे अलग-अलग परिवार में बंट जाते हैं और बूढ़ा-बूढ़ी अलग-थलग पड़ जाते हैं.
बहू तबीयत पूछे और बेटे हाल-चाल जाने, इसका इंतजार रहने लगता है. दुख सुनाने और उदासी की उस घड़ी में एक बेटी न हो, तो साथ बैठकर कुछ साझा करने में बड़ी दिक्कत होती है. एक बेटी रहती है, तो साल में एक-दो बार वह हाल-चाल पूछने आ जाती है कि मां कैसी हो. पापा कैसे हैं. इससे कितनी राहत मिलती है.
परसों दिल्ली से बंटी लौटा था. मां के लिए किरण ने उसके हाथ कितना कुछ भेजा था. अरे सामान छोड़ो, देखो कि बेटी कितनी दूर रहती है, फिर भी माता-पिता के बारे में वह सोचती रहती है कि इस मौसम में उन्हें किन चीजों की जरूरत हो सकती है. वह सामान के रूप में अपना नेह, अपना आदर और संतान होने का कर्तव्य भेजती है.
किरण की मां कितनी खुश हैं. सबको बता रही हैं कि देखो, बेटियों को मां-बाप की कितनी फिक्र रहती है. कनियां काकी सही कहती हैं कि भगवान एक बेटी सबको दो. बेटे चूक जाते हैं, बेटियां कभी नहीं चूकतीं! वे कहीं भी रहें, रिश्ते-नाते उनके स्मरण में हमेशा जमे रहते हैं.
एक बेटा के लिए कहो तो सोना बाबू ने क्या-क्या नहीं किया. कहां-कहां नहीं गये. एक पर एक चार बेटी हो गयी. तब जाकर एक बेटा हो पाया. लगा कि दुनिया-जहान की सारी खुशियां मिल गयी हैं. लेकिन बेटियों के घर बसाने के चक्कर में सारी जमा-पूंजी खत्म हो गयी.
एक भरोसा था कि एक बेटा तो है कोख में. वह सब संभाल लेगा. लेकिन अब जब दोनों प्राणी का शरीर थक गया है, उनके आंगन में क्या-क्या हो रहा है. वे किस हाल में हैं. बेटे-बहू अलग और माता-पिता अलग. भला हो बेटियों का कि वे आकर सुधि लेती रहती हैं. बहू तो टके सा जवाब दे देती है कि छोड़ा क्या है हमारे लिए. किस दम पर हम यह बोझ उठायें. अपने जाये की परवरिश तो ढंग से कर नहीं पा रहे हैं. हुंह!
आज बेटियां न होतीं, तो क्या गत होती उनकी. सो भगवान से प्रार्थना करती हूं कि भले किसी को चार-पांच बेटे दो, लेकिन उसे इसके साथ ही एक बेटी भी दो.
बेटे जब लाज-शर्म पी जाते हैं, तब बेटियां बड़ा सहारा बनकर आती हैं और दुख-कष्ट हर लेती हैं. विश्वास नहीं होता है, तो बड़की का जीवन जाकर देख लो. वह शुरू से ही इतरा रही थीं कि उसकी कोख ने तीन-तीन बेटे जने हैं. उन सा भाग्यवान कौन है भला.
आज जब देह गिर गया है, तो एक गिलास पानी के लिए चिल्लाती रहती हैं और कोई नहीं सुनता है. उस दिन कह रही थीं कि एक बेटी रहती, तो कभी-कभी मिलने आती और सारा दुख हर ले जाती. बेटे-बहुओं को डांटती-फटकारती और दामाद संपत्ति बांट लेने की धमकी देते. ये लोग कुछ तो सुधरते. लेकिन हाय री मेरी कोख!बड़की भी अब यही कहती हैं कि अगले जनम एक बेटी जरूर देना भगवान!

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें