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Uttarkashi Rescue: ये हैं सिल्क्यारा टनल में फंसे हुए 41 मजदूर, देखें पूरी लिस्ट

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Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड सुरंग में बचाव के अंतिम चरण में, प्रत्येक कर्मचारी को एक पहिए वाले स्ट्रेचर पर रखा जाएगा और रस्सियों का इस्तेमाल करके बचाव दल द्वारा सावधानीपूर्वक बाहर निकाला जाएगा.

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Uttarkashi Tunnel Rescue: 12 तारीख दिवाली की सुबह उत्तर काशी की एक सुरंग में 41 मजदूर काम करने उतरे थे. सुबह जब एक तरफ लोग रौशनी का त्यौहार मनाने की तैयारी कर रहे थे उसी समय इन 41 मजदूरों की जिंदगी में अंधेरा छा गया. जितने भी मजदूर काम करने के लिए इस सुरंग में उतरे थे वे सभी सुरंग ढहने की वजह से अंदर ही फंस गए. आज यानी कि 28 तारीख को इन सभी के उस सुरंग से सुरक्षित निकलने की उम्मीद जताई जा रही है.आपकी जानकारी के लिए बता दें उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में बचाव अभियान जो आंशिक रूप से ढह गया था, आज अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस दौरान इसके अंदर फंसे कुल 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश पूरे जोरों-शोरों से चल रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि इन सभी मजदूरों को रात तक सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स की अगर मानें तो एक मजदूर को सुरंग से बाहर निकालने में करीबन 5 मिनट तक का समय लग सकता है.

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करनी पड़ी काफी मेहनत

शुरूआती कोशिशों में बरमा मशीन के साथ हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके, ध्वस्त सुरंग के मलबे के 60 मीटर के हिस्से में ड्रिलिंग शामिल थी. हालांकि, इस प्रक्रिया में गुरुवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण इसे रोकना पड़ा. इसके बाद, बचाव दल ने सुरंग के टॉप से वर्टीकल ड्रिलिंग शुरू की. इसके साथ ही, अधिकारियों ने अंतिम 10 मीटर के मलबे को साफ करने के लिए रैट-होल खनन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके मैन्युअल ड्रिलिंग का उपयोग करना शुरू कर दिया. सुरंग में फंसे मजदूर पिछले 16 दिनों से रेस्क्यू का इंतजार कर रहे हैं.

Also Read: Uttarkashi Tunnel Rescue: आधुनिक तकनीक हुई फेल, तो फावड़ा-साबल ने किया कमाल
ये हैं टनल में फंसे 41 मजदूर

  • गब्बर सिंह नेगी उत्तराखंड

  • सबा अहमद बिहार

  • सोनू शाह बिहार

  • मानिर तालुकदार वेस्ट बंगाल

  • सेविक पखेरा वेस्ट बंगाल

  • अखिलेश कुमार उत्तर प्रदेश

  • जयदेव परमाणिक वेस्ट बंगाल

  • वीरेंद्र किस्कू बिहार

  • तपन मंडल ओडिशा

  • सुशील कुमार बिहार

  • विश्वजीत कुमार झारखंड

  • सुबोध कुमार झारखंड

  • भगवान बत्रा ओडिशा

  • अंकित उत्तर प्रदेश

  • राम मिलन उत्तर प्रदेश

  • सत्य देव उत्तर प्रदेश

  • संतोष उत्तर प्रदेश

  • जय प्रकाश उत्तर प्रदेश

  • राम सुंदर उत्तर प्रदेश

  • मंजीत उत्तर प्रदेश

  • अनिल बेदिया झारखंड

  • राजेंद्र बेदिया झारखंड

  • सुक्रम झारखंड

  • टिंकू सरदार झारखंड

  • गुणोधर झारखंड

  • रंजीत झारखंड

  • रवीन्द्र झारखंड

  • समीर झारखंड

  • विशेशर नाइक ओडिशा

  • राजू नाइक ओडिशा

  • महादेव झारखंड

  • भुक्तु मुर्मू झारखंड

  • धीरेन ओडिशा

  • जमरा उराँव झारखण्ड

  • विजय होरो झारखंड

  • गणपति झारखंड

  • संजय असम

  • राम प्रसाद असम

  • विशाल हिमाचल प्रदेश

  • पुष्कर उत्तराखंड

निकासी के बाद लिए जाएंगे ये स्टेप्स

बचाव के अंतिम चरण में, प्रत्येक कार्यकर्ता को एक पहिए वाले स्ट्रेचर पर रखा जाएगा और रस्सियों का इस्तेमाल करके बचाव दल द्वारा सावधानीपूर्वक बाहर निकाला जाएगा. प्रचलित प्रक्रिया को देखते हुए इस प्रक्रिया में लगभग दो से तीन घंटे लगने का अनुमान है. बचाए गए मजदूरों के स्वास्थ्य मूल्यांकन के लिए सुरंग के अंदर एक अस्थायी मेडिकल फैसिलिटी स्थापित की गई है. उनकी निकासी के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल देखभाल के लिए आठ बिस्तर तैयार किए हैं, और किसी भी जटिलता के मामले में डॉक्टरों और विशेषज्ञों की एक टीम भी तैयार है. सुरंग के एंट्री गेट पर एम्बुलेंस तैनात हैं, जो बचाए गए मजदूरों को स्टील ढलान से बाहर निकालने के लिए तैयार हैं, और उन्हें पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाएगी.

Also Read: Uttarkashi Tunnel Rescue: अर्नोल्ड डिक्स समेत कई एक्सपर्ट ने 41 मजदूरों की जान बचाने में निभाई अहम भूमिका
हवाई मार्ग से ले जाने की तैयारी

आपकी जानकारी के लिए बता दें सिल्क्यारा से लगभग 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 ऑक्सीजन सपोर्टेड बिस्तरों वाला एक डेडिकेटेड वार्ड पहले ही व्यवस्थित किया गया था, जो विशेष रूप से बचाए गए मजदूरों की जरूरतों को पूरा करता है. चिकित्सा कर्मी स्टैंडबाय पर हैं, सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं, और अगर जररत हो तो मजदूरों को अधिक उन्नत अस्पतालों में हवाई मार्ग से ले जाने की व्यवस्था भी की गई है.

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