21.1 C
Ranchi
Tuesday, March 11, 2025 | 02:47 am
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बूस्टर डोज पर WHO का बड़ा बयान, कहा- स्वस्थ बच्चों और किशोरों को इसकी जरूरत है या नहीं इसके सबूत नहीं…

Advertisement

कोरोना के खिलाफ बूस्टर डोज के इस्तेमाल को लेकर WHO का बड़ा बयान आया है. WHO ने कहा है कि स्वस्थ बच्चों और किशोरों को इसकी जरूरत है या नहीं अभी यह शोध का विषय है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

WHO, booster dose: दुनिया कोरोना के सबसे संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन से जूझ रही है. काफी तेजी से फैलने वाला यह वैरिएंट लोगों को आसानी से अपनी चपेट में ले रहा है. ऐसे में वैक्सीनेशन अभियान में भी तेजी आई गई है. हालांकि विशेषज्ञ यह कह चुके हैं कि वैक्सीन कोरोना संक्रमण से नहीं बचाता बल्कि वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है. इस बीच बूस्टर डोज का भी इस्तेमाल कई देशों में शुरू हो गया है, ऐसा इसलिए क्योंकि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों में समय के साथ प्रतिरोधक क्षमता में कमी की बात कही जा रही है. भारत में फिलहाल फ्रंट लाइन वर्कर्स, हेल्थ वर्कर्स और बुजुर्गों को डॉक्टरी सलाह से बूस्टर डोज की अनुमति मिली है. इस बीच बूस्टर डोज किसे लगाना चाहिए यह भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है. इसका जवाब WHO ने दिया है.

दरअसल WHO के मुख्य वैज्ञानिकों ने कहा कि है कि कोरोनोवायरस के तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की प्रतिरक्षा में कुछ कमी आई है या नहीं इसके प्रमाण के लिए अभी और शोध किया जाना है. जिसके बात यह पता लग पाएगा कि बूस्टर डोज की आवश्यकता किसे है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने बुधवार यानी आज कहा कि “इस बात का कोई सबूत नहीं है” कि स्वस्थ बच्चों और किशोरों को कोरोना वायरस के खिलाफ बूस्टर डोज की जरूरत है. स्वामीनाथन ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता में कुछ कमी है इसे पता लगाने के लिए अभी और अधिक रिसर्च की जरूरत है जिससे यह पता चले कि बूस्टर खुराक की जरूरत किसे है.

Also Read: भारत के पहले घरेलू mRNA वैक्सीन का हुआ परीक्षण, बूस्टर डोज के लिए विशेषज्ञों की पहली पसंद

डब्ल्यूएचओ का यह बयान उन तमाम देशों में चलाए जा रहे वैक्सीनेशन अभियान को चुनौती देता है जो कोरोना वायरस के खिलाफ बूस्टर डोज का इस्तेमाल कर रहे हैं. कई देशों में प्राथमिक वैक्सीन के प्रतिरोधक क्षमता में कमी के बाद के बूस्टर डोज के लिए अलग वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. संयुक्त राज्य अमेरिका में 12 से 15 साल तक के बच्चों को बूस्टर डोज की अनुमति मिल गई है. यहां फाइजर और बायोएनटेक के वैक्सीन की तीसरी खुराक के उपयोग को मंजूरी मिली है. इस्राइल ऐसा देश है जहां बूस्टर के बाद वैक्सीन की चौथी डोज भी दी जा रही है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर