11.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 06:06 am
11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सियाचिन में शहीद जवान का शव 38 साल बाद पुराने बंकर में मिला, सैन्य सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

Advertisement

भारतीय सेना की उत्तरी कमान ने कहा, कि उन्होंने 1984 में सियाचिन में सेना के एक अभियान के दौरान लापता हुए एक सैनिक के शव को बरामद कर लिया है. भारतीय सेना ने कहा कि चंद्रशेखर 29 मई 1984 से सियाचिन में लापता थे. सेना ने कहा कि दिवंगत सैनिक की पहचान उनके सेना नंबर वाले पहचान डिस्क की मदद से की गई.

Audio Book

ऑडियो सुनें

भारत-पाकिस्तान के बीच 38 साल पहले हुई एक झड़प के दौरान बर्फीली चट्टान की चपेट में आकर लापता हुए 19 कुमाऊं रेजीमेंट के एक जवान का शव सियाचिन के पुराने बंकर में मिला है. दुनिया की सबसे ऊंची रणभूमि सियाचिन में जवान चंद्रशेखर हर्बोला का शव मिलने की जानकारी रविवार को कुमाऊं रेजीमेंट रानीखेत के सैनिक ग्रुप केंद्र की ओर से परिजनों को दी गई.

- Advertisement -

बंकर में मिला चंद्रशेखर हर्बोला का शव

चंद्रशेखर के साथ एक और सैनिक का शव मिलने की सूचना है. मूल रूप से अल्मोड़ा के निवासी चंद्रशेखर की पत्नी शांति देवी इस समय हल्द्वानी की सरस्वती विहार कॉलोनी में रहती हैं. शहीद सैनिक के घर पहुंचे हल्द्वानी के उपजिलाधिकारी मनीष कुमार और तहसीलदार संजय कुमार ने बताया कि चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर जल्द यहां पहुंच जाएगा, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा. वर्ष 1984 में शांति देवी को सियाचिन में पाकिस्तानी सैनिकों के साथ झड़प के दौरान पति के लापता होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद वह पिछले 38 साल से उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने का इंतजार कर रही थीं.

चंद्रशेखर के फैमिली में हैं ये लोग

उन्होंने बताया कि शादी के नौ साल बाद उनके पति लापता हो गए थे और उस समय उनकी उम्र सिर्फ 28 साल थी, जबकि उनकी बड़ी बेटी चार साल और दूसरी बेटी डेढ़ साल की थी. हालांकि, शांति देवी ने कहा कि उन्होंने जीवन की तमाम बाधाओं और चुनौतियों का सामना करते हुए बच्चों को एक शहीद की बहादुर पत्नी के रूप में पाला. शांति देवी के मुताबिक, जनवरी 1984 में जब उनके पति अंतिम बार घर आए थे, तब उन्होंने जल्दी लौटने का वादा किया था. हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके पति ने परिवार से किए वादे पर देश के प्रति अपने फर्ज को प्राथमिकता दी.

Also Read: Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी बाजपेयी की 5 कविताएं, जो आपको आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में करेगी मदद
1975 में सेना में भर्ती हुए थे चंद्रशेखर

प्राप्त जानकारी के अनुसार, द्वाराहाट के रहने वाले चंद्रशेखर 1975 में सेना में भर्ती हुए थे और 1984 में जब भारत-पाकिस्तान में सियाचिन के लिए टकराव हुआ था, तब ‘ऑपरेशन मेघदूत’ के तहत क्षेत्र में गश्त के लिए हर्बोला समेत 20 सैनिकों को भेजा गया था. इसी दौरान, सभी सैनिक एक बर्फीले तूफान के चलते बर्फीली चट्टान की चपेट में आ गए. बाद में हादसे में शहीद हुए 15 जवानों के शव बरामद कर लिए गए, लेकिन चंद्रशेखर समेत पांच सैनिकों के शव नहीं मिल पाए थे. (भाषा)

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें