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कौन है लोगों की भावनाओं को भड़काने वाला अमृतपाल सिंह? खालिस्तान के नाम पर चलाता था प्रोपगैंडा

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करीब महीने भर से गायब भगोड़े अमृतपाल सिंह को आखिरकार पुलिस ने हिरासत में ले ही लिया है. अमृतपाल 18 मार्च से ही पुलिस से भागता फिर रहा था और पुलिस ने उसे खोज निकालने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाये थे. जानकारी के लिए बता दें अमृतपाल के खिलाफ तीन केस दर्ज किये गए हैं.

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Amritpal Singh Arrested: काफी लंबे समय से फरार चल रहे वारिस पंजाब दे के प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को आखिरकार मोगा पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. अमृतपाल पिछले महीने की 18 तारीख से ही फरार चल रहा था. अमृतपाल सिंह की तलाश में पुलिस ने पूरे शहर की खाक छान ली थी. पुलिस ने उसे खोज निकालने के लिए कई तरह के तरकीब अपनाये थे. हालांकि, पुलिस की इतनी कोशिशों के बावजूद वो लगातार बचता रहा था. लेकिन, आख़िरकार उसने मोगा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और अब वह हिरासत में है. बता दें अमृतपाल के खिलाफ तीन मामले दर्ज किये गए हैं जिनमें से दो हेट स्पीच से जुड़े हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की अगर माने तो गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ जेल में शिफ्ट किया जा सकता है.

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कौन हैं अमृतपाल सिंह?

अमृतपाल सिंह की उम्र 30 वर्ष है. वह वारिस पंजाब दे के प्रमुख के रूप में भी जाना जाता है. बीते कुछ समय से उसे पंजाब में जरनैल सिंह भिंडरा वाले- 2.0 तक के नाम से जाना जा रहा है. अगर आप नहीं जानते तो बता दें भिंडरावाले ने 1980 के दौरान सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग की थी. मांग करते हुए उन्होंने पूरे पंजाब में तहलका मचा दिया था. भिंडरवाले की ही तरह अमृतपाल सिंह भी जनता को उकसाने के लिए बयान देकर माहौल को गर्म कर देता है. बता दें भिंडरावाले की ही तरह ही अमृतपाल सिंह अपने सर पर एक भारी पगड़ी बांधता है.

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2022 में नियुक्त किया गया प्रमुख 

अमृतपाल सिंह को 29 सितम्बर 2022 को वारिस पंजाब दे के पहले वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था. इस कार्यक्रम का आयोजन मोगा जिले के रोडे गांव में किया गया था. इस कार्यक्रम स्थल का चयन काफी सोच समझकर की गयी थी क्योंकि, यह गांव जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है. बता दें भिंडरावाले की तरह ही अमृतपाल सिंह बह नीली पगड़ी पहनता है और अपने सफ़ेद कपड़ों में ही कृपाण रखता है. केवल यहीं नहीं, भिंडरावाले की तरह ही यह भी भड़काऊ बयान देने के लिए जाना जाता है.

दुबई में रहता था अमृतपाल 

साल 2012 में अमृतपाल सिंह दुबई में रहने चला गया था. वहां उसने ट्रांसपोर्ट का बिजनेस किया. अमृतपाल ने अपने शुरुआती दौर की पढाई अपने गांव के ही स्कूल से प्राप्त की. वहां उसने अपने 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की. बता दें अमृतपाल सिंह का नाम पिछले साल पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में भी सामने आया था. सुधीर सूरी के परिवार ने हत्याकांड के बाद इसमें अमृतपाल के नाम को भी शामिल करने की मांग की थी. नाम सामने आने के बाद पुलिस ने अमृतपाल सिंह को मोगा के गांव सिंगावाला में कैद कर दिया था. ऐसा इस समय में किया गया था जब वह जालंधर के विशाल नगर में कीर्तन के लिए रवाना होने वाला था.

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कैसे एक्टिव हुआ अमृतपाल 

जिस वारिस पंजाब दे संगठन का संचालन अमृतपाल सिंह करता है उसका निर्माण एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने किया था. 15 फरवरी 2022 को एक सड़क हादसे में दीप सिद्धू की मौत हो गयी थी. किसान आंदोलन के दौरान दीप सिद्धू काफी एक्टिव रहा था और धार्मिक झंडा फहराने के लिए काफी चर्चा में आया था. सिद्धू की मौत के बाद कुछ ही समय पहले दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने यह कमान संभाली और प्रमुख बन गया. किसान आंदोलन में भी उसने काफी रुचि दिखाई थी. सिद्धू की मौत के बाद ही उसने वारिस पंजाब दे की वेबसाइट बनाई और लोगों को उससे जोड़ना शुरू कर दिया.

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