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कोरोना संक्रमण मानसिक रूप से परेशान लोगों को करता है ज्यादा तंग, रिसर्च में सामने आईं ये बातें

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एनल्स ऑफ बिहेवियरल मेडिसिन जर्नल में छपे एक अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग मानसिक रूप से परेशान हैं या किसी भी तरह से तनाव या अवसाद की स्थिति से जूझ रहे हैं.. उन्हें इसके संक्रमण से ज्यादा खतरा हो सकता है.

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Coronavirus: कोरोना वायरस का संक्रमण, संक्रमित के संपर्क में आने से होता है. कोरोना संक्रमितों के साथ मिलने जुलने और किसी भी तरह से वायरस के संपर्क में आने से यह फैलता है. लेकिन नए अध्ययन में यह बात निकल कर आई है कि जो लोग मानसिक रूप से परेशान हैं या अवसाद में हैं उन्हें यह जल्दी संक्रमित करता है. एनल्स ऑफ बिहेवियरल मेडिसिन जर्नल में छपे एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. इसमें कहा गया है कि कोरोना का संक्रमण या इसके गंभीर लक्षण का खतरा मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति में ज्यादा होता है. वहीं, भारत की बात करें तो यहां 10 हजार लोगों के ऊपर किए गए एक अध्ययन में पाया गया था कि यहां के लगभग 74 से 88 फीसदी लोगों को अवसाद, तनाव और बैचेनी का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोना पर हुआ यह अध्ययन नॉटिंघम यूनिवर्सिटी मेडिसिन स्कूल की प्रोफेसर ने किंग्स कॉलेज लंदन और न्यूजीलैंड में ऑकलैंड यूनिवर्सिटी के सहयोगियों के साथ मिलकर की गई है. अध्ययन के मुताबिक इस शोध में पाया गया कि जो भी तनाव, बेचैनी और अवसाद जैसे मानसिक कारणों के परेशान हैं उनमें यह श्वसन से जुड़ी बीमारियां काफी खतरनाक स्थिति में पहुंच कर गंभीर लक्षण दिखा सकती हैं.

यह स्टडी नॉटिंघम विश्वविद्यालय मेडिसिन स्कूल में प्रोफेसर कविता वेधरा (Professor Kavita Vedhara) ने किंग्स कॉलेज लंदन और न्यूजीलैंड में ऑकलैंड विश्वविद्यालय के सहयोगियों के साथ मिलकर की है. उनके मुताबिक, पिछली रिसर्च से पता चला है कि स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसे मनोवैज्ञानिक कारक, श्वसन संबंधी वायरल बीमारियों और गंभीर लक्षणों को अधिक बढ़ा सकते हैं.

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विशेषज्ञों ने 1100 लोगों पर किया रिसर्च

इस अध्ययन के लिए विशेषज्ञों ने करीब 1100 वयस्कों को शामिल किया था. इसमें पाया गया कि जो लोग ज्यादा मानसिक तौर पर परेशान थे उनमें कोरोना संक्रमण के लक्षणों का अनुभव ज्यादा किया गया. जबकि अन्य में इसके लक्षण कम देखें गए. इस अध्ययन से जुड़ी प्रोफेसर वेधरा ने बताया कि अध्ययन में एकत्रित आंकड़ों के अनुसार कोरोना महामारी के कारण लोग मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं इतना ही नहीं इसकी वजह से संक्रमण के गंभीर लक्षणों का जोखिम भी बढ़ गया है.

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