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मणिपुर मामले को लेकर हंगामे के बीच लोकसभा में पेश हुए ये विधेयक, जानें डिटेल

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लोकसभा में सोमवार को भी विपक्ष की ओर से कई मुद्दों पर भारी बहस हुई. लेकिन, इस बीच सरकार की ओर से कई अहम विधेयकों के प्रस्ताव रखे गए है और उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है.

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Lok Sabha Monsoon Session 2023 : लोकसभा में सोमवार को भी विपक्ष की ओर से कई मुद्दों पर भारी बहस हुई. लेकिन, इस बीच सरकार की ओर से कई अहम विधेयकों के प्रस्ताव रखे गए है और उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है. बता दें कि केंद्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक, 2023’ लोकसभा में पेश किया जिसमें परिचर्या और प्रसूति विद्या पेशेवरों (नर्सिंग एवं मिडवाइफरी) संबंधी शिक्षा एवं सेवा मानकों के विनियमन, संस्थाओं के मूल्यांकन तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय रजिस्टर के रख-रखाव का उपबंध किया गया है.

‘राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक, 2023’ पेश

लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने ‘राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक, 2023’ पेश किया. इस दौरान निचले सदन में विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर शोर-शराबा कर रहे थे. मांडविया ने निचले सदन में उक्त विधेयक को पेश करने की अनुमति मांगी और सदन ने शोर-शराबे के बीच ही विधेयक पेश करने की अनुमति प्रदान कर दी.

विधेयक में इन चीजों का रखा गया है ध्यान

विधेयक में परिचर्या और प्रसूति विद्या पेशेवरों (नर्सिंग एवं मिडवाइफरी) संबंधी शिक्षा एवं सेवा मानकों के विनियमन, संस्थाओं के मूल्यांकन तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय रजिस्टर के रख-रखाव करने तथा पहुंच, अनुसंधान एवं विकास को बेहतर बनाने के लिए एक प्रणाली तैयार करने का उपबंध किया गया है. इसमें अद्यतन वैज्ञानिक प्रगति एवं विकास को अपनाने का प्रस्ताव किया गया है.

लोकसभा में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक पेश

इसके अलावा सरकार ने सोमवार को हंगामे के बीच लोकसभा में ‘राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023’ भी पेश किया जिसमें दंत चिकित्सा व्यवसाय को विनियमित करने तथा गुणवत्तापूर्ण एवं वहनीय दंत चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने का उपबंध किया गया है. लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने ही ‘राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023’ पेश किया. बता दें कि इस समय भी लोकसभा में मणिपुर हिंसा के मामले पर विपक्ष का हंगामा जारी था और सदन में गूंज थी.

शोर-शराबे के बीच ही विधेयक पेश करने की अनुमति

हालांकि, विधेयक पेश करते समय मनसुख मांडविया ने देश में दंत चिकित्सा व्यवसाय को विनियमित करने, गुणवत्तापूर्ण एवं वहनीय दंत चिकित्सा का उपबंध करने, मुख संबंधी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल को सुगम बनाने और उनसे जुड़े विषयों पर विधेयक पेश करने की अनुमति मांगी. इस विधेयक पर सदन ने शोर-शराबे के बीच ही विधेयक पेश करने की अनुमति प्रदान कर दी.

Also Read: सरकार मणिपुर के विषय पर चर्चा के लिए तैयार, लोकसभा में बोले अमित शाह

संविधान अनुसूचित जातियां आदेश संशोधन विधेयक पेश

सरकार ने लोकसभा में ‘संविधान अनुसूचित जातियां आदेश संशोधन विधेयक, 2023’ भी पेश किया जिसमें छत्तीसगढ़ में महरा तथ महारा समुदायों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है. लोकसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने ‘संविधान अनुसूचित जातियां आदेश संशोधन विधेयक, 2023’ पेश किया. इस दौरान मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्य शोर-शराबा कर रहे थे.

विधेयक का क्या है उद्देश्य और कारण

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 341 के खंड (1) के उपबंधों के अनुसार, विभिन्न राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के संबंध में अनुसूचित जातियों से संबंधित छह राष्ट्रपतीय आदेश जारी किये गए थे. संविधान के अनुच्छेद 341 के खंड (2) के अधीन संसद के अधिनियमों द्वारा समय समय पर इन आदेशों को संशोधित किया गया है.

अनुसूचित जातियों की सूची में महरा और महारा समुदायों को सम्मिलित करने का प्रस्ताव

इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने अनुसूचित जातियों की सूची में महरा और महारा समुदायों को सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया है. भारत के महापंजीयक तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है. इसमें कहा गया है कि उपरोक्त परिवर्तन को प्रभावी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के संबंध में संविधान अनुसूचित जातियां आदेश 1950 में संशोधन करना आवश्यक है. विधेयक के वित्तीय ज्ञापन में कहा गया है कि विधेयक छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जातियों की सूची में ‘महरा’ और ‘महारा’ समुदाय को सम्मिलित करने के लिए है.

सोर्स : भाषा इनपुट

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