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यशवंत सिन्हा विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, 27 जून को करेंगे नामांकन

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President Election 2022: President Election 2022: अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त और विदेश मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी संभाल चुके यशवंत सिन्हा विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे. कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने विपक्षी दलों की बैठक के बाद इसका ऐलान किया.

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President Election 2022: अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त और विदेश मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी संभाल चुके यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे. कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने विपक्षी दलों की बैठक के बाद इसका ऐलान किया. जयराम रमेश ने कहा, ‘हमने (विपक्षी दलों ने) यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) में अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है.’

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27 जून को यशवंत सिन्हा नामांकन दाखिल करेंगे

शरद पवार के आवास पर बुलायी गयी विपक्षी दलों की बैठक में सर्वसम्मति से मंगलवार को यह फैसला लिया गया है. शरद पवार (Sharad Pawar) ने बताया कि 27 जून को 11:30 बजे यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha Presidential Candidate) राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन (Yashwant Sinha Nomination) दाखिल करेंगे. उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से यशवंत सिन्हा को आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों का उम्मीदवार चुना गया है.


ममता बनर्जी ने रखा था यशवंत के नाम का प्रस्ताव

विपक्षी दलों की बैठक से पहले सोमवार की रात को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव किया था. 15 जून को ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की बैठक बुलायी थी, जिसमें शरद पवार से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने का आग्रह किया गया था, लेकिन मराठा छत्रप ने इससे इंकार कर दिया था.

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शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला ने किया इंकार

शरद पवार के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को इस पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा. बाद में फारूक अब्दुल्ला ने भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनकी जरूरत है. इसलिए वह राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ना चाहते.


गोपालकृष्ण गांधी ने भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से किया इंकार

मंगलवार को सुबह में ममता बनर्जी के तीसरे उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी ने भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. हालांकि, फारूक अब्दुल्ला और गोपालकृष्ण गांधी दोनों ने अपना नाम इस चुनाव के लिए प्रस्तावित करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया. इससे पहले ही ममता बनर्जी ने यशवंत सिन्हा को विपक्ष का सर्वसम्मत उम्मीदवार घोषित करने का प्रस्ताव रखा था.

13 विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा के नाम पर जतायी सहमति

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित 13 विपक्षी दलों ने मंगलवार को बैठक के बाद राष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति जतायी है. सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार द्वारा बुलायी गयी बैठक के लिए संसद भवन में एकत्र हुए विपक्षी नेताओं ने सिन्हा के नाम पर सहमति जतायी.

बैठक में शामिल हुई ये पार्टियां

यशवंत सिन्हा का नाम पवार, गोपालकृष्ण गांधी और फारूक अब्दुल्ला के राष्ट्रपति पद के चुनाव की दौड़ से बाहर होने के बाद सामने आया. बैठक में कांग्रेस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM), समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM), राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रतिनिधि शामिल हुए.

पांच क्षेत्रीय दल बैठक से रहे दूर

पांच क्षेत्रीय दल तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), बीजू जनता दल (बीजेडी), आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमण अकाली दल (शिअद) और युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) इस बैठक से दूर रहे. इन पार्टियों को किसी भी धड़े में नहीं माना जाता. ये पार्टियां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुलायी गयी 15 जून की बैठक से भी दूर रहीं थीं.

18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग

उल्लेखनीय है कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होने जा रहा है. उस दिन संसद और विधानसभाओं में वोटिंग करायी जायेगी. 21 जुलाई को वोटों की गणना होगी. उसी दिन देश को नया राष्ट्रपति मिल जायेगा. अब देखना है कि सत्ताधारी गठबंधन की ओर से किसे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाता है.

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