16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

तेजी से देश छोड़ रहे हैं अमीर भारतीय, पिछले छह सालों में 35 हजार बने परदेसी, इन देशों में ले रहे हैं पनाह

Advertisement

वेल्थ इंटेलीजेंस फर्म न्यू वर्ल्ड वेल्थ की तरफ से जारी ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू के मुताबिक, विदेश में बसने वाले करोड़पतियों का दूसरा सबसे बड़ा तबका भारतीयों का है. लगभग 7,000 भारतीय रईसों ने 2019 में देश छोड़ा, जिससे पता चलता है कि उनका उत्साह कम नहीं हुआ है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कोविड के कारण एक ओर जहां लोगों के विदेश जाने पर पाबंदी लगी हुई थी, वहीं धनी भारतीयों द्वारा देश छोड़ने की रफ्तार 2019 की तुलना में करीब 63% बढ़ी है. पिछले वर्ष भारतीय रईसों द्वारा दूसरे देशों में नागरिकता या रिहाइश के लिए निवेश वाली स्कीमों के लिए सबसे ज्यादा पूछताछ की गयी. ‘निवेश के जरिये विदेशी नागरिकता’ या रिहाइश पाने में मदद करने वाली ग्लोबल एजेंसी हेनली एंड पार्टनर्स के मुताबिक, पिछले साल उसेके पास 2019 से काफी ज्यादा इनक्वायरी आयी. कोविड-19 और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अमेरिका से इतनी ज्यादा इनक्वायरी आयी कि वह दूसरे नंबर पर आ गया जबकि 2019 में वह छठे नंबर पर था.

- Advertisement -

पाकिस्तान के रईसों की भी दिलचस्पी विदेशी जमीन पर रहने या बसने में बढ़ी और इनक्वायरी में उनका मुल्क को तीसरे नंबर पर आ गया. वेल्थ इंटेलीजेंस फर्म न्यू वर्ल्ड वेल्थ की तरफ से जारी ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू के मुताबिक, विदेश में बसने वाले करोड़पतियों का दूसरा सबसे बड़ा तबका भारतीयों का है. लगभग 7,000 भारतीय रईसों ने 2019 में देश छोड़ा, जिससे पता चलता है कि उनका उत्साह कम नहीं हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से 2019 तक करीब 35,000 लोगों ने दूसरे देशों की नागरिकता ली है. धनी भारतीयों द्वारा देश छोड़ने की रफ्तार चीन और फ्रांस से भी ज्यादा है.

हेनली एंड पार्टनर्स के डायरेक्टर और ग्लोबल साउथ एशिया टीम के हेड निर्भय हांडा के मुताबिक, भारतीयों की तरफ से पिछले साल 2019 के मुकाबले 62.6% ज्यादा इनक्वायरी आयी थी. निवेश के जरिये रिहाइश या नागरिकता वाली योजना के लिए बहुत खर्च करना पड़ता है. लेकिन इससे रईसों को शानोशौकत वाले रहन-सहन के अलावा एसेट डायवर्सिफिकेशन का फायदा और यूरोपियन यूनियन जैसे स्पेशल एरिया में बेहतर एक्सेस भी मिलता है.

Also Read: India-China Border Dispute: लद्दाख के पैंगोंग के उत्तरी किनारों से चीन ने उखाड़े तंबू-बंकर, भारत की दृढ़ता के आगे झुका चीन
कनाडा, पुर्तगाल, ऑस्ट्रिया, माल्टा, तुर्की हैं टॉप डेस्टिनेशन

निवेश के जरिये नागरिकता वाली योजना में जिन देशों के लिए सबसे ज्यादा इनक्वायरी आयी, उनमें कनाडा, पुर्तगाल, ऑस्ट्रिया, माल्टा, टर्की टॉप पर रहे. अमेरिका, कनाड़ा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया हमेशा से भारतीयों के पसंदीदा रहे हैं. सबसे ज्यादा इनक्वायरी कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के लिए आयी, लेकिन इस स्कीम में प्रोसेसिंग में ज्यादा वक्त व ज्यादा निवेश लगने लगा है.

रईस कारोबारियों की पसंद रिहाइश एनआरआइ चाहते हैं नागरिकता

एनआरआइ नागरिकता चाहते हैं जबकि विदेश में कारोबार करने वाले रईसों की दिलचस्पी खासतौर पर यूरोपियन यूनियन की रिहाइश में होती है. यूरोपियन सिटीजनशिप प्रोग्राम एनआरआइ के बीच लोकप्रिय है, जबकि कारोबारी रईसों को पुर्तगाल गोल्डन रेजिडेंस परमिट प्रोग्राम पसंद है.

घोटालेबाजों की पसंद कैरिबियाई देश चोकसी है एंटीगुआ का नागरिक

डोमिनिका, सेंट लूसिया, एंटिगुआ, माल्टा, साइप्रस और ग्रेनाडा जैसे देश घोटाला करने वालों के लिए स्वर्ग हैं. यहां नागरिकता के लिए तीन से छह महीने का समय व एक से 24 लाख डॉलर का खर्च आता है. पीएनबी घोटाले में शामिल मेहुल चोकसी ने भारत से फरार होने के बाद चोकसी ने एक लाख डॉलर का निवेश कर एंटीगुआ-बरबुडा की नागरिकता हासिल कर ली थी.

कैरिबियाई देशों के पासपोर्ट से 120 देशों में बिना वीजा यात्रा की सुविधा

भारतीयों के लिए सबसे पसंदीदा जगह कैरिबियाई देश है. यहां का पासपोर्ट लेने के लिए सबसे कम पैसा खर्च करना होता है. बड़ी बात यह है कि इन देशों के पासपोर्ट से 120 देशों में बिना वीजा के यात्रा की जा सकती है. इन देशों में चीन, यूके, सिंगापुर, हांगकांग जैसे देश शामिल हैं. इन देशों का पासपोर्ट लेने के लिए लोगों को केवल सरकारी फंड अथवा रियल एस्टेट में निवेश करना होगा. यह योजना कैरिबियाई देशों में विदेशी लोगोंे के बसने के लिए काफी लाभदायक है.

अमीर क्यों छोड़ रहे हैं देश, पता लगाने के लिए सीबीडीटी ने बनायी है समिति

सीबीडीटी ने एक समिति बनायी है, जो यह पता लगायेगी कि टैक्स संबंधी किन मसलों की वजह से अमीर लोग देश छोड़कर दूसरे देशों में जाकर बस रहे हैं. वह इस तरह के माइग्रेशन पर देश का रुख भी तय करेगी. समिति नीरव मोदी, उनके मामा और गीतांजलि जेम्स के प्रमोटर मेहुल चोकसी के देश से भागने संबंधी बातों का भी ध्यान रखेगी. इससे पहले बैंकों का पैसा लौटाने से बचने के लिए शराब कारोबारी विजय माल्या देश से भाग गये थे.

Posted by : Rajat Kumar

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें