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Explainer: देवेंद्र फडणवीस का कद बढ़ाकर नितिन गडकरी से किनारा! क्या है भाजपा का गेम प्लान?

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भाजपा ने बुधवार को अपने संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया है. संसदीय बोर्ड में बड़ा बदलाव करते हुए नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को इससे हटा दिया गया है. इसके अलावा इन नेताओं को 15 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति में भी जगह नहीं दी गई है.

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नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को संसदीय समिति में बड़ा फेरबदल करते हुए महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बाहर रास्ता दिखा दिया गया है. वहीं, पार्टी के आलकमान ने महाराष्ट्र के दूसरे बड़े नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनाव समिति में शामिल किया है. भाजपा आलाकमान के इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में इस बात को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है कि देवेंद्र फडणवीस का कद बढ़ाकर नितिन गडकरी से किनारा करके महाराष्ट्र में भाजपा क्या कुछ नया करने जा रही है.

महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक परिवर्तन की अटकलें

इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे का उद्धव सरकार को पटखनी देकर सत्ता पर काबिज होने के 40 दिन बाद मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा ने अपने संसदीय समिति में फेरबदल किया है, जिसमें देवेंद्र फडणवीस को केंद्रीय राजनीति में एक अहम जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, भाजपा आलाकमान ने नितिन गडकरी को केंद्रीय राजनीति से निकालकर एक प्रकार से उन्हें हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया है. राजनीतिक हलकों में भाजपा के इस गुणा-गणित को सीधे तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का एक धड़ा महाराष्ट्र की राजनीति में होने वाले एक बड़े परिवर्तन के तौर पर देख रहा है. अटकलें यह लगाई जा रही हैं कि एकनाथ शिंदे के बागी होने से शिवसेना का कमजोर होने के बाद भाजपा की नजर महाराष्ट्र की सत्ता पर टिकी है और इसी गुणा-गणित के तहत देवेंद्र फडणवीस का कद बढ़ा दिया गया है.

देवेंद्र को प्रमोशन, नितिन को डिमोशन

बता दें कि भाजपा ने बुधवार को अपने संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया है. संसदीय बोर्ड में बड़ा बदलाव करते हुए नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को इससे हटा दिया गया है. इसके अलावा इन नेताओं को 15 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति में भी जगह नहीं दी गई है. उधर, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किया है. इस फैसले को महाराष्ट्र और केंद्र में बड़े राजनीतिक बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. एक तरफ अनुभवी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को संसदीय बोर्ड से हटाना उनके ‘डिमोशन’ के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं, देवेंद्र फडणवीस का चुनाव समिति में आना ‘पदोन्नति’ या उनके बढ़ते कद के रूप में देखा जा रहा है.

फडणवीस का केंद्रीय राजनीति में बढ़ा कद

इससे पहले भी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने देवेंद्र फडणवीस को बढ़ावा दिया है, जो गोवा और बिहार जैसे राज्यों में चुनाव की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. लेकिन, अब केंद्रीय चुनाव समिति में जगह देकर साफ कर दिया गया है कि फडणवीस का दायरा अब महाराष्ट्र से बाहर है और भाजपा में भी उनका राष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ा है. इतना ही नहीं, फडणवीस को आज महाराष्ट्र विधान परिषद का नेता भी घोषित किया गया है. वहीं, नितिन गडकरी के साथ ऐसा नहीं है और वह अब केवल केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री भर बनकर रह गए हैं. वह भाजपा में कोई पद नहीं रखते हैं और न ही किसी राज्य के प्रभारी हैं. साफ है कि नितिन गडकरी का राजनीतिक दबदबा पहले जैसा नहीं रहा.

लंबे समय से भाजपा में हाशिए पर हैं नितिन गडकरी

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें, तो नितिन गडकरी लंबे समय से भाजपा में अहम भूमिका से बाहर हैं. इतना ही नहीं, वे लंबे समय से पार्टी की किसी भी मुहिम में कहीं नजर नहीं आए हैं. चाहे वह पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव हो या इस साल यूपी समेत 5 राज्यों का चुनाव हो, वह कहीं भी प्रचार में या किसी और भूमिका में नहीं दिखे. संसदीय बोर्ड में बदलाव करते हुए भाजपा की ओर से तर्क दिया गया है कि इसमें किसी मुख्यमंत्री को शामिल नहीं किया गया है.

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नितिन गडकरी से किनारा करना चौंकाने वाला फैसला

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि संसदीय बोर्ड से शिवराज सिंह चौहान को बाहर किया जाना तो समझ में आता है, लेकिन नितिन गडकरी को बाहर किया जाना समझ से परे है. ऐसा इसलिए समझा जा रहा है, क्योंकि संसदीय बोर्ड में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षों को शामिल करने की परंपरा रही है. लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को संसदीय बोर्ड से हटाए जाने के बाद ही यह परंपरा टूट गई थी. उनका कहना है कि नितिन गडकरी वर्तमान राजनीति के सक्रिय नेताओं में से एक हैं. इसके बाद भी उन्हें संसदीय बोर्ड से बाहर किया जाना निश्चित तौर पर चौंकाने वाला है.

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