20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

ISRO का सौर मिशन ‘आदित्य-एल1’ क्यों है जरूरी, भारत को क्या होगा फायदा?

Advertisement

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब अपने अगले मिशन को पूरा करने में जुट चुका है. जी हां, आने वाले सप्ताह में भारत का ‘आदित्य-एल1’ सौर मिशन लॉन्च होगा. इसकी तैयारियों में इसरो के सभी वैज्ञानिक जुट चुके है. चांद के बाद भारत का अगला टारगेट अब सूर्य है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Aditya L1 ISRO : भारत का अपना मिशन चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद पर पहुंच चुका है. यान में मौजूद यंत्रों की मदद से कई तस्वीरें भी सामने आ रही है जो हर भारतीय के जहन में छप चुकी है. दुनियाभर की बधाई और पीएम मोदी के तारीफ के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब अपने अगले मिशन को पूरा करने में जुट चुका है. जी हां, आने वाले सप्ताह में भारत का ‘आदित्य-एल1’ सौर मिशन लॉन्च होगा. इसकी तैयारियों में इसरो के सभी वैज्ञानिक जुट चुके है. चांद के बाद भारत का अगला टारगेट अब सूर्य है.

- Advertisement -

क्यों जरूरी है यह मिशन?

भारत के सूर्य मिशन को लेकर कई तरह के सवाल लोगों के मन में है कि आखिर यह मिशन क्यों जरूरी है. सवाल यह भी है कि भारत का ‘आदित्य-एल1’ सौर मिशन सूर्य के किस चीज का अध्ययन करेगी. तो आपको बता दें कि आदित्य-एल1 मिशन को दो सितंबर को भेजे जाने की संभावना है. इस अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परतों) के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लाग्रेंज बिंदु) पर सौर वायु के यथास्थिति अवलोकन के लिए तैयार किया गया है. एल1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है.

सूर्य के अवलोकन के लिए पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन

जैसा कि बताया जा रहा है यह सूर्य के अवलोकन के लिए पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा. ऐसे में आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है. यह अंतरिक्ष यान सात पेलोड लेकर जाएगा, जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का अवलोकन करने में मदद करेंगे.

Also Read: Chandrayaan-3 Live: नया वीडियो आया सामने, चांद पर शिव-शक्ति पॉइंट के आसपास घूम रहा रोवर प्रज्ञान
आदित्य-एल1 पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास

इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि आदित्य-एल1 पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है, जिसमें राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी है. बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) की ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ पेलोड’ के विकास में अहम भूमिका है, जबकि पुणे के ‘इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स’ ने मिशन के लिए ‘सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर पेलोड’ विकसित किया है.

सूर्य की सबसे बाहरी परत कोरोना का अवलोकन

आदित्य-एल1, अल्ट्रावॉयलेट पेलोड का उपयोग करके सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) और एक्स-रे पेलोड का उपयोग कर सौर क्रोमोस्फेयर परतों का अवलोकन कर सकता है. पार्टिकल डिटेक्टर और मैग्नेटोमीटर पेलोड आवेशित कणों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं. उपग्रह को दो सप्ताह पहले आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के अंतरिक्ष केंद्र पर लाया गया है. इसरो के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रक्षेपण दो सितंबर को होने की अधिक संभावना.’’

एल1 हेलो कक्षा के पास स्थापित करने की योजना

अतंरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी लाग्रेंज बिंदु की एल1 हेलो कक्षा के पास स्थापित करने की योजना है. इसरो ने कहा कि एल1 बिंदु के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित उपग्रह को सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देखने का बड़ा फायदा मिल सकता है. इसने कहा है, ‘‘इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव का पता लगाया जा सकेगा.’’

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें