23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Inter-caste Marriage पर इलाहाबाद HC का बड़ा फैसला, ये पाबंदी खत्म, पढ़ें पूरी खबर

Advertisement

स्पेशल मैरिज एक्ट को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है, कोर्ट ने कहा है कि कानून के तहत अपनी मर्जी से शादी करने वाले जोड़ों को नोटिस पब्लिश करना जरूरी था जो एक महीने के अंदर करना होता था कोर्ट ने कहा है कि यह वैकल्पिक है. अगर जोड़ा इसे करना चाहे तभी करेगा, यह नियम मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

स्पेशल मैरिज एक्ट को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है, कोर्ट ने कहा है कि कानून के तहत अपनी मर्जी से शादी करने वाले जोड़ों को नोटिस पब्लिश करना जरूरी था जो एक महीने के अंदर करना होता था कोर्ट ने कहा है कि यह वैकल्पिक है. अगर जोड़ा इसे करना चाहे तभी करेगा, यह नियम मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.

- Advertisement -

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में धर्मांतरण से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा- अलग धर्म में शादी करने वालों को इस फैसले से राहत मिलेगी. हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक चौधरी ने कहा, इस तरह के नोटिस पब्लिश करने को अनिवार्य बनाना मौलिक और निजता के अधिकारों का हनन होगा.

Also Read: यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने किया समर्पण, जमानत मंजूर

जिनके तहत किसी भी शख्स को राज्य और अन्य कारकों के हस्तक्षेप के बिना शादी के लिए पार्टनर चुनने की आजादी भी शामिल है. 1954 के अधिनियम की धारा 5 के तहत नोटिस देते हुए शादी करने वाले जोड़े के लिए ये वैकल्पिक होगा कि वो मैरिज ऑफिसर को लिखित तौर पर बताएं कि धारा 6 के तहत वो नोटिस पब्लिश करवाना चाहते हैं या फिर नहीं.”

कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर शादी करने वाला जोड़ा नोटिस पब्लिश करने के लिए नहीं करता तो अधिकारी ऐसी कोई सूचना पब्लिश नहीं करेगा. साथ ही इस पर आपत्ति भी दर्ज किया जा सकता है. अधिकारी के पास इसके अलावा बाकि सभी अधिकार होंगे जो नियम है उसे पालन करना होगा. इन नियमों के तहत दोनों पक्षों की पहचान करना, उम्र का पता लगाना, साथ ही दोनों की सहमति की पुष्टि करना सहित कई अहम नियम शामिल हैं.

स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा – 5 के तहत अगर कोई दो धर्म के लोग शादी करना चाहते हैं तो उन्हें मौरिज ऑफिसर को नोटिस देना होगा.अधिककारी इसे धारा-5 के तहत अपनी प्रक्रिया के तहत इसे सार्वजनिक करेगा, नोटिस के सार्वजनिक होने के बाद इस शादी को लेकर कोई भी विरोध दर्ज कर सकता है .इसमें नियमों का उल्लंघन हो रहा है या नहीं इसकी भी जानकारी दी जा सकेगी.

Also Read: पाकिस्तान की साजिश नाकाम, BSF ने जम्मू कश्मीर में 150 मीटर लंबी सुरंग का लगाया पता

इस तरह के मामलों में रोक इसलिए लगाया गया है कि कपल को डराया जाता था. कुछ संगठन ऐसे जोड़ों को लगातार परेशान करते हैं शादी ना करने के लिए दबाव बनाया जाता है. ऐसे में उनके फैसले प्रभावित होते हैं . कोर्ट के इसी नियम को चुनौती दी गयी थी जिस पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें