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चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में अंतर्कलह शुरू, राहुल-प्रियंका की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

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पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद भविष्य की योजना तय करने की रणनीति बनाने के लिए पार्टी के बागी गुट 'जी-23' के नेताओं की बैठक गुलाम नबी आजाद के घर पर होगी.

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नई दिल्ली : यूपी समेत भारत के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस की करारी हार उसके दिग्गज नेता एक बार फिर बिदक गए हैं. चुनावी राज्यों में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन पर अब पार्टी के अंदर ही एक बार फिर अंतर्कलह की शुरुआत हो गई है. कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्टी आलाकमान से यह सवाल पूछने लगे हैं कि वर्ष 2014 के बाद देश में करीब 45 चुनाव हुए हैं, जिसमें कांग्रेस करीब 40 चुनाव हार गई हैं. केवल पांच चुनाव में ही पार्टी को जीत मिली. इस हार का कारण क्या है? इसके साथ ही, पार्टी के अंदर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए जाने लगे हैं.

पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल

अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने पार्टी की आंतरिक कलह और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनावी नतीजे सामने आने के बाद पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जल्द ही भविष्य की योजनाओं पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जल्द कराने के संकेत दिए, लेकिन कई नेताओं को इस पर भरोसा नहीं हो रहा है. पंजाब में कांग्रेस की करारी हार और आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस से युवा नेता अब यह कहने लगे हैं कि पार्टी के पुराने और थके हुए नेताओं को रास्ता बनाने की जरूरत है.

पार्टी की हार देख रो रहा है दिल

रिपोर्ट के अनुसार, पांच राज्यों में कांग्रेस की करारी हार पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं हैरान हूं. पार्टी की हार देख कर मेरा दिल रो रहा है. हमने पार्टी को अपनी पूरी जिंदगी और जवानी दी है. मुझे भरोसा है कि पार्टी का नेतृत्व सभी कमजोरियों और कमियों पर ध्यान देगा, जो मैं और मेरे साथी पिछले कुछ समय से उठा रहे हैं.

शशि थरूर ने नेतृत्व में सुधार की मांग दोहराई

वहीं, कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी नेतृत्व में सुधार की मांग दोहराई. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जो भी कांग्रेस पर भरोसा रखते हैं, उन्हें चुनावी नतीजों से दुख हुआ है. ये भारत के उस विचार को मजबूत करने का समय है, जिसके लिए कांग्रेस खड़ी है और देश को सकारात्मक एजेंडा देती है. ये हमारे संगठनात्मक नेतृत्व को इस तरह सुधारने का समय है, जो उन विचारों में फिर से जान भर दे और लोगों को प्रेरित करे. उन्होंने लिखा है कि एक बात साफ है, ‘सफल होने के लिए परिवर्तन जरूरी है.’

आजाद के घर पर होगी जी-23 की बैठक

पार्टी के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद भविष्य की योजना तय करने की रणनीति बनाने के लिए पार्टी के बागी गुट ‘जी-23’ के नेताओं की बैठक गुलाम नबी आजाद के घर पर होगी. सूत्रों के अनुसार, इन नेताओं की सबसे बड़ी चिंता यह है कि पार्टी को आंतरिक कलह और विभाजन से बचाकर एकजुट कैसे रखा जाए?

Also Read: UP की रेस में पीछे छूटी कांग्रेस: प्रियंका गांधी बोलीं- हम अपनी मेहनत को वोटों में तब्दील नहीं कर पाए
प्रियंका-राहुल की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

सबसे बड़ी बात यह भी है कि पांच राज्यों के चुनावी नतीजे सामने आने के बाद अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं. खासकर, पार्टी के युवा नेता इस प्रकार के सवाल उठा रहे हैं. युवा नेताओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश में अकेले प्रियंका गांधी वाड्रा ने 209 रैलियां और रोड शो किए हैं. ये दोनों हाथरस गए, लखीमपुर खीरी का मामला उठाया, लेकिन, कुछ भी काम नहीं आया. जातिगत और धार्मिक ध्रुवीकरण को देखते हुए हम यूपी में बहुत कुछ नहीं कर सकते थे. उन्होंने कहा कि दुख की बात यह है कि हम और हमारे नेता अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं.

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