maharashtra politics : महाराष्ट्र में जारी घमासान के बीच एक नाम की चर्चा जोरों पर हो रही है. यह नाम ‘पार्थ पवार’ का है. तो आइए आपको इस नाम से रू-ब-रू करवाते हैं. दरअसल, चाचा शरद पवार से बगावत कर अजित पवार भाजपा की सरकार में शामिल हो गये हैं और उपमुख्यमंत्री का पद लिया है. जब से महाराष्ट्र में राजनीतिक संघर्ष शुरू हुआ है, तब से अजित पवार के बेटे पार्थ पवार सुर्खियां बटोर रहे हैं.
खबरें तो ये भी है कि अजित पवार अपने बेटे पार्थ को शिरूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़वा सकते हैं. आपको बता दें कि इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में जब वह पहली बार किस्मत आजमाने उतरे, तो उन्हें सफलता नहीं मिली. उन्हें मावल सीट से पराजय का सामना करना पड़ा.
यदि आपको याद हो तो पार्थ पवार तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख को लिखे अपने पत्र के कारण चर्चा में आये थे, जो उन्होंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर लिखा था. पार्थ ने पत्र लिखकर तत्कालीन महा विकास अघाड़ी सरकार के रुख का खंडन करते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी.
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इस बीच एनसीपी के नेता शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि वह ही पार्टी के अध्यक्ष हैं. पार्टी की कार्यसमिति की बैठक के बाद पीसी चाको ने कहा कि बैठक में आठ प्रस्ताव पारित किये गये. साथ ही राजग से हाथ मिलाने वाले प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और नौ अन्य को पार्टी से निष्कासित करने संबंधी फैसले को कार्यसमिति ने मंजूरी दे दी.
वहीं, अजित पवार के बहुमत होने के दावे पर शरद पवार ने कहा कि सच सामने आ जायेगा. हमारा संगठन अभी भी एकजुट है. इधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में शरद पवार से मुलाकात की और उनके साथ एकजुटता प्रकट की. वहीं, अजित पवार के गुट ने कहा कि दिल्ली में शरद पवार की ओर से आहूत कार्यसमिति की बैठक की कोई कानूनी वैधता नहीं है.
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अजित पवार अपने गुट की बैठक में कह चुके हैं कि भाजपा में, नेता 75 वर्ष की आयु में रिटायर हो जाते हैं, आप कब होने जा रहे हैं… अजित (63) ने कहा कि हर किसी की अपनी पारी होती है. सबसे सार्थक समय 25 से 75 वर्ष की आयु तक होता है. शरद पवार को लेकर की गयी इस टिप्पणी के कई मायने निकाले जा रहे हैं. जैसे अजित पवार अपने बेटे को राजनीति में सक्रिय रूप से लाना चाहते हैं.