14.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 02:33 am
14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Kullu Dussehra के लिए सज रहा रघुनाथ रथ, इस बार नहीं जुटेगी हजारों की भीड़, 200 लोग खींचेंगे रथ

Advertisement

shardiya navratri 2020 : विश्व प्रसिद्ध कुल्लू दशहरा ( Kullu Dussehra) के लिए Raghunath chariot सज रहा है. रथ मैदान को संवारने का काम भी शुरू हो गया है. हर साल हजारों श्रद्धालु इस रथ को खींचते रहे हैं. लेकिन इस बार कोरोना के कारण रथ खींचने में सिर्फ 200 श्रद्धालु ही शामिल हो सकेंगे.

Audio Book

ऑडियो सुनें

शिमला : विश्व प्रसिद्ध कुल्लू दशहरा के लिए रघुनाथ रथ सज रहा है. रथ मैदान को संवारने का काम भी शुरू हो गया है. हर साल हजारों श्रद्धालु इस रथ को खींचते रहे हैं. लेकिन इस बार कोरोना के कारण रथ खींचने में सिर्फ 200 श्रद्धालु ही शामिल हो सकेंगे. कुल्लू दशहरा में इस बार ज्यादा भीड़ नहीं जुटेगी. सादगी से उत्सव का आयोजन होगा. उत्सव में देव परंपराओं को निभाने के लिए मात्र आधा दर्जन देवी-देवताओं के रथ ही भाग लेंगे. रथयात्रा से शुरू होने वाले सात दिवसीय दशहरा उत्सव के सफल आयोजन के लिए रघुनाथ के कारकूनों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

कुल्लू का अंतरराष्ट्रीय दशहरा पर्व 413 साल से मनाया जा रहा है. कभी यह छोटे स्तर पर मनाया जाता था लेकिन अब इसकी ख्याति पूरी दुनिया में है. पूरेदेश में जब दशहरे की समाप्ति होती है उस दिन से कुल्लू की घाटी में इस उत्सव का उत्साह अपने चरम पर रहता है. कुल्लू दशहरा अपनी विविधता के लिए जाना जाता है. यहां की रथयात्रा और धार्मिक परंपराओं की धूम श्रद्धालुओं को उत्साह से भर देती है.

Also Read: Indian Railways news : रेलवे का बड़ा ऐलान- 130KM/H की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों से हटेंगे स्पीलर कोच

अयोध्या से प्रतिमा लाकर किया था प्रतिष्ठित

कुल्लू दशहरा की परंपरा राजा जगत सिंह ने 1637 में शुरू की थी. फुहारी बाबा के नाम से जाने जाने वाले किशन दास नामक संत ने राजा जगत सिंह को इसकी सलाह दी थी. अयोध्या से मूर्ति लाकर कुल्लू में रघुनाथ जी की स्थापना की गई. कहा जाता है कि राजाजगत सिंह किसी असाध्य रोग से पीड़ित थे. मूर्ति के चरणामृत सेवन से उसकारोग दूर हो गया और वे स्वस्थ हो गए.

दशहरे पर हिडिंबा आती हैं कुल्लू

मान्यता है कि उत्सव के पहले दिन देवी हिडिंबा मनाली से कुल्लू आती हैं. वे राजघराने की देवी हैं. प्रवेशद्वार पर राजदंड से उसका स्वागत किया जाता है और उनका राजसीठाठ-बाट से राजमहल में प्रवेश होता है. राजा के वंशज की ओर से माता को न्योता दिया जाता है. इस बार दशहरा उत्सव समिति अधिक भीड़ एकत्रित करने के पक्ष में नहीं है. भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि दशहरा में भगवान रघुनाथ की भव्य रथयात्रा की तैयारियां जोरों पर है.

Posted By : Rajneesh Anand

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें